India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में कमी से ज्यादा चिंताजनक है डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट!
Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. आयात महंगा होता जा रहा है तो रुपये को और कमजोर होने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है.
By: मनीष कुमार, | Updated at : 25 Oct 2022 05:10 PM (IST)
India Forex Reserves: वैश्विक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं घटते विदेशी मुद्रा भंडार की चुनौती से इन दिनों जूझ रही हैं. भारत का भी यही हाल है. भारतीय करेंसी रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है जिसके चलते आरबीआई ( RBI) के डॉलर के खजाने में बड़ा सेंध लगा है.
घट गया विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई के मुताबिक 14 अक्टूबर, 2022 को विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया है. जबकि पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर था. करीब एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 114.08 अरब डॉलर की कमी आई है. और जिस प्रकार रुपये में गिरावट जारी है उसे देखकर लग रहा कि आरबीआई को अपने खजाने से और भी डॉलर बेचना पड़ सकता है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी आर सकती है.
9 महीनों तक आयात की क्षमता!
भारत के पास जो विदेशी मुद्रा भंडार है उसके मुताबिक पहले भारत 9 महीनों तक आयात करने की क्षमता रखता है. रुपये में कमजोरी और डॉलर की मजबूती के चलते सरकारी तेल कंपनियों को कच्चे तेल के आयात सुनिश्चित बनाये रखने के लिए ज्यादा डॉलर खरीदना पड़ रहा है क्योंकि कच्चे तेल की खरीदी डॉलर में ही संभव है. प्राकृतिक गैस के अलावा खाने का तेल और सोना भी भारत आयात करता है जिसके लिए डॉलर चाहिए. डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये में कमजोरी बढ़ी है तो डॉलर मजबूत होता जा रहा है. एक तरफ कच्चा तेल महंगा है दूसरी तरफ डॉलर की मजबूती से भारत को कच्चा तेल आयात करने के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ रहा है.
रुपये में कमजोरी है चिंताजनक!
एक तरफ विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट सरकार और आरबीआई की चिंता बढ़ाने का काम कर रहा है. तो रुपये में कमजोरी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है. रुपये में एक साल में 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ अरूण कुमार का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार के घटने से ज्यादा चिंताजनक हालात डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही लगातार गिरावट है. उन्होंने कहा कि करेंसी कमजोर हो रही है. करेंसी तेजी से ना गिरे इसलिए आरबीआई डॉलर बेच रहा है. इसलिए कितना विदेशी मुद्रा की रिजर्व है उससे ज्यादा करेंसी की मजबूती ज्यादा मायने रखती है. उन्होंने कहा, 'करेंसी कमजोर हुई इससे महंगाई बढ़ेगी, मेरे हिसाब से करेंसी की मजबूती को देखना चाहिए ना कि विदेशी मुद्रा भंडार को.'
पर्याप्त है विदेशी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी मुद्रा भंडार!
फिच रेटिंग्स ने हाल ही में कहा कि भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है और चालू खाते का घाटा भी दायरे में रह सकता है. फिच के मुताबिक अमेरिका के मॉनिटरी पॉलिसी की सख्ती और कमोडिटी के उच्च कीमतों से सामना करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा का भंडार है.
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Published at : 25 Oct 2022 05:07 PM (IST) Tags: Indian Economy Fitch Ratings RBI Rupee - Dollar Foreign Currency Reserves India Forex Reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: विदेशी मुद्रा भंडार में कमी Business News in Hindi
डेली अपडेट्स
मुद्रास्फीति दर: बाज़ार मुद्रास्फीति में परिवर्तन मुद्रा विनिमय दरों में परिवर्तन का कारण बनता है। उदाहरण के लिये दूसरे देश की तुलना में कम मुद्रास्फीति दर वाले देश की मुद्रा के मूल्य में वृद्धि देखी जाती है।
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इसमें निर्यात, आयात, ऋण आदि सहित कुल लेन-देन शामिल हैं।
उत्पादों के आयात पर अपने विदेशी मुद्रा कोअधिक खर्च करने के कारण चालू खाते में घाटा, निर्यात की बिक्री से होने वाली आय से मूल्यह्रास का कारण बनता है और यह किसी देश की घरेलू मुद्रा की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को बढ़ावा देता है।
सरकारी ऋण: सरकारी ऋण केंद्र सरकार के स्वामित्व वाला ऋण है। बड़े सरकारी कर्ज वाले देश में विदेशी पूंजी प्राप्त करने की संभावना कम होती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ जाती है।
इस मामले में,विदेशी निवेशक अपने बॅाण्ड की विक्री खुले बाज़ार में करेंगे, यदि बाज़ार किसी निश्चित देश के भीतर सरकारी ऋण का अनुमान लगाता है। परिणामतः इसकी विनिमय दर के मूल्य में कमी आएगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. भुगतान सन्तुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है? (2014)
- व्यापार संतुलन
- विदेशी संपत्ति
- अदृश्य का संतुलन
- विशेष आहरण अधिकार
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(विदेशी मुद्रा भंडार में कमी c) केवल 1 और 3
(d) केवल 1, 2 और 4
उत्तर: (c)
व्याख्या:
- भुगतान संतुलन (BoP) दो मुख्य पहलुओं से बना है: चालू खाता और पूंजी खाता।
