कम पूँजी से बिज़नेस

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टेक स्टार्टअप ने कम पूंजी जुटाई

भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप कंपनियों ने 102 राउंड के सौदों और 9 अ​धिग्रहणों के जरिये अगस्त में 88.5 करोड़ डॉलर की पूंजी हासिल की। ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के मुकाबले इन कंपनियों में अगस्त के दौरान निवेश में 20 प्रतिशत, वित्तीय सौदों में 8 प्रतिशत और अ​धिग्रहणों में 18 प्रतिशत तक की कमी आई। बेंगलूरु ने कुल कोष उगाही में बड़ा योगदान दिया, जिसके बाद मुंबई और दिल्ली का स्थान रहा।

2021 की पहली तिमाही में टेक स्टार्टअप के लिए तिमाही फंडिंग 14.8 अरब डॉलर पर रही और तब से इसमें तेज गिरावट आई है। निवेश में यह सुस्ती अगले 12-18 महीनों के दौरान बरकरार रहने का अनुमान है।

हालांकि इस सुस्ती के बावजूद एडटेक यूनिकॉर्न अपग्रेड ने अगस्त में 21 करोड़ डॉलर जुटाए और उसने अगले तीन महीनों कम पूँजी से बिज़नेस में 2,800 पूर्णकालिक और अंशकालिक संकाय सदस्यों की नियु​क्ति की योजना बनाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अपग्रेड ने वित्त वर्ष 2023 में 50 करोड़ डॉलर का सकल राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है। यह योजना ऐसे समय में बनाई गई है जब अनएकेडेमी, बैजूज और वेदांतु जैसी अन्य बड़ी कंपनियों ने इस साल संयुक्त रूप से करीब 2,500 कर्मचारियों की छंटनी की है।

सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाला बिजनेस कौन सा है ?

दुनिया में महान लोग कह गए हैं कि अगर आपको अपनी आवश्यकता पूरी करनी है और सिर्फ अपना घर खर्चा चलाना है, तो आपको नौकरी करनी चाहिए परंतु अगर आपने अपनी जिंदगी में अमीर बनने का लक्ष्य तय किया है तो इसके लिए आपको बिजनेस करना ही पड़ेगा, क्यों? क्योंकि नौकरी से सिर्फ आप एक अच्छी लाइफस्टाइल जी सकते हैं, परंतु आप अमिर कहलाने लायक पैसे नौकरी करके नहीं कमा सकते।

अमीर कहलाने लायक पैसे कमाने के लिए आपको बिजनेस करना ही पड़ेगा। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि सबसे ज्यादा कमाई वाले बिजनेस कौन से हैं अथवा सबसे ज्यादा कमाई कौन कम पूँजी से बिज़नेस से बिजनेस में है।

Table of Contents

भारत में सबसे ज्यादा कमाई वाले बिजनेस आइडिया [सूची]

इंडिया में आज के टाइम मे तो यंगस्टर के बीच बिजनेस कम पूँजी से बिज़नेस करने की होड़ मची हुई है, क्योंकि स्टार्टअप के इस जमाने में ऐसे कई यूनीक बिजनेस आइडिया आ रहे हैं, जिनमें भरपूर पैसा और नाम है। कम पूँजी से बिज़नेस इंडिया की सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट भी अब ऐसे लोगों को भरपूर सहायता प्रदान कर रही है, जो अपना खुद का रोजगार प्रारंभ करने के लिए कम पूँजी से बिज़नेस कोई बिजनेस करना चाहते हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास बिजनेस चालू करने के लिए फंड नहीं है, तो वह मुद्रा लोन या फिर अन्य लोन को ले करके अपना बिजनेस स्टार्ट कर सकता है।

कम पूँजी से बिज़नेस

गांव में कम निवेश में इन 10 बिजनेस को शुरू करें, कमाएं ज्यादा लाभ!

