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क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका पैसा, ये हैं वजहें

बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है. 1 सितंबर क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.50 लाख रुपये थी जो अब घटकर करीब 2.70 लाख रुपये रह गई है.

क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका पैसा, ये हैं वजहें

पेठे ने क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है बताया कि जब मैंने कंपनी को कई बार फोन और दूसरे तरीके से संपर्क साधा तो अंत में तीन महीने बाद उनके अकाउंट में पैसा आया. पेठे का कहना है कि अब मुझे इस बात का डर लगने लगा है कि इस क्रिप्टोकरेंसी की स्कीम में मेरा किया हुआ निवेश डूबेगा तो नहीं. इसे देखकर पेठे जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाहते हैं. और भविष्य में वह इस तरह के निवेश से बचना चाहते हैं.

Bitcoins

Bitcoin is a cryptocurrency, or a digital currency, that uses rules of cryptography for regulation and generation of units of currency.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के मुताबिक भारत में रोजाना करीब 2500 नए ग्राहक इसमें पैसा लगा रहे हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट गोपाल जीवराजका के मुताबिक बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है और इसमें कोई फिजिकल एसेट नहीं हैं. इसके बावजूद बिटकॉइन क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जोकि काफी चिंता का विषय है.

itsblockchain.com के संस्थापक और बिटकॉइन एक्सपर्ट हितेश मालवीय का कहना है कि दूसरे किसी भी निवेश के साधन में इतने कम समय में इतना तगड़ा रिटर्न नहीं मिला है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए बड़ी संख्या में निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं. हालांकि अब लग रहा है कि भारतीय निवेशकों का इस क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाने का समय खत्म हो चुका है. इस साल जनवरी से सितंबर के बीच ही बिटकॉइन की कीमतें 5 गुना उछली हैं.

अब बिटकॉइन में भारी गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.5 लाख रुपये पर पहुंच गई थी. 14 सितंबर को भाव गिरकर 2.4 लाख रुपये पर आ गया. यानी महज दो हफ्ते में 31 फीसदी की भारी गिरावट. चीन में ऑनलाइन टोकन (इनीशियल कॉइन ऑफरिंग) पर रोक के बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है.

एक साल में 750% चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
पिछले एक साल में बिटकॉइन की कीमतें 750 फीसदी चढ़ी है लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसका दाम 30 फीसदी लुढ़का है. 20 सितंबर 2016 को एक बिटकॉइन का भाव 41,455 रुपये था. एक सितंबर को करीब 3.54 लाख रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 सितंबर को भाव 2.68 लाख पर आ गया. बिटकॉइन में आई यह गिरावट क्या निवेश का सुनहरा मौका है? हालांकि एक्सपर्ट अब बिटकाइन में निवेश से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं. ये हैं 7 वजहें क्यों बिटकॉइन या दूसरी वर्चुअल करेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए.

bitcoin

Investments in the digital currency have been rewarding for investors.

1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है.

2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.

3-अगर आप वर्चुअल करेंसी के बारे में नहीं जानते तो इससे दूर रहें
दुनियाभर के कई बड़े बैंकों और जानकारों ने इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से दूर रहने की सलाह दी है. उनकी नजर में बिटकॉइन का बुलबुला कभी भी फूट सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक जेपी मॉर्गेन के सीईओ जैमी डिमॉन का तो यहां तक कहना है कि यह छुईमई के पौधे से भी ज्यादा संवेदनशील है.

4- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.

5- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.

bitcoin

A federal government panel is examining options such as banning, regulating or limited intervention for virtual currencies in India.

6- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.

7- गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.

'Bitcoin'

बिटकॉइन की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण कुछ देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लगभग छह महीने पहले उज्बेकिस्तान ने सोलर पावर से क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग की अनुमति देने का फैसला किया था

Cardano, Dogecoin, Shiba Inu, Polygon, Polkadot, Litecoin और Tron के प्राइस सोमवार को गिरावट के साथ खुले

Bitcoin Investors Alert: पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने लगभग 69,000 डॉलर का हाई छुआ था और तब इन वॉलेट्स की संख्या 1,13,898 थी

BlockFi के दिवालियापन की घोषणा का असर जिन क्रिप्टो पर पड़ रहा है, हम नीचे उन सभी को लिस्ट कर रहे हैं।

इसके तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर Binance के ऑपरेशनल स्टेटस के बारे में पूछताछ करने वाले ट्वीट्स की बाढ़ आ गई।

Litecoin को बिटकॉइन का करीबी साथी माना जाता है। दोनों ही क्रिप्टोकरेंसी एक जैसे अंदाज में काम करती हैं लेकिन लाइटकॉइन कुछ चीजों में बेहतर माना जाता है।

