देश के उपभोक्ता ई- वाणिज्य कारोबार में ई- किराना सबसे तेजी से बढ़ रहा है। भारत में बढ़ता उप्रभोक्ता खर्च और डिजिटलीकरण से इस क्षेत्र के विस्तार को मदद मिल रही है।कोरोना महामारी के इस दौर में आन लाइन खरीद बढ़ी है। उपभोक्ता आज अच्छी गुणवत्ता का सामान आर्डर देकर चाहता है कि यह सुरक्षित तरीके से उसके घर पर पहुंच जाये। बिग बास्केट की स्थापना 2011 में बेंगलूरू में हुई थी। तब से यह देश के 25 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है।

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Trade Spotlight: अब तक इन शेयरों ने खूब मचाया धमाल, जानिए क्या आगे भी जारी रहेगा ये कमाल

Jubilant Ingrevia में अभी भी अपट्रेंड ऑन है। जिनके पास है बने रहें। वर्तमान लेवल पर नई खरीद भी की जा सकती है

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9 नवंबर को बुल्स अमेरिका के अक्टूबर महीने के महंगाई आंकड़ों के आने के पहले सतर्क नजर आए और बाजार सुस्ताता नजर आया। कुल मिला कर बुधवार के दिन बाजार काफी वोलेटाइल रहा। Sensex 150 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ 61000 के ऊपर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 46 अंक गिरकर 18157 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी ने कल डेली चार्ट पर एक बियरिश कैंडल बनाया था। कल के कारोबार में दिग्गजों के साथ ही छोटे मझोले शेयरों पर भी दबाव देखने को मिला था। निफ्टी मिड और स्मॉलकैप में 0.बास्केट ट्रेडिंग रणनीति 7 फीसदी और 0.56 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी।

कल के कारोबार में Jubilant Ingrevia,Bank of India और Mrs Bectors Food में जोरदार एक्शन देखने बास्केट ट्रेडिंग रणनीति को मिला था और ये धारा के विपरीत तैरते दिखे थे। बैंक ऑफ इंडिया कल 9 फीसदी की तेजी के साथ 77 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था। इस स्टॉक ने कल भारी वॉल्यूम के साथ डेली चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाया था। इस शेयर में लगातार चौथे दिन तेजी देखने के मिली थी। वैसे बुधवार को पूरे पीएसयू बैंक बास्केट में ही जोरदार तेजी देखने को मिली थी।

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

न्यू फंड ऑफर यानी NFO में निवेश से पहले इन्हेें ठीक से परख लें.

एनएफओ (NFO) यानी न्यू फंड ऑफर. जब भी कोई म्यूचुअल फंड कंपनी एनएफओ लॉन्च करती है तो इसका जबरदस्त प्रचार किया जाता है. चैनलों और अखबारों में फंड मैनेजरों के इंटरव्यू आते हैं, जिनमें न्यू फंड की निवेश स्ट्रैटजी बताई जाती है. इसकी खूबियां गिनाई जाती हैं. ऐसा माहौल बनाया जाता है कि म्यूचुअल फंड ग्राहकों ने इसमें पैसा लगाया तो जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन क्या यह सच है? क्या एनएफओ में फंड निवेशकों को निवेश करना चाहिए?

इस सवाल से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर न्यू फंड ऑफर यानी NFO है क्या? दरअसल, जब भी कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ( AMC) कोई नया फंड लॉन्च करती है तो यह सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही खुला होता है. फंड पोर्टफोलियो के लिए शेयर खरीदना इसका मकसद होता है और इसलिए इसके जरिये पैसा जुटाया जाता है. एक तरह से एक नए फंड की शुरुआत करने के लिए पैसा जुटाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को न्यू फंड ऑफर कहा जाता है.

कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं

चूंकि यह फंड नया होता है इसलिए इसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है, जिसे देख कर हम निवेश का फैसला कर सकें. इसलिए ज्यादातर निवेशक फंड हाउस के पिछले प्रदर्शन को देख कर इसके एनएफओ में निवेश करते हैं. लेकिन यह सही रणनीति नहीं है. क्योंकि नई निवेश रणनीति के सामने नई चुनौतियां होती हैं और आपको पता नहीं होता कि यह फंड कामयाब होगा या नहीं. इसलिए हमेशा ऐसे फंड में निवेश करना बेहतर होता है, जिसका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो.

एनएफओ, आईपीओ की तरह लगता है लेकिन लेकिन यह इसकी तरह नहीं होता. बहुत सारे निवेशक इसे आईपीओ जैसा समझते हैं और उन्हें लगता है कि जिस तरह शेयरों में डिमांड बढ़ने पर उन्हें फायदा होता है, वैसा ही इसमें भी ऐसा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. म्यूचअल फंड के एनएवी पर डिमांड और सप्लाई के नियम का कोई असर नहीं होता. किसी म्यूचुअल फंड में कितने यूनिट्स होंगे यह तय नहीं होता. यूनिट्स जरूरत पड़ने पर बना ली जाती हैं.

