Cryptocurrency: चीन का बड़ा एलान, क्रिप्टो करेंसी में सभी लेन-देन को किया अवैध, बिटकॉइन की गिरी कीमत
Cryptocurrency: चीन के केन्द्रीय बैंक ने शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है.
By: Agencies | Updated at : 24 Sep 2021 11:18 PM (IST)
Cryptocurrency: चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए बिटकॉइन और इस प्रकार की अन्य आभासी मुद्राओं में किये जाने वाले सभी प्रकार के लेन-देन को अवैध घोषित कर दिया. साथ ही अनधिकृत तरीके से डिजिटल मुद्रा के उपयोग पर पाबंदी लगाने को लेकर अभियान शुरू किया है. शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है. इसका उपयोग काले धन को वैध बनाने और अन्य अपराधों में किया जा रहा है.
चीन का केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा, ‘‘मुद्राओं की तरह उपयोग होने वाले डिजिटल करेंसी डेरिवेटिव सौदे अवैध वित्तीय गतिविधियां हैं और यह प्रतिबंधित है.’’
इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद बिटकॉइन की कीमत 9 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 41,085 डॉलर पर आ गयी. एथेरेम की कीमत 10 प्रतिशत कम होकर 2,800 डॉलर पर आ गयी. इस प्रकार की अन्य मुद्राओं का भी यही हाल हुआ है.
चीनी बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी पर 2013 में पाबंदी लगा दी थी लेकिन सरकार ने इस साल अनुस्मरण पत्र जारी किया. यह बताता है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर आधिकारिक स्तर पर चिंता है. सरकार इस प्रकार की मुद्राओं के जरिये लेन-देन से वित्तीय प्रणाली को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है.
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क्रिप्टोकरेंसी के प्रवर्तकों का कहना है कि इससे एक गोपनीयता रहती है और लचीलापन रहता है, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्तीय प्रणाली पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं. यह भी कहा जाता है कि इससे आपराधिक गतिविधि को छिपाने में मदद हो सकती है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना नकद-रहित लेन-देन को लेकर देश की मुद्रा युआन का डिजिटल संस्करण विकसित कर रहा है. इस पर सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण होगा.
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Published at : 24 Sep 2021 11:14 PM (IST) Tags: China Cryptocurrency Bitcoin Illegal currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
New Delhi: वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की दिशा, डेरिवेटिव निपटान की वजह से रहेगा उतार-चढ़ाव
इंडिया ग्राउंड रिपोर्ट डेस्क
नयी दिल्ली:(New Delhi) स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे (home front) पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों (Beyond Monthly Derivatives Contracts) के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी। इसके अलावा नवंबर माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 131.56 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं निफ्टी में 42.05 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में भी कुछ कमजोरी का रुख देखने को मिला।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘संकेतकों के अभाव में बाजार ने सीमित दायरे में कारोबार किया। डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के बीच अब बाजार को दिशा के लिए संकेतकों का इंतजार रहेगा। इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए। हालांकि, व्यापक रूप से बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे की बात की जाए तो एफओएमसी की बैठक के ब्योरे से कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। साथ ही संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा। पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार वैश्विक संकेतकों से ही दिशा लेगा।
Market Outlook This Week: ग्लोबल ट्रेंड से तय होगी बाजार की चाल, डेरिवेटिव एक्सपायरी की वजह से रहेगा उतार-चढ़ाव
Market Outlook: एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे.
स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह ग्लोबल ट्रेंड्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह से तय होगी.
Market Outlook This Week: स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह ग्लोबल ट्रेंड्स और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंथली डेरिवेटिव एक्सपायरी की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए संकेतक मिलेंगे.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
- रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ी घटना नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा ग्लोबल ट्रेंड, कच्चे तेल के दाम और मुद्रा के उतार-चढ़ाव से तय होगी.
- इसके अलावा नवंबर माह के डेरिवेटिव एक्सपायरी की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. वैश्विक बाजारों में भी कुछ कमजोरी का रुख देखने को मिला.
- स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, ‘‘संकेतकों के अभाव में बाजार ने सीमित दायरे में कारोबार किया. डेरिवेटिव एक्सपायरी के बीच अब बाजार को दिशा के लिए संकेतकों का इंतजार रहेगा. इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए. हालांकि, व्यापक रूप से बाजार में मुनाफावसूली मुद्रा डेरिवेटिव के नुकसान देखने को मिल रही है.’’
