1 साल पहले BTC में किए गए ₹10,000 के निवेश पर आपको आज 287.48% लाभ मिलेगा! हालाँकि, फिक्स्ड डिपॉजिट में वही ₹10,000 आपको अधिकतम 8-10% रिटर्न देंगे!
क्रिप्टो और बिटकॉइन का पास्ट परफॉर्मेंस कैलकुलेटर (Crypto & Bitcoin Past Performance Calculator)
आपने सोचा? – अगर आपने 5 साल पहले BTC या ETH में निवेश किया था, तो आज इसका मूल्य क्या होगा? दूसरी ओर, अगर आपने उतनी ही राशि सोने या निफ्टी स्टॉक या फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश की होती, तो आपको कितना लाभ या हानि होती? अगर आपने इसके बारे में एक बार भी सोचा है, तो आप सही जगह पर हैं (और अगर आपने ऐसा नहीं किया है, तो आपको ये पेज देखना चाहिए – आप निश्चित रूप से आश्चर्यचकित होंगे!)
1 साल पहले BTC में किए गए ₹10,000 के निवेश पर आपको आज 287.48% लाभ मिलेगा! हालाँकि, फिक्स्ड डिपॉजिट में वही ₹10,000 आपको अधिकतम 8-10% रिटर्न देंगे!
क्रिप्टो एक नए एसेट क्लास के रूप में उभर रहे हैं। दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो को जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। HODLERS ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। हालाँकि, नए लोगों को इसमें उतरने से पहले पूरी तरह से शोध कर लेना चाहिए।
जबकि निवेश पर लाभ किसी संपत्ति (अब क्रिप्टो भी) के प्रदर्शन को मापने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मीट्रिक है, पिछले ट्रैक रिकॉर्ड पर भी विचार किया जाना चाहिए। पिछले रुझानों और बाजारों का अध्ययन करने के बाद, एक संभावित निवेशक लाभप्रदता तय कर सकता है और संभावित जोखिम क्षमता के आधार पर जानकारी के साथ निर्णय ले सकता है।
समय की इस आवश्यकता को समझते हुए, हमने WazirX में एक क्रिप्टो/बिटकॉइन पास्ट परफॉर्मेंस कैलकुलेटर लॉन्च किया है।
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क्रिप्टो और बिटकॉइन के पास्ट परफॉर्मेंस कैलकुलेटर से आप:
- अपने चयनित क्रिप्टो के लाभ को अतीत में देख सकते हैं,
- लाभ की तुलना सोने, निफ्टी और फिक्स्ड एसेट्स से कर सकते हैं,
- स्वचालित रूप से गणना किए गए पूर्ण लाभ के आधार पर अपने निवेश के निर्णय का विश्लेषण कर सकते हैं।
क्रिप्टो और बिटकॉइन के पास्ट परफॉर्मेंस कैलकुलेटर को कैसे इस्तेमाल करें?
चरण 1: कैलकुलेटर पर अपना पसंदीदा क्रिप्टो चुनें।
चरण 2: वह निवेश राशि दर्ज करें जो आप कर सकते थे।
चरण 3: एक समय सीमा चुनें (वह अवधि जिसके लिए पूर्व में निवेश किया जा सकता था)।
चरण 4: सोने, निफ्टी स्टॉक या फिक्स्ड डिपॉजिट पर लाभ की तुलना में क्रिप्टो द्वारा अर्जित लाभ देखें।
कृपया ध्यान दें: पिछले लाभ भविष्य के लाभ की गारंटी नहीं देते हैं।
निवेश एक बड़ा फैसला है। हाँ! WazirX पर आप ₹100 से क्रिप्टो में निवेश करना शुरू कर सकते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे निवेशक सोच-समझकर निर्णय लें। हमें उम्मीद है कि यह पास्ट परफॉर्मेंस कैलकुलेटर आपकी मदद करेगा।
आप हमारे क्रिप्टो/बिटकॉइन ROI कैलकुलेटर को भी आजमा सकते हैं और अगले चरण के रूप में भविष्य के अपने संभावित क्रिप्टो लाभ का मूल्यांकन कर सकते हैं। हैप्पी इन्वेस्टमेंट!