Cryptocurrency | Written by: राधिका पाराशर, Edited by: आकाश आनंद |गुरुवार नवम्बर 24, 2022 07:00 PM IST

क्रिप्टो का ग्लोबल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले एक दिन में 1.93 प्रतिशत बढ़ा है। यह 838 अरब डॉलर से अधिक का है। क्रिप्टो मार्केट में प्रॉफिट दर्ज करने वाले अन्य टोकन Binance Coin, Ripple और Cardano रहे

इस वर्ष की दूसरी तिमाही से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट शुरू होने के बाद अल साल्वाडोर को बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट पर भारी नुकसान हुआ है। अल साल्वाडोर के पास 2,381 बिटकॉइन हैं जिनका औसत प्राइस 43,357 डॉलर का है

बिटकॉइन को किसी भी प्राइस खरीदना नहीं चाहते मशहूर इनवेस्टर Jim Rogers

हाल ही में एक इंटरव्यू में Rogers ने कहा कि वह Bitcoin को तभी खरीदेंगे जब यूरोपियन यूनियन से इसे करेंसी के तौर पर स्वीकृति मिलती है

बिटकॉइन को किसी भी प्राइस खरीदना नहीं चाहते मशहूर इनवेस्टर Jim Rogers

बिटकॉइन का मौजूदा प्राइस लगभग 24,000 डॉलर है

खास बातें

  • Rogers ने कहा कि सरकारें करेंसी पर अपना एकाधिकार नहीं गंवाएंगी
  • वह चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकारों की ओर से गारंटी दी जाए
  • पिछले कुछ महीनों से बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट है

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता बढ़ी है. हालांकि, कुछ बड़े इनवेस्टर्स इस सेगमेंट से दूरी रखना चाहते हैं. इनमें अमेरिकी इनवेस्टर Jim Rogers भी शामिल हैं. उनका कहना है कि वह क्रिप्टोकरेंसीज को किसी भी प्राइस पर नहीं खरीदेंगे. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने इसमें इनवेस्टमेंट के लिए कुछ गुंजाइश रखी है.

हाल ही में एक इंटरव्यू क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है में Rogers ने कहा कि वह Bitcoin को तभी खरीदेंगे जब यूरोपियन यूनियन से इसे करेंसी के तौर पर स्वीकृति मिलती है. वह चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकारों की ओर से गारंटी दी जाए. उनका कहना है कि सट्टेबाजी के लिए बिटकॉइन ठीक है लेकिन एक करेंसी के तौर पर यह नाकाम हो जाएगा. Rogers ने कहा कि सरकारें करेंसी पर अपना एकाधिकार नहीं गंवाएंगी. ऐसी टिप्पणियों से Rogers ने बिलिनेयर Ray Dalio की राय से सहमति जताई है. लगभग दो महीने पहले Rogers ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन के लगभग एक दशक पहले कुछ डॉलर के प्राइस पर छोड़ने की उन्होंने गलती की थी.

इससे कुछ लोगों को Rogers की क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सोच बदलने का संकेत मिला था. हालांकि, Rogers ने इसके बाद दिए एक अन्य इंटरव्यू में यह स्पष्ट कर दिया कि बिटकॉइन को लेकर उनकी आशंका बरकरार है. उनका कहना है कि बिटकॉइन केवल सट्टेबाजी का एक जरिया है और यह वास्तविक करेंसी नहीं है.

उन्होंने लगभग दो वर्ष पहले यह पूर्वानुमान दिया था कि मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस शून्य हो जाएगा क्योंकि दुनिया भर में सरकारें इसे आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देंगी. Rogers अकेले ऐसे बड़े इनवेस्टर नहीं हैं जो बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है रखते हैं. इस वर्ष की शुरुआत में इनवेस्टमेंट फर्म Berkshire Hathaway के CEO Warren Buffett ने कहा था कि वह बिटकॉइन का प्राइस 25 डॉलर तक पहुंचने पर भी इसे नहीं खरीदेंगे. पिछले वर्ष बिटकॉइन ने लगभग 69,000 डॉलर के साथ हाई लेवल बनाया था. इसके बाद से इसमें गिरावट आ रही है और इसका प्राइस लगभग 24,000 डॉलर पर है. क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बड़े कारणों में स्लोडाउन और अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित बहुत से देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट में की गई बढ़ोतरी शामिल हैं. क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट से इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को काफी नुकसान हुआ है.

भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)

केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.

18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.

क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ क्या बिटकॉइन खरीदना हलाल है ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है. लोकसभा बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.

बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.

देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स

दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.

दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी

आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.

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