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 8 कंपनियों मुद्रा डेरिवेटिव के नुकसान का मार्केट कैप 42,173 करोड़ बढ़ा, ICICI बैंक, Infosys को सबसे ज्यादा फायदा
FOMC की बैठक का दिख सकता है असर
उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे की बात की जाए तो एफओएमसी की बैठक के ब्योरे से कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. साथ ही संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा. पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर किसी बड़े घटनाक्रम के अभाव में बाजार वैश्विक संकेतकों से ही दिशा लेगा. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 131.56 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान में रहा. वहीं निफ्टी में 42.05 अंक या 0.22 प्रतिशत की गिरावट आई.
मुद्रा डेरिवेटिव के नुकसान
SEBI ने डेरिवेटिव सेगमेंट में डिलीवरी डिफॉल्ट के लिए नई रूपरेखा जारी की
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया(SEBI) ने क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(CCIL) के साथ मिलकर डेलिवेरी डिफॉल्ट की स्थिति में कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए एक नई दंड संरचना तैयार की।
- कृषि और गैर-कृषि वस्तुओं में, विक्रेता द्वारा डेलिवेरी डिफ़ॉल्ट के लिए जुर्माना क्रमशः प्रतिस्थापन लागत के मुद्रा डेरिवेटिव के नुकसान साथ निपटान मूल्य का 4% और 3% होगा।
नोट – व्युत्पन्न दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य अंतर्निहित वित्तीय परिसंपत्ति या परिसंपत्तियों के सेट पर आधारित है।
- CCIL के परामर्श से, SEBI ने डेलिवेरी डिफॉल्ट मानदंडों के साथ सामने आया, जो मई 2021 के मुद्रा डेरिवेटिव के नुकसान पहले कारोबारी दिन से प्रभावी होगा।
डेलिवेरी डिफ़ॉल्ट मानदंड:
विक्रेताओं द्वारा डेलिवेरी डिफ़ॉल्ट के लिए जुर्माना:
i.कृषि वस्तुओं के लिए
- कृषि वस्तुओं पर वायदा अनुबंधों के लिए, डेलिवेरी डिफ़ॉल्ट के मामले में विक्रेता पर जुर्माना प्रतिस्थापन लागत के साथ निपटान मूल्य का 4% होगा।
ii.गैर-सांस्कृतिक वस्तुओं के लिए
- गैर-कृषि वस्तुओं पर वायदा अनुबंध के मामले में, प्रतिस्थापन लागत के साथ जुर्माना निपटान मूल्य का 3% होगा।
खरीदारों द्वारा वितरण डिफ़ॉल्ट के लिए जुर्माना:
कृषि और गैर-कृषि दोनों वस्तुओं के लिए
- खरीदार द्वारा डिफ़ॉल्ट के मामले में, CCIL गैर-चूक पार्टी द्वारा किए गए नुकसान की समीक्षा करेगा।
- हालांकि, इस तरह के दंड को ऐसे डिफ़ॉल्ट खरीदार से CCIL द्वारा एकत्र किए गए डिलीवरी मार्जिन के समग्र कैप के भीतर होना चाहिए।
जुर्माना लगाने के लिए मानदंड:
- निपटान मूल्य का कम से कम 1.75% CCIL के SGF में जमा किया जाएगा, जबकि निपटान व्यय का 0.25 प्रतिशत तक CCIL द्वारा प्रशासन के खर्चों के लिए बरकरार रखा जा सकता है।
- गैर-कृषि वस्तुओं के मामले में निपटान मूल्य का 1% या कृषि वस्तुओं के मामले में निपटान मूल्य का 2% प्लस प्रतिस्थापन लागत खरीदार को जाएगा जो डेलिवेरी प्राप्त करने का हकदार था।
CCIL को लगाया गया अधिकार:
- यह खरीदार द्वारा डेलिवेरी डिफ़ॉल्ट पर जुर्माना लगाने के प्रावधानों को ठीक करेगा।
- इसमें SEBI के परामर्श से स्थिति के आधार पर विशिष्ट वस्तुओं के लिए जुर्माना बढ़ाने या घटाने की सुविधा है।
हाल के संबंधित समाचार:
फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (FIA) के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NSE) 2020 तक लगातार दूसरे वर्ष में कारोबार की संख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज बना रहा।
क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL) के बारे में:
- CCIL भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत और पर्यवेक्षण किया जाता है।
- यह मनी, G-सेक, विदेशी मुद्रा और व्युत्पन्न बाजारों में लेनदेन के लिए गारंटीकृत समाशोधन और निपटान कार्य प्रदान करेगा।
स्थापना – अप्रैल 2001
मुख्यालय – मुंबई, महाराष्ट्र
प्रबंध निदेशक – हरे कृष्ण जेना
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 680