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल से Elon Musk ने बदला मन!, Tesla ने धड़ल्ले से की Bitcoins की बिक्री
इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरर ने फरवरी 2021 में इस बात का खुलासा किया था कि उसने Bitcoin में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है. Tesla के इस खुलासे से दुनिया की सबसे बड़े इलेक्ट्रिक टोकन को काफी मजबूती मिली थी. Tesla ने बुधवार को कहा कि उसके डिजिटल एसेट्स की वैल्यू घटकर 21.8 करोड़ डॉलर पर आ गई.
Tesla ने बुधवार को कहा कि उसके डिजिटल एसेट्स की वैल्यू घटकर 21.8 करोड़ डॉलर पर आ गई. कंपनी ने साथ ही बताया कि Bitcoin में गिरावट से दूसरी तिमाही में कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर भी असर देखने को मिला.
एलन मस्क ने कही ये बात
Tesla के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एलन मस्क (Elon Musk) ने कंपनी के तिमाही नतीजों को लेकर कॉन्फ्रेंस कॉल पर कहा कि कंपनी ने अपनी कैश पोजिशन को मजबूत करने के लिए बिटकॉइन बेच दिए हैं. बकौल मस्क, कंपनी ने कोविड से जुड़े शटडाउन की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए ये कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि बिक्री को 'Bitcoin को लेकर किसी भी तरह के निर्णय के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.'
Bitcoin पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान! कहा- देश में क्रिप्टोकरेंसी को नहीं देंगे मुद्रा की मान्यता
अगर आप दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) में निवेश करते हैं तो आपको बड़ा झटका लग स . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 29, 2021, 15:42 IST
नई दिल्ली. अगर आप दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में निवेश करते हैं तो आपको बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिटकॉइन को भारत में करेंसी के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. साथ ही बताया कि भारत सरकार बिटकॉइन के लेनदेन का कोई डेटा कलेक्ट नहीं करती है.
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी संबंधी विधेयक पेश करेगी
वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की संभावित डिजिटल करेंसी (RBI Digital Currency) को रेगुलेट करने के लिए ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल करेंसी रेग्युलेशन बिल 2021 लिस्टेड है.
मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से पेश किए जाने वाले इस विधेयक में आरबीआई की संभावित डिजिटल करेंसी के लिए सहायक ढांचा तैयार करने की बात भी कही गई है. प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. हालांकि, कुछ मामलों में छूट भी दी जा सकती है ताकि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी टेक्नोलॉजी और इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके.
पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर की थी बैठक
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसी महीने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में संकेत दिया गया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त रेगुलेशन बनाए जाएंगे. हाल के दिनों में काफी ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया. इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया है. ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता जताई जा रही थी.
पाबंदी के बजाय रेगुलेट की जानी चाहिए क्रिप्टोकरेंसी
पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) ने क्रिप्टो एक्सचेंज, बीएसीसी के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए. बता दें कि इस समय पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में कोई बिल नहीं है और न ही इस पर बैन लगा हुआ है.
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क्रिप्टो बाजार में कोहराम, बिटकॉइन में 17% की गिरावट, 2020 के बाद सबसे नीचे पहुंचा भाव
बिटकॉइन में निवेश करने वाले यही कह रहे हैं-क्या से क्या हो गया देखते-देखते. कभी एक बिटकॉइन से घर खरीदने वाले आज औंधे मुंह गिरते बिटकॉइन को देखकर अचंभे में हैं. वे यही सोच रहे हैं कि कमाने का शॉर्ट कट रास्ता क्या कारगर नहीं हो सकता?
