सेंट्रम बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल कैपिटल लि.
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड संगठित बिक्री - Rs 379.31 करोड़ है, 35.21 % ऊपर, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs 280.54 करोड़ से, और 141.55 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs 157.03 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs -4.73 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
Investment Strategy: क्या मिडकैप और स्मॉलकैप में पैसे लगाने का सही है समय, मौजूदा बाजार में निवेश के लिए चुनें बेस्ट स्ट्रैटेजी
Equity Investment: एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को अच्छी क्वालिटी वाले बिजनेस पर फोकस करना चाहिए, जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और मजबूत कैश फ्लो है. घाटे में चल रहीं न्यू एज बिजनेस वाली कंपनियों से दूर रहें.
Investment Strategy: हालिया रिकवरी के बाद भी महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे जैसी चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं. (File)
Equity Investment Strategy in Current Market: हाल के दिनों में बाजार में निचले स्तरों से कुछ रिकवरी देखने को मिली है. लेकिन महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे जैसी चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं, जिसकी वजह से उतार चढ़ाव बना हुआ है. कमोडिटी की कीमतों में नरमी एक बेहतर संकेत है, लेकिन अभी भी मंदी की आशंका के चलते जोखिम बना हुआ है. ऐसे में निवेशकों के सामने कई सवाल हैं. जैसे बाजार इस साल के अंत तक कहां होगा. मौजूदा रिकवरी के बाद निवेशकों को बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल किस सेक्टर में निवेश करना चाहिए. मिडकैप और स्मालकैप में हालिया करेक्शन के बाद क्या निवेश के अवसर बने हैं. इन सारी बातों का जवाब देने के लिए हमने यहां PGIM India Mutual Fund के हेड-इक्विटी, अनिरुद्ध नाहा से बात की है.
1. हाल के दिनों में बाजार निचले स्तरों से उबरा है. 2022 के अंत तक आप बाजार को किस लेवल पर देख रहे हैं? क्या हमें एक बॉटम मिल गया है या निवेशकों को अभी सतर्क रहने में ही समझदारी है?
विकसित देशों और भारत के आउटलुक में कुछ अंतर दिख रहे हैं. महंगाई अब एक कॉमन थीम बन गया है. वहीं मंदी की आशंका भारत के लिए बहुत ज्यादा परेशान करने वाली नहीं लगती, जितनी कि अमेरिका और यूरोप के मामले में हो सकती है. भले ही महंगाई, ब्याज दरें, फिस्कल डेफिसिट की चुनौतियां हैं, बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल कॉरपोरेट इंडिया को अपने डिमांड आउटलुक, ऑर्डर बुक और मार्जिन की स्थिरता में मजबूती दिख रही है. कमोडिटी की कीमतों में गिरावट मार्जिन के मोर्चे पर राहत देने वाली है. मार्केट कैप के मामले में कंफर्टेबल वैल्युएशन पर होने के चलते भारतीय बाजार आगे अच्छा प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. हालांकि कोई बड़ी ग्लोबल मैक्रो चुनौती बाजार के लिए रिस्क बन सगकती है.
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2. भारत में महंगाई में नरमी के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, लेकिन अमेरिका में अभी तक यह पीक पर नहीं पहुंचा है. इस डाइवर्जेंस का घरेलू शेयर बाजार के लिए क्या मायने है?
भारत की बात करें तो महंगाई में नरमी है. कमोडिटी की कीमतों के घटने से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलनी चाहिए. कमोडिटी की कम कीमतों का असर अमेरिका में भी दिखना शुरू हो जाना चाहिए. उनकी बॉन्ड यील्ड आने वाले समय में महंगाई में नरमी को दिखाती है. अगर अमेरिकी इनफ्लेशन रेट में बढ़ोतरी जारी रहती है, तो ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी जारी रहेगी. इसके चलते एफआईआई भारतीय इक्विटी की बिक्री जारी रख सकते हैं.
3. मौजूदा उतार-चढ़ाव के दौर में बाजार से सबसे ज्यादा मुनाफा पाने के लिए स्ट्रैटेजी क्या होनी चाहिए?
हमारी सलाह है कि निवेशकों को अच्छी क्वालिटी वाले बिजनेस पर फोकस करना चाहिए, जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और मजबूत कैश फ्लो है. रेट हाइक साइकिल और टाइट लिक्विडिटी के दौर में बाजारों को वैल्युएशन का सपोर्ट करने के लिए कैया फ्लो के महत्व का एहसास होगा. बाजार में अपसाइड आने पर इन क्वालिटी बिजनेस में भी उछाल आना चाहिए. घाटे में चल रहीं न्यू एज तकनीकी / प्लेटफॉर्म-आधारित कंपनियों से दूर रहना चाहिए. वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रहें और बेहतर वैल्यू वाली कंपनियों में निवेश करें.