👉आजकल गांव के युवा अतिरिक्त आमदानी के लिए खेतीबाड़ी के साथ ही खुद का छोटा-मोटा बिजनेस सेटल करना चाहते हैं। जहां पहले गांव के लोग खेतीबाड़ी के अलावा रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजों के लिए शहरों और कस्बों का रुख करते थे। वहीं एक वजह यह भी है कि अब शहरों की तरह गांव में बिजनेस करना काफी आसान हो गया है। साथ ही कई तरह के बिजनेस के लिए अवसर भी पैदा हो गए हैं। तो आइए जानते हैं गांव में कौन-सा बिजनेस शुरू करें ताकि आपकी एक रेगुलर इनकम होती रहे- 👉गांव में कौन-सा बिजनेस शुरू करें? चाय पत्ती बिजनेस:- 👉गांव व छोटे कस्बों के युवा चाय पत्ती सेलिंग का बिजनेस शुरू कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस बिजनेस में आपको महज 5 से 10 हजार रुपए का निवेश करना होगा। इसके लिए दार्जिलिंग तथा असम की चाय पत्ती का कारोबार करें जिसकी लोगों में अच्छी मांग रहती है। इसके अलावा, कई बड़ी कंपनियां अपने ब्रांड की खुली चाय बेचने के लिए फ्रेंचाइजी ऑफर करती है। जिसे आप गांव की छोटी-छोटी दुकानों और डोर टू डोर या फिर रिटेल काउंटर के जरिए बेच सकते हैं। मृदा परीक्षण केंद्र:- 👉यदि आप गांव के पढ़े लिखें युवा हैं और खुद का बिजनेस करके अच्छी कमाई करना चाहते हैं। ऐसे में आपके लिए मृदा परीक्षण सेंटर स्थापित करना फायदेमंद बिजनेस हो सकता है। बता दें कि आज देश में मृदा परीक्षण के लिए काफी कम सेंटर हैं ऐसे में यह रोजगार का बेहतर विकल्प है। वहीं इस रोजगार को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से लोन भी लिया जा सकता है। फर्नीचर का बिजनेस:- 👉प्रधानमंत्री आवास योजना के बाद से गांव में बड़ी तेजी से पक्के घरों का निर्माण हुआ है। यही वजह हैं कि फर्नीचर तथा अन्य व्यवसायों में अच्छी संभावनाएं बढ़ गई है। वहीं इस बिजनेस को शुरू करने में अधिक पैसों की जरूरत भी नहीं पड़ती है और आप रोजाना मोटी कमाई कर सकते हैं। -:गांव में किए जाने वाले बिजनेस का नाम:- कैटल फीड बिजनेस:- 👉इस बिजनेस में छोटे गांवों में अच्छी संभावनाएं हैं। आज दूध उत्पादन मुनाफे का व्यवसाय बन चुका है। ऐसे में इससे जुड़े सहायक व्यवसायों से भी अच्छी कमाई की जा सकती है। आप कैटल फीड की छोटी यूनिट लगाकर इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। इस बिजेनस में शुरुआत में 5 से 10 लाख तक निवेश करना होगा, लेकिन कमाई भी लाखों रुपये में होगी। शहद उत्पादन बिजनेस:- 👉मधुमक्खी पालन आज देश के युवा किसान बड़े स्तर पर कर रहे हैं। दरअसल, शहद की डिमांड आज देश ही नहीं विदेशों में भी खूब है। इस वजह से मधुमक्खी पालन व्यवसाय से सालाना लाखों की कमाई की जा सकती है। इसके लिए आप यूरोपियन मधुमक्खी एपिस मेलिफेरा का पालन कर सकते हैं जो उन्नत नस्ल है तथा जिससे अच्छी मात्रा में शहद मिलता है। शुद्ध शहद आज 500 से 2000 हजार रुपये तक आसानी से बिक जाती है। फ्लाई ऐश ब्रिक्स बिजेनस:- 👉फ्लाई ऐश ब्रिक्स बिजनेस गांव के लिए एक शानदार