ऊंची लागत

हर फंड का एक एक्सपेंस रेश्यो होता है. ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो का मतलब यह है कि आप अपने फंड को मैनेज करने के लिए ज्यादा पैसा दे रहे हैं. जाहिर है इससे आपका रिटर्न घटेगा. भारत में रेगुलेशन नियमों के मुताबिक छोटे एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) वाले बास्केट ट्रेडिंग रणनीति फंड ज्यादा एक्सपेंस चार्ज वसूल कर सकते हैं. एनएफओ जब लॉन्च होता है तो बास्केट ट्रेडिंग रणनीति आमतौर पर इसका एयूएम छोटा होता है . इसलिए इसका एक्सपेंस चार्ज ज्यादा होने की संभावना रहती है. इसलिए यह महंगा होता है.

अगर कोई एनएफओ किसी खास वक्त लॉन्च हुआ है तो जरूरी नहीं है कि इसमें निवेश का यही सही वक्त है. एएमसी अपने प्रोडक्ट बास्केट को बड़ा करने या पूरा करने के लिए भी एनएफओ लाते हैं. इसलिए एनएफओ लॉन्च हुआ है इसलिए इसमें निवेश करना है, यह ठीक रणनीति नहीं है.

कुल मिला कर , एनएफओ में निवेश अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. इसलिए अनिश्चितता की बजाय ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो. अगर एनएफओ कुछ खास हो और आपके पोर्टफोलियो के हिसाब से यह फिट बैठ रहा है तो थोड़ा इंतजार करके देखें कि क्या इसकी थीम और निवेश रणनीति बताए गए मकसद के लिए मुफीद है.

आइए जानते हैं 5paisa बास्केट ट्रेडिंग रणनीति से शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करने के फायदे

बाजार में आपको अनुशासन और धैर्य की जरूरत पड़ती है। मॉर्केट में इन्वेस्ट करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च की जरूरत होती है। ऐसे में 5paisa एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो आपकी इनवेस्टमेंट यात्रा को आसान बना सकता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। स्टॉक मार्केट से अगर पैसा बनाना चाहते हैं, कुछ खास बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।आमतौर पर शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले यह सोचते हैं कि वो कम समय में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा लेंगे। कई बार ऐसा होता है कि कुछ घंटे में शेयर से मोटा मुनाफा हो जाता है। इससे उलट भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। लेकिन यह जान लें कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग उतनी आसान भी नहीं है, जितनी आम इन्वेस्टर समझते हैं।

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आइए जानते है 5paisa प्लेटफॉर्म से इन्वेस्टमेंट करने के फायदे:

1- पोर्टफोलियो बास्केट: रणनीति एक व्यापारी को स्टॉक की एक सूची बनाने की सुविधा देती है, जिसे बास्केट कहा जाता है। इसके साथ ही वह एक इकाई के रूप में बचत, व्यापार, मैनेजमेंट और ट्रैक करता है। बास्केट में इन्वेस्ट और इन्वेस्टमेंट स्टाइल, मार्केट सेगमेंट और शेयरों को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता बास्केट ट्रेडिंग रणनीति है। ऐसे में 5paisa के प्लेटफॉर्म पर आपको विशेषज्ञों द्वारा बनाई गई पोर्टफोलियो बास्केट आसानी से मिलते है।

PPF account pre maturity closure, Know all details

2- स्मार्ट टूल्स: नए लोगों के लिए स्मार्ट निवेश करना कठिन हो सकता है। लेकिन 5paisa के द्वारा ऐसा टूल्स प्रदान किया जाता है जिससे इन्वेस्टर को आसानी से मार्केट संचालन करने के लिए जरुरत पड़ती है। इस प्लेटफॉर्म पर इन्वेस्टर को इस सुचना से निवेशकों को स्मार्ट निवेश के निर्णय लेने में मदद मिल सकता है और जिससे वे लम्बें समय के लिए ज्यादा पैसा बना सकते हैं।

टाटा डिजिटल ने बिग बास्केट में बहुमत की हिस्सेदारी खरीदी

टाटा डिजिटल ने बिग बास्केट में बहुमत की हिस्सेदारी खरीदी

टाटा डिजिटल लिमिटेड ने आनलाइन किराना बाजार मंच बिग बास्केट में शेयर अधिग्रहण करके अपना बहुतम बना लिया है। टाटा डिजिटल, टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की शत प्रतिशत स्वामित्व वाली अनुषंगी है। टाटा डिजिटल के सीईओ प्रतीक पाल ने शुक्रवार को एक वक्तव्य में कहा, ''भारत में व्यक्तिगत उपभोग खर्च में सबसे बड़ा खर्च किराना के सामान कहा है। बिग बास्केट भारत की सबसे बड़ी ई-किराना कंपनी होने के नाते एक वृहद उपभोक्ता डजिटल पारिस्थितिकी बनाने की हमारी रणनीति में पूरी तरह सही बैठती है। इस सौदे का मूल्य नहीं बताया गया है।

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This is applicable during the office hours to sole holder Resident Indian accounts which are KRA verified, also account would be open after all procedures relating to IPV and client diligence is completed. There is no AMC charged on Demat account for the first बास्केट ट्रेडिंग रणनीति year. All other charges will apply as per agreed tariff rates.

* Free account
The offer is open only for a limited period at the sole discretion of the company and applicable only to new accounts opened up to Jan 31, 2023. The offer is only for waiver of account opening charges of Rs 354. All other charges as well as taxes and other statutory/Exchange charges continue to apply.

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