4. ब्रॉडर मार्केट में तेज करेक्शन के बाद क्या निवेशकों को मिड और स्मॉल-कैप पर ध्यान देना चाहिए?
मिडकैप और स्मॉलकैप में बाजार के अनुमान के मुताबिक करेक्शन हुआ है. कई मिड और स्मॉल कैप के लिए ग्रोथ का अनुमान अगले 3 से 5 सालों में मजबूत बना हुआ है, क्योंकि वैल्यूएशन काफी वाजिब स्तर पर है. ये अगले 3 से 5 सालों में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्च्युनिटीज फंड का 7 साल का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर रहा है.
5. आप किन सेक्टर पर अंडरवेट और किन पर ओवरवेट बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल हैं?
हम अगले 3 से 5 सालों में भारत पर बेहद पॉजिटिव हैं. खासतौर से डोमेस्टिक थीम पर बेहद पॉजिटिव नजरिया है. लेकिन उन थ्थीम पर सतर्क रुख है, जिनका ग्लोबल लिंक है. कॉरपोरेट, एसएमई और एमएसएमई इंडिया में साफ सुथरी बैलेंस शीट और मजबूत कैपेसिटी यूटिलाइजेशन को देखते हुए, इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स और सीमेंट सेक्टर पर पॉजिटिव हैं. ऑटो और ऑटो एंसिलरी भी बेहतर दिख रहे हैं. इनमें अगले 3 से 5 सालों में इसमें मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगा, वह भी बिना बहुत अधिक बाधाओं के. महंगाई के चलते कमोडिटी पर अंडरवेट बने हुए हैं; वैल्यूएशन के नजरिए से कंज्यूमर सेक्टर पर भी हम अंडरवेट हैं.
6. जून तिमाही के नतीजों और अब तक कॉरपोरेट कमेंट्री से आप आगे के लिए क्या देख रहे हैं?
अब तक कंपनियों के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं. डिमांड और लोन ग्रोथ मजबूत बनी हुई है. कुछ इंडस्ट्री में मार्जिन का दबाव मौजूद है, लेकिन यह भी धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाना चाहिए. इंजीनियरिंग कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई है. कॉरपोरेट कमेंट्री भी सकारात्मक बनी हुई है. आईटी सहित अधिकांश सेक्टर में अभी कोई बड़ा जोखिम नहीं दिख रहा है. कच्चे माल की महंगाई के चलते मार्जिन पर कुछ दबाव को छोड़कर, कॉर्पोरेट इंडिया पर आम तौर पर किसी भी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का प्रभाव नहीं पड़ा है.
वीएफएस कैपिटल की पोर्टफोलियो 1,500 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना
कोलकाता, 25 जून (भाषा) वीएफएस कैपिटल की अगले कुछ वर्षों में प्रबंधन-अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) का आकार 803 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है और इसके लिए वह देश भर में अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाने जा रही है। वीएफएस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मैती ने शुक्रवार रात को यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल दी। उन्होंने कहा कि वीएफएस कैपिटल अब राजस्थान में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश भर में कंपनी की 247 शाखाएं मौजूद हैं और इस वित्त वर्ष के
वीएफएस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मैती ने शुक्रवार रात को यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वीएफएस कैपिटल अब राजस्थान में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल देश भर में कंपनी की 247 शाखाएं मौजूद हैं और इस वित्त वर्ष के अंत तक 35 नई शाखाएं खोलने की योजना है। कंपनी देश के 13 राज्यों में परिचालन कर रही है।
वीएफएस कैपिटल को पहले विलेज फाइनेंशियल सर्विसेज बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
मैती ने कहा कि कोविड-19 महामारी के पिछले दो वर्षों में कंपनी ने कारोबार बढ़ाने के बजाय बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल किफायती आवास एवं एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज मुहैया कराने पर ध्यान दिया। अब कंपनी अपने विस्तार पर ध्यान दे रही है।
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Investment Tips: क्या आपका म्यूचुअल फंड निवेश नुकसान में है? तो जानिए अपनी कैपिटल बचाने बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल के सटीक तरीके
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट टूल है.
ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्यूचुअल फ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 21, 2022, 12:29 IST
हाइलाइट्स
म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी मार्केट में निवेश को अन्य तरीकों से ज्यादा जोखिमरहित माना जाता है.
बाजार में गिरावट के दौरान भी अगर निवेशक निवेश बरकरार रखता है तो उसे लॉन्ग टर्म में फायदा होता है.
नुकसान से बचने के लिए निवेश में विविधता होनी आवश्यक है.
नई दिल्ली. जब आप इक्विटी मार्केट (Equity Market) या इससे संबंधित इनवेस्टमेंट टूल्स में निवेश करते हैं तो फायदे के साथ-साथ नुकसान होने की संभावना भी रहती है. अगर निवेशक ने जैसा सोचकर निवेश किया है और वैसा न हो तो इनवेस्टर अपनी मूल पूंजी (कैपिटल) भी खो सकता है. हालांकि यह भी एक हकीकत है कि हाई रिस्क निवेश शानदार रिटर्न भी देता है.