- BoP का चालू खाता वस्तुओं, सेवाओं, निवेश आय और हस्तांतरण भुगतानों के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी प्रवाह व बहिर्वाह को मापता है। सेवाओं में व्यापार (अदृश्य); माल के रूप में व्यापार (दृश्यमान); एकतरफा स्थानांतरण; विदेशों से प्रेषण; अंतर्राष्ट्रीय सहायता चालू खाते के कुछ मुख्य घटक हैं। जब सभी वस्तुओं और सेवाओं को संयुक्त किया जाता है, तो वे एक साथ मिलकर किसी देश का व्यापार संतुलन (BoT) को दर्शाता है। अतः कथन 1 और 3 सही हैं।
- BoP का पूंजी खाता किसी देश के निवासियों और बाकी दुनिया के बीच उन सभी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है, जो देश के निवासियों या उसकी सरकार की संपत्ति या देनदारियों में बदलाव का कारण बनते हैं
- निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्रों द्वारा ऋण और उधार; निवेश; विदेशी मुद्रा भंडार में परिवर्तन पूंजी खाते के घटकों के कुछ उदाहरण हैं। अतः कथन 2 और 4 सही नहीं हैं। इसलिये विकल्प (c) सही उत्तर है।
मेन्स:
प्रश्न.भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता का औचित्य सिद्ध कीजिये। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों और वास्तविक एफडीआई के बीच अंतर क्यों है? भारत में वास्तविक एफडीआई बढ़ाने के लिये उठाए जाने वाले उपचारात्मक कदमों का सुझाव दीजिये।
Foreign Currency Reserve: फिर हुई विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, जानें कितना रह गया
अपने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Asset) में एक बार फिर से कमी आई है। चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण स्वर्ण भंडार (Gold Reserve) में आई भारी गिरावट है।
Foreign exchange reserves declined by more than one billion dollars
हाइलाइट्स
- देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर कमी आई है
- चार नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में यह 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया
- इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है
क्यों आ रही है विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है। खुले बाजार में भी रुपये की कीमत थामने के लिए डॉलर की बिक्री करनी पड़ रही है। इसी वजह से डॉलर का भंडार कम हो रहा है।
एफसीए में भी कमी
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, चार नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर रह गयीं। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर डॉलर मुद्रा के मूल्य में आई कमी या बढ़त के प्रभावों को दर्शाया जाता है।
स्वर्ण भंडार और एसडीआर में भी कमी
आंकड़ों के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में देश का स्वर्ण भंडार 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (SDR) 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है।
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में रखा देश का मुद्राभंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
साल खत्म होने से पहले देश के लिए आई एक बुरी खबर, भारत की विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
भारत की विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर कमी देखी गई है। साल खत्म होने से पहले देश के लिए आई एक बुरी खबर है।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: December 24, 2022 12:23 IST
Photo:FILE साल खत्म होने से पहले देश के लिए आई एक बुरी खबर
India Forex Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.499 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को दी गई इस जानकारी के मुताबिक, पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह तेजी हुई थी।
इस महीने में भारत के पास थे अब तक के सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार
बता दें, अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट आई थी। केंद्रीय बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में कमी कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गईं।
स्वर्ण भंडार में आई तेजी
डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है। इसके अलावा स्वर्ण भंडार का मूल्य आलोच्य सप्ताह में 15 करोड़ डॉलर घटकर 40.579 अरब डॉलर रह गया। आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 7.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.181 अरब डॉलर हो गया। समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.114 अरब डॉलर हो गया।
Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट
एक बार फिर विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। इससे एक सप्ताह पहले 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह विदेशी मुद्रा भंडार में कमी गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।
वजह क्या है: विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। आरबीआई के मुताबिक इस दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया।
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 30 करोड़ डॉलर घटकर 37.886 अरब डॉलर पर आ गया है।
विनिमय दर में बदलाव से गिरावट: आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 प्रतिशत योगदान है। अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न के बढ़ने से बदलाव देखने को मिला। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में तेज गिरावट हुई है।
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