नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
क्रिप्टो करेंसी क्या है
प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |
इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |
क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)
वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-
बिटकाइन (Bitcoin)
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|
सिया कॉइन (Sia Coin)
सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |
लाइटकॉइन (Lite Coin)
लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |
डैश (Dash)
यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |
रेड कॉइन (Red Coin)
रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)
एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।
ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)
इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |
मोनेरो (Monero)
मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |
Digital Currency Vs Cryptocurrency : क्या होती है डिजिटल करेंसी, यह क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग है?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के डिजिटल करेंसी पेश करने के प्लान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
हाइलाइट्स
- डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है।
- जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है।
- इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है।
नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने गुरुवार को बड़ा एलान किया। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक जल्द डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पेश करेगा। उसने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, आरबीआई (RBI) ने बहुत पहले ही अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का संकेत दे दिया था। दुनिया के कई दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक भी डिजिटल करेंसी शुरू करने की तैयारी में हैं। क्या आप डिजिटल करेंसी का मतलब जानते हैं? आइए इसका मतलब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि यह क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलगा है।
क्या है डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। जिस देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) इसे जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है-रिटेल (Retail) और होलसेल (Wholesale)। रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है। सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है। इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है। इससे जारी करने वाले देश में खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सॉवरेन मुद्रा में यानी उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के साथ यह सुविधा नहीं मिलती है।
दूसरा, फर्क यह है कि डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। बिटकॉइन इसका उदाहरण है। पिछले तीन महीने में बिटकॉइन की कीमत गिरकर आधा से कम रह गई है। तीसरा, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।
Crypto Currency: क्रिप्टो करेंसी क्या है, इसे कहां से खरीदें?
Crypto currency: आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें
Crypto Currency पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है
- क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क पर आधारित डिजिटल मुद्रा है, जिसका डिस्ट्रीब्यूशन कंप्यूटरों के एक विशाल नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है.
- कंप्यूटर नेटवर्क और ब्लॉकचेन पर आधारित यह विकेंद्रीकृत संरचना क्रिप्टो करेंसी को सरकारों और किसी भी वित्तीय नियंत्रण से बाहर रखती है.
- क्रिप्टो करेंसी के बारे वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लॉकचेन पर आधारित इस तकनीक के कारण दुनिया भर में फाइनेंशियल और कानूनी पेचीदगियां पैदा होंगी.
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह अन्य परंपरागत मुद्राओं के मुकाबले में बेहद सस्ता और तेज मनी ट्रांसफर है.
- क्रिप्टो करेंसी का सिस्टम डिसेंट्रलाइज होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसी एक जगह से इस मुद्रा पर नेगेटिव असर नहीं होगा.
- क्रिप्टो करेंसी की कुछ मुश्किलें भी हैं, जिनमें कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव, माइनिंग के लिए ऊर्जा की ज्यादा खपत और इसका आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल है.
ब्लॉकचेन की इसी खूबी की वजह से क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के लिये एक भरोसेमंद थर्ड पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इस तरह से देखें तो ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका लाभ आने वाले समय में वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा. उम्मीद की जा रही है कि ब्लॉकचेन की मदद से आने वाले समय में लेन-देनों की लागत में भी कमी आएगी. इससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी लेन-देन से भी छुटकारा मिलेगा.
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
मौजूदा समय में क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे रूप हैं। यहां पर हम कुछ लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी की चर्चा कर रहे हैं. बिटकॉइन (Bitcoin) को दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी माना जाता है. इसे सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बनाया था. यह एक डि-सेंट्रलाइज़ करेंसी है, यानी कि इस पर किसी सरकार या संस्था का नियंत्रण नहीं है. कीमत में लगातार होने बढ़ोतरी की वजह से लोगों में इस मुद्रा के प्रति बहुत आकर्षण है.
इथेरियम (Ethereum) भी एक ओपन सोर्स, डी-सेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है. इसके संस्थापक का नाम है Vitalik Buterin. इसके क्रिप्टो करेंसी टोकन को ‘Ether’ भी कहा जाता है. बिटकॉइन के बाद ये दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है.