ऐसे निवेशक जो कम जोखिम उठाकर इक्विटी मार्केट में निवेश (Investing In Equity Market) करना चाहते हैं उनके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक बेहतरीन इनवेस्टमेंट टूल है. लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि म्यूचुअल फंड में घाटा नहीं होता. इसमें भी निवेश कई बार नुकसान में चला जाता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड निवेश के घाटे को दूर किया जा सकता है. इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है.
निरंतर निवेश
इक्विटी मार्केट में कमाई का मूल मंत्र है ‘निरंतर और विविध निवेश’ (Invest regularly and invest diversified). शेयर बाजार में मंदी के दौर में अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि आपका निवेश और रिटर्न प्रभावित न हो. जी बिज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इपिसिलोन मनी के सीईओ अभिषेक देव का कहना है कि बाजार में अस्थिरता उन निवेशकों की परम मित्र है जो दीर्घावधि निवेश करते हैं. ऐसे ही जो लोग निरंतर निवेश करते हैं, उनके मंदी में दोनों हाथ में लड्डू होते हैं. निरंतर निवेश एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा यूनिट जोड़ने का अवसर प्रदान करता है जब बाजार में गिरावट आती है.
मंदी में खरीदारी करके वह अपने एवरेज कॉस्ट को घटा सकता है. अभिषेक का कहना है कि आज सारा विश्व आपस में जुड़ चुका है. विश्व में कहीं घटित एक घटना का असर भी भारतीय बाजार पर हो सकता है. ऐसा यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि करने और यूक्रेन संकट के कारण हो भी चुका है. अभिषेक का कहना है कि बाजार में आगे क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है. इसलिए मंदी के प्रभाव को कम करने का एक ही तरीका है कि इसका सामना करने के लिए तैयार रहें और बाजार गिरावट में भी निवेश करते रहें.
निवेश में विविधता
अपनी पूंजी को एक ही जगह लगाना समझदारी नहीं है. निवेश में हमेशा विविधिकरण होना चाहिए. सभी फाइनेंशियल प्लानर्स का कहना है कि निवेशक को अपनी पूंजी एसेट क्लास, इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, सोने और विदेशी सिक्योरिटीज में लगानी चाहिए. निवेश में विविधिकरण होने से फायदा यह होता है कि जब एक एसेट क्लास में नुकसान होता है तो आपका इसके अलावा कहीं किया गया दूसरा निवेश अच्छा रिटर्न दे रहा होता है. इस तरह आपका पोर्टफोलियो नुकसान से बच जाता है.
अभिषेक का कहना है कि एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो मार्केट के झटके सहने मे ज्यादा सक्षम होता है. अगर आपने अपनी सारी पूंजी इक्विटी जैसी एक ही एसेट क्लास में लगा रखी है तो आपको भारी घाटा होने की संभावना बहुत होती है. इसलिए आपको हमेशा अपनी पूंजी को अलग-अलग जगह निवेश करना चाहिए.
SIP से निवेश
एसआईपी से निवेश करना सबसे सुरक्षित निवेश है. जब बाजार में मंदी होती है तो यह अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा यूनिट जोड़ने का सबसे बेहतरीन तरीका है. जब आप इक्विटी मार्केट में सिप के माध्यम से निवेश करते हैं तो यह अस्थिरता से मुकाबला करने में आपकी बहुत मदद करता है. इससे लॉन्ग टर्म में निवेशक बढिया मुनाफा कमा सकता है. यहां यह जानना जरूरी है कि इक्विटी मार्केट ने दस साल की अवधि में कभी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है.
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VFS कैपिटल की पोर्टफोलियो 1,500 करोड़ रुपए तक पहुंचाने की योजना
कोलकाताः वीएफएस कैपिटल की अगले कुछ वर्षों में प्रबंधन-अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) का आकार 803 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपए तक ले जाने की योजना है और इसके लिए वह देश भर बेस्ट पोर्टफोलियो का कॅपिटल में अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाने जा रही है। वीएफएस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप मैती ने शुक्रवार रात को यहां एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वीएफएस कैपिटल अब राजस्थान में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल देश भर में कंपनी की 247 शाखाएं मौजूद हैं और इस वित्त वर्ष के अंत तक 35 नई शाखाएं खोलने की योजना है। कंपनी देश के 13 राज्यों में परिचालन कर रही है। वीएफएस कैपिटल को पहले विलेज फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। मैती ने कहा कि कोविड-19 महामारी के पिछले दो वर्षों में कंपनी ने कारोबार बढ़ाने के बजाय किफायती आवास एवं एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज मुहैया कराने पर ध्यान दिया। अब कंपनी अपने विस्तार पर ध्यान दे रही है।
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