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गोल्ड पर सरकार का नया फैसलाः आम आदमी को कैसे होगा फायदा, जानिए 12 पॉइंट्स में जरूरी बातें

कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास

स्टॉक एक्सचेंज में सोना खरीदना और बेचना अब हकीकत बनने जा रहा है. बाजार नियामक सेबी ने इलेक्ट्रॉनिक सोने की रसीदों में व्यापार करने के लिए बीएसई को हरी झंडी दे दी है.

यह कदम बुलियन एक्सचेंज के शुभारंभ का मार्ग प्रशस्त करता है. वित्त मंत्रालय ने प्रतिभूति अनुबंध अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक स्वर्ण प्राप्तियों (ईजीआर) को प्रतिभूतियों के रूप में वर्गीकृत किया है.

इसका मतलब है कि अब आप सोने के साथ-साथ शेयरों में भी व्यापार कर सकते हैं. हम इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीदों को पेपर गोल्ड कह सकते हैं. यह एक निवेश साधन है. ईजीआर, शेयर की तरह, डीमैट रूप में रखा जाएगा. खास बात यह है कि जरूरत पड़ने पर आप इन्हें फिजिकल गोल्ड में भी बदल सकते हैं.

2-वित्त मंत्रालय के इस कदम के बाद, इलेक्ट्रॉनिक सोने की रसीदों का मौजूदा एक्सचेंजों पर अलग-अलग वर्गों में कारोबार किया जाएगा.

4-मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स)ः इस सेगमेंट में बीएसई का मुख्य प्रतियोगी होगा क्योंकि यह कमोडिटीज विशेष रूप से बुलियन में स्पॉट ट्रेडिंग शुरू करने का इरादा रखता है.

8- सर्राफा वायदा, कच्चे तेल और धातुओं में व्यापार एमसीएक्स की एक प्रमुख ताकत है, जो लगभग दो दशकों से है.

भारत में स्थापित होगा गोल्ड एक्सचेंज, शेयर की तरह होगी ट्रेडिंग

भारत में स्थापित होगा गोल्ड एक्सचेंज, शेयर की तरह होगी ट्रेडिंग

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गोल्ड एक्सचेंज का गठन करने के लिए सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) विनिमय, 2021 के फ्रेमवर्क को कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही भारत में भी गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत होने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में शेयर बाजार की तर्ज पर ही सोने की ट्रेडिंग की जाएगी। हालांकि इसमें सोने की ट्रेडिंग हाजिर सोने (स्पॉट गोल्ड) की तरह नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट यानी ईजीआर के रूप में की जाएगी।

हालांकि गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में ईजीआर ट्रेडिंग के लिए सोने के न्यूनतम मूल्य या न्यूनतम वजन की बात को लेकर अभी कोई निश्चित पैमाना तय नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रस्तावित गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में वॉल्ट मैनेजर बनने के लिए न्यूनतम 50 करोड़ रुपये नेटवर्थ वाली कंपनियां आवेदन कर सकेंगी। इन कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के पास पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही वे गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में वॉल्ट मैनेजर के रूप में काम की शुरुआत कर सकेंगी।

ऐसे होगी ट्रेडिंग -

बताया जा रहा है कि गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले फिजिकल गोल्ड को वॉल्ट मैनेजर के पास जमा कराना होगा। वॉल्ट मैनेजर सोने की गुणवत्ता को परखने और वजन के हिसाब से उसकी कीमत तय करने के बाद इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (ईजीआर) जारी करेगा। इस ईजीआर को जब तक वॉल्ट मैनेजर के पास सरेंडर नहीं किया कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास जाएगा, तब तक वो ट्रेडिंग के लिए मान्य बना रहेगा। मतलब इस ईजीआर का कोई एक्सपायरी टाइम नहीं होगा। सरेंडर करने के बाद ये ईजीआर खुद ही अमान्य हो जाएगा। बताया जा रहा है कि ईजीआर को भुनाने के लिए ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब से कभी भी ईजीआर को वॉल्ट मैनेजर के पास सरेंडर करके उस समय की सोने की कीमत के हिसाब से सोना ले सकेगा।

बताया जा रहा है कि गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रस्तावित ईजीआर को सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) ऐक्ट-1956 के तहत एक सिक्योरिटी के रूप में ही नोटिफाई किया जाएगा। सेबी (वॉल्ट मैनेजर्स) विनिमय, 2021 के तहत मिली मंजूरी के मुताबिक देश के किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में एक अलग सेगमेंट के रूप में ईजीआर की ट्रेडिंग की जा सकेगी। इस तरह से गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज के साथ ही शेयर बाजार भी प्रत्यक्ष तौर पर ईजीआर ट्रेडिंग का हिस्सा बन सकेगा।

एक देश एक कीमत -

कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि भारत जैसे देश में हर साल करीब 800 टन सोने की घरेलू मांग होती है। मतलब रोजाना औसतन 2.2 टन सोना घरेलू बाजार में बिक जाता है। लेकिन अभी भी देश में सोने की खरीद बिक्री के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई एक मूल्य निर्धारण प्रक्रिया नहीं बन सकी है। देश के अलग-अलग शहरों में सोने की कीमत में प्रति 10 ग्राम 100 रुपये से 600 रुपये तक का अंतर पाया जाता है। लेकिन गोल्ड स्टॉक एक्सचेंज का गठन हो जाने के बाद ईजीआर ट्रेडिंग के जरिए सोने का एक राष्ट्रीय मूल्य तय किया जा सकेगा। बाजार की मांग के मुताबिक इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव जरूर होगा, लेकिन देश के हर कोने में एक वक्त में सोने की समान कीमत ही मान्य होगी।