क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में भारी कोहराम देखा जा रहा है. मंगलवार को इसकी स्थिति और भी बदतर हो गई. खराब वैश्विक संकेतों का असर क्रिप्टो (Cryptocurrency) बाजारों पर देखा जा रहा है. इसी के चलते मंगलवार को बिटकॉइन (Bitcoin) का भाव एक झटके में 17 परसेंट टूटकर 22,000 डॉलर (17 लाख रुपये के आसपास) के नीचे फिसल गया. इससे दुनियाभर के करोड़ों निवेशकों को अरबों रुपये की चपत लग गई. ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ जो बिटकॉइन में औंधे मुंह गिरावट देखी जा रही है. पिछले कई हफ्ते से इसमें फिसलन देखने को मिल क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? रही है. हालांकि मंगलवार को गिरावट का नया रिकॉर्ड बना क्योंकि दिसंबर 2020 के बाद पहली बार बिटकॉइन 25,000 डॉलर से नीचे पहुंच गया.
जानकार बताते हैं कि बिटकॉइन पर दिनोंदिन संकट के बादल गहरा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में ही बिटकॉइन की कीमत 22500 डॉलर के नीचे आ गई है. और भी कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें तेजी से गिरावट का रुख देखा जा रहा है. इथीरियम, बिनेंस और एक्सआरपी भी 12-14 परसेंट तक लुढ़क गए हैं. बिटकॉइन में पिछले 24 घंटे में लगभग 16 फीसद की गिरावट है और कीमत 22461 डॉलर पर पहुंच गई है. अब तक का रिकॉर्ड देखें तो बिटकॉइन और इथीरियम अपनी ऊंचाई से लगभग 75 फीसद तक टूट चुके हैं.
क्या से क्या हो गया रेट
पिछले 7 दिनों का आंकड़ा देखें तो बिटकॉइन में कुल 28 फीसद तक की गिरावट आई है. इथीरियम 14 फीसद की गिरावट के साथ 1175 डॉलर पर और बिनेंस 12 परसेंट टूटने के बाद 215 डॉलर पर पहुंच गया है. आंकड़े के मुताबिक, भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स पर क्रिप्टोकरेंसी का डेटा वॉल्यूम 5 अरब था, वह इस साल घटकर 2 अरब पर आ गया है. माना जा रहा है कि भारत में जब से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का नियम लागू हुआ है, तब से इसकी ट्रेडिंग या खरीद-बिक्री में कमी आई है. 30 परसेंट टैक्स और टीडीएस के चलते निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को बेचकर भागना चाह रहे हैं. यही वजह है कि क्रिप्टो बाजार में तगड़ी बिकवाली देखी जा रही है.
बिटकॉइन की चमक पड़ी फीकी
विश्व बाजार पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट बताते हैं कि इक्विटी और क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट देखी जा रही है और यह पूरी दुनिया में एक समान है. सोमवार को क्रिप्टो बाजार में तब और बड़ा कोहराम दिखा जब दुनिया के दो बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस और सेल्सियस ने निवेशकों को पैसे निकालने से रोक दिया और क्रिप्टो से जुड़ी कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी. क्रिप्टो मार्केट में शेयर बाजार की तुलना में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. एकएंडपी 500 में साल 2022 में अब तक 18 परसेंट की गिरावट है. लेकिन यही गिरावट बिटकॉइन के संदर्भ में देखें तो यह 40 परसेंट तक पहुंच गई है. साल 2022 में डोजकॉइन अब तक 50 परसेंट तक टूट गई है.
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कम दिन में अधिक रिटर्न का सपना
जब दुनिया के बाजारों में युवा निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाना शुरू किया तो इसमें लगातार तेजी देखी गई. इस पीढ़ी को लगा कि रिस्क लेकर कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है. लेकिन जब पूरी दुनिया में महंगाई का आलम छाया और अर्थव्यस्था लाचार होने लगी तो बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से लोगों का मोहभंग होने लगा. लोगों को लगा कि पैसा उसी एसेट में लगाया जाना चाहिए जहां रिटर्न निश्चित होने के साथ निवेश भी सुरक्षित हो. इसमें सोना, म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट आदि सबसे अच्छे विकल्प दिखे. घोर अस्थिरता के बीच लोगों ने बिटकॉइन को बेचकर भागना मुनासिब समझा. भारत में खासकर जब से टैक्स सिस्टम लागू हुआ तब से बिकवाली तेज हो गई. यही वजह है कि बिटकॉइन का बुलबुला अब पूरी तरह से फूटता दिख रहा है.
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