लाइटकॉइन (Litecoin) भी एक डिसेंट्रलाइज तकनीक से उपजी डिजिटल मुद्रा है, जिसे एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किया गया है. इसके संस्थापक चार्ल्स ली (Charles Lee) हैं जो गूगल में काम कर चुके हैं. इसके बहुत सारे फीचर Bitcoin से मिलते-जुलते हैं.
डॉग कॉइन (Dogecoin) बनने की कहानी काफी रोचक है. बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए कुत्ते से उसकी तुलना की गई, जिसने आगे चलकर एक Cryptocurrency का रूप ले लिया. डॉग कॉइन के संस्थापक का नाम है बिली मार्कुस (Billy Markus). इन दिनों इस करेंसी की मार्केट वैल्यू बहुत अच्छी है.
टीथर (Tether) एक बड़ी और स्थिर मुद्रा है. यह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय विकल्पों में से एक है.
क्रिप्टो करेंसी कैसे और कहां से खरीदें?
हमें उम्मीद है कि ईटी हिंदी के इस लेख से आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बुनियादी जानकारी मिल गई होगी. अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो एक डिजिटल करेंसी होने की वजह से आपको ऑनलाइन ही इसमें निवेश करना होगा. ऐसे बहुत सारे प्लेटफॉर्म हैं जहां पर जाकर आप क्रिप्टो करेंसी की मौजूदा कीमत का पता लगा सकते हैं और उसे खरीद या बेच सकते हैं.
कुछ प्रमुख क्रिप्टो करेंसी खरीदने बेचने वाली ऑनलाइन वेबसाइट के बारे में हम आगे बता रहे हैं. इन सभी वेबसाइट पर आप अपना अकाउंट बनाकर क्रिप्टो करेंसी खरीद या बेच सकते हैं. इनमें से कुछ ने अपना मोबाइल ऐप भी लॉंच कर रखा है, जिसे इंस्टॉल करके आप अपने मोबाइल से भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं.
1. कॉइनस्विच (CoinSwitch)
2. वजीरएक्स (Wazirx)
3. यूनोकॉइन (Unocoin)
4. जेबपे (Zebpay)
5. कॉइनबॉक्स (Coinbox)
6. बीटीसीएक्सइंडिया (BTCxIndia)
7. लोकलबिटकॉइन (LocalBitcoin)
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) खरीदने से पहले जरूरी एहतियात
ध्यान रखें अगर आप किसी ऐप के जरिये क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे है तो इस बात की पड़ताल अवश्य कर लें कि जिस ऐप में आप निवेश कर रहे है वह सुरक्षित है या नहीं. इसकी एक वजह यह है कि हैकर्स मिलते-जुलते नामों वाली बहुत से स्पैमिंग वाले ऐप भी बना देते हैं, जिनकी वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
आप अपनी मर्जी से किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर सकते हैं, मगर निवेश करने से पहले उस डिजिटल करेंसी की हिस्ट्री, मौजूदा कीमत और पिछले कुछ महीनों में आए उतार-चढ़ाव के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल करें ताकि निवेश से पहले आप उससे जुड़े हर प्रकार के जोखिम को भली-भांति समझ सकें.
क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार की कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं है, ऐसी स्थिति में वित्तीय जोखिम आपको ही लेना होगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले इसके जोखिम का मूल्यांकन कर लें और उसी के अनुसार निवेश करें.
क्रिप्टो करेंसी पर ज्यादा रिटर्न मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए है, ऐसे में निवेशकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. क्रिप्टो करेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन कौन कर रहा है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करें. सोशल मीडिया और ऑनलाइन ओपिनियन व रिव्यू के माध्यम से विश्वसनीयता परखी जा सकती है.
इस बात का ध्यान रखें कि अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो करेंसी की हिस्सेदारी सीमित ही रखें. यह भी समझते और सीखते रहें कि किन फैक्टर का क्रिप्टो करेंसी की कीमतों पर असर पड़ता है.
डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi | क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है | Digital Currency in India
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) ने डिजिटल करेंसी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है | जहाँ आज से पहले हमारे देश में किसी चीज को खरीदने के लिए अधिकतर नगदी मुद्रा का इस्तेमाल होता रहा है, वही अब देश की मोदी सरकार द्वारा भारत में डिजिटल करेंसी को शुरू कर लेन-देन के तरीके को डिजिटल रूप दे दिया है | आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर का कहना है, कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल मुद्रा को जारी करने वाली है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है |
RBI ने बहुत पहले ही डिजिटल करेंसी को शुरू करने का संकेत दे दिया था | इसके अतिरिक्त दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक भी अपने-अपने देश में डिजिटल करेंसी को शुरू करने की तैयारी में क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? है क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? | यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी से बिलकुल अलग होगी | इस डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात यह होगी की इसे RBI द्वारा विनियमित किया जायेगा, जिससे लोगो को उनके पैसो के डूबने का खतरा भी नहीं होगा | यदि आप भी इस डिजिटल करेंसी के बारे अधिक जानकारी जानना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi, क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है, Digital Currency in India आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है |
डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)
यह डिजिटल करेंसी नगदी का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा,जिसे देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगी | इस करेंसी को केवल देश की केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ही जारी किया जा सकता है | देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी इसे शामिल किया जायेगा | इस डिजिटल मुद्रा की खास बात यह होगी की इसे सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में भी बदला जा सकेगा तथा यह भारत का डिजिटल रुपया होगा |
यह डिजिटल करेंसी दो तरह से क्रिप्टोकरेंसी किसे कहते है? होगी पहला रिटेल (Retail) और दूसरा होलसेल (Wholesale) | रिटेल डिजिटल मुद्रा को आम नागरिक तथा कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाया जायेगा, जबकि होल सेल डिजिटल करेंसी को वित्तीय संस्थाओ द्वारा इस्तेमाल किया जायेगा|
नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|
डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे होगा (How to Use Digital Currency)
भारत की डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी (CBDC) -सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है | लेकिन मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि RBI-बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को जारी किया जायेगा,जिसके बाद यह आपको मिलेगी | इसके बाद आप जिसे पेमेंट करना चाहते है, उसे इससे भुगतान कर दे यह सीधे उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी |
इसमें किसी तरह का वॉलेट नहीं होगा और न ही बैंक खाते की जरूरत होगी | यह बिलकुल नगदी (Cash) की तरह ही उपयोग में लायी जाएगी | फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल रूप में कार्य करेगी | यह नगद का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा |
क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है (What is Crypto Currency)
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा का एक रूप होता है | यह किसी सिक्के या नोट के रूप में आपकी जेब में न होकर पूरी तरह ऑनलाइन होती है | यह एक गैर कानूनी करेंसी होती है | जिसे किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं प्राप्त है, और न ही इसे किसी सरकारी या विनियामक अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है | इसमें व्यापार को बिना किसी नियमो के व्यापार किया जाता है |
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर (Difference Between Digital Currency and Cryptocurrency)
डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में सबसे बड़ा अंतर यह है, कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, यह देश की केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | इसलिए यह पूरी तरह से जोखिमों के अधीन होती है | यह जारी किये गए देश में खरीदारी लेन-देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है | इस करेंसी को सॉवरेन मुद्रा (Sovereign Currency) यानि उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है | वही क्रिप्टो करेंसी में इस तरह की सुविधा नहीं उपलब्ध होती है |
क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी की वैल्यू में किसी तरह का उतार-चढाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो करेंसी में उतार-चढ़ाव होते है, इसका एक उदाहरण बिटकॉइन है | बिटकॉइन की वैल्यू में आपको कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाते है | डिजिटल करेंसी को देश की केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, वही क्रिप्टो करेंसी में को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है |
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