Our history

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के नेतृत्व में कमोडिटी विशेषज्ञों की एक बहु-हितधारक 'गोलमेज' प्रत्येक क्षेत्र में स्थिरता के भविष्य पर चर्चा करने के लिए मिलती है; प्रत्येक क्षेत्र के किसानों के लिए समाधान; और पर्यावरण। विचारों में से एक बेहतर कपास पहल (बीसीआई) है। एडिडास, गैप, एचएंडएम, इंटरचर्च ऑर्गनाइजेशन फॉर डेवलपमेंट कोऑपरेशन (आईसीसीओ), इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चरल प्रोड्यूसर्स (आईएफएपी), इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, आईकेईए, ऑर्गेनिक एक्सचेंज, ऑक्सफैम, पेस्टिसाइड्स एक्शन नेटवर्क (पैन) यूके और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ सहित संगठनों ने अपना समर्थन दिया।

तैयारी चरण

एक टीम बेहतर कपास - कपास की आपूर्ति और मांग की संभावनाओं की जांच करती है जो इसके उत्पादकों और उनके वातावरण के लिए बेहतर है। वैश्विक और नागरिक समाज संगठन और ब्रांड अपनी रुचि दर्ज करते हैं।

बीसीआई आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया है। पहला बेटर कॉटन वैश्विक मानक प्रकाशित हुआ है।

कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंज के विकास का इतिहास

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड
142, महात्मा गांधी रोड, नुंगमबक्कम, चेन्नई 600 034
दूरभाष : 91 - 44 -28306600
ईमेल : [email protected] वेबसाइट : www.ifinltd.in

आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड (आईफिन) की स्थापना 1995 में आईएफसीआई लि. द्वारा निवेशकों, संस्थानों और खुदरा निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई थी । आईफिन मुख्य रूप से स्टॉक ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, म्युचुअल फंड वितरण और सलाहकारी सेवाएं, डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं, बीमा उत्पाद वितरण तथा इसके जैसे अन्य कार्यों से जुड़ी हुई है ।

सेवाओं का समूह

आईएफसीआई के साथ जुड़े होने के नाते, भारत के निवेशक समुदाय और अनिवासी भारतीयों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद व सेवाएं प्रदान करने के सम्बन्ध में आईफिन को एक प्रमुख अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है । इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -

  • स्टॉक ब्रोकिंग
  • कमोडिटीज ब्रोकिंग
  • मुद्रा ट्रेडिंग
  • पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं
  • डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं
  • मर्चेन्ट बैंकिंग
  • बीमा निगमित एजेंसी
  • म्युचुअल फंड उत्पाद वितरण
  • आईपीओ वितरण
  • निगमित सलाहकारी सेवाएं

आईफिन की सदस्यताएं और लाइसेंस

दि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एनएसई) : आईफिन एक प्रमुख ब्रोकिंग हाउस है और इस समय यह एनएसई की इन सभी श्रेणियों का सदस्य है - नकद बाजार (सीएम), वायदा व विकल्प (एफ एण्ड ओ) थोक ऋण बाजार (डब्ल्यूडीएम) और मुद्रा डेरिवेटिव्स । कम्पनी बीमा, म्युचुअल फंड और बैंकिंग क्षेत्रों में कई प्रतिष्ठित संस्थागत ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है ।

दि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लि. (बीएसई) : आईफिन भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक अर्थात् बीएसई का नकद बाजार (सीएम) खण्ड का भी सदस्य है ।

मल्टी कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एमसीएक्स - एसएक्स) : आईएफिन ने एमसीएक्स - एमएक्स से एक लाइसेंस प्राप्त किया है और मुद्रा खण्ड का सदस्य है । एमसीएक्स - एसएक्स मुद्रा जोखिम बचाव के लिए निर्यातकों, आयातकों, निगमित कम्पनियों और बैंकों सहित वित्तीय बाजार सहभागियों की व्यापक श्रृंखला के लिए बहुत से लाभ प्रदान करता है ।

डिपाजिटरी भागीदार (डीपी) : नेशनल सिक्युरिटी डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) तथा सेन्ट्रल डिपाजिटरी सर्विसिज लिमिटेड (सीडीएसएल) के साथ एक डिपाजिटरी भागीदार के रूप में, आईफिन अपने ग्राहकों को व्यापक रूप से समग्र सेवाएं प्रदान करता है ।

मर्चेन्ट बैंकिंग : सेबी द्वारा अनुमोदित श्रेणी-। मचन्ट बैंकर के रूप में, आईफिन भारतीय कम्पनियों की पूंजी जुटाने के कार्य में लगा हुआ है।

बीमा निगमित एजेंट : आईफिन आईआरडीए द्वारा अनुमोदित जीवन और गैर जीवन बीमा दोनों क्षेत्रों के लिए एक निगमित एजेंट है । यह जीवन बीमा के लिए एलआईसी और गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के लिए बजाज एलायंज के साथ पैनल में शामिल है ।

म्युचुअल फंड वितरण : म्युचुअल फंड उत्पादों के वितरक के रूप में, आईफिन भारत में असोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स में पंजीकृत है । आईफिन विभिन्न म्युचुअल फंड उत्पादों के वितरण में अत्यधिक सक्रिय और सफल रहा है ।

पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं : सेबी में पोर्टफोलियो प्रबन्धक के रूप में पंजीकृत, आईफिन इक्विटी अनुसंधान - आधारभूत और तकनीकी द्वारा समर्थित विवेकसम्मत पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं प्रदान करता है ।

अन्य सदस्यताएं

आईफिन कमोडिटीज लि. की मार्फत - आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिकी सहायक कम्पनी

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