बिजनेस ऑप्शन है। लाल ईंट निर्माण में बहुत ज्यादा काली मिट्टी की जरूरत पड़ती है, जिसकी आपूर्ति करना आसान नहीं है। ऐसे में फ्लाई ऐश ब्रिक्स का निर्माण करके अच्छी कमाई की जा सकती है। वहीं शहरों के साथ छोटे कस्बों व गांवों भी तेजी से पक्के मकानों का निर्माण हो रहा है। इस वजह से यह कारोबार बेहद फायदेमंद है। -:कम पूंजी वाले बिजनेस:- कोचिंग सेंटर:- 👉यदि आप किसी ऐसे बिजनेस की तलाश में हैं, जिसे बेहद कम या नाम मात्र के इन्वेस्टमेंट में शुरू किया जा सकें तो वह कोचिंग सेंटर है। गांव में इस बिजनेस को बेहद कम पूँजी में शुरू किया जा सकता है। इस बिजनेस को आप सहूलियत के अनुसार, 10 हजार से 1 लाख रूपये के इन्वेस्टमेंट में शुरू कर सकते हैं। वहीं आजकल ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस का चलन भी खूब है। ऐसे में आप घर बैठे ही ऑनलाइन कोचिंग सेंटर शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप और माइक्स होने चाहिए। इसके लिए आपको 50 हजार रुपये तक निवेश करना होगा। गोबर अगरबत्ती का बिजनेस:- 👉केमिकल युक्त अगरबत्तियां का धुंआ मनुष्य के स्वास्थ्य कम पूँजी से बिज़नेस के लिए काफी नुकसानदायक होता है। इस वजह से आजकल ऑर्गनिक अगरबत्तियों की डिमांड काफी बढ़ गई है। यही वजह हैं कि आजकल गोबर से प्राकृतिक अगरबत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। यदि आप भी कम पूँजी में अच्छी कमाई का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो यह बिजनेस एक बेहतर ऑप्शन है. दरअसल, गोबर से निर्मित अगरबत्ती सस्ती पड़ती है इस वजह यह अच्छे मुनाफे का सौदा है। प्रिंटेड टी-शर्ट का बिजनेस:- 👉इस बिजनेस को आप महज 50 से 70 हजार रूपये में शुरू कर सकते हैं। वहीं महीने में इस बिजनेस से 30 से 50 हजार रुपये की कमाई आसानी से की जा सकती है। वहीं प्रमुख ई-काॅमर्स वेबसाइट्स जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट पर आप प्रिंटेड टी-शर्ट बनाकर ऑनलाइन सेल कर सकते हैं। -:कृषि बिजनेस आइडिया:- 1. मशरूम की प्रोसेसिंग से कमाई:- 👉पिछले कुछ सालों से मशरूम की खेती और इसका व्यवसाय काफी फल फूल रहा है। इस वजह से कारोबार में मोटी कमाई करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। दरअसल, कच्चा मशरूम छोटे गांवों, कस्बों व शहरों तक समय पर पहुंचाना आसान नहीं होता है। ऐसे सूखी तथा प्रोसेसिंग मशरूम के बिजनेस से अच्छी कमाई की जा सकती है। आज सूखी मशरूम, मशरूम पाउडर, मशरूम पापड़, मशरूम कुकीज, मशरूम चिप्स मशरूम बड़िया व मशरूम आचार की अच्छी डिमांड है। खरगोश पालन का बिजनेस:- 👉गांव में इस बिजनेस को शुरू करने के लिए 4 से 5 लाख रुपये की जरुरत पड़ेगी। वहीं साल भर में ही इस बिजनेस का खर्च निकालकर आप 2 से 3 लाख रुपये की कमाई कर लेंगे। इस बिजनेस को आप तीन नर तथा 7 मादा खरगोश के साथ शुरू कर सकते हैं। गौरतलब हैं कि रैबिट मादा की प्रेग्नेंसी अवधि 30 दिनों की होती है। वहीं यह एक बार में 6 से 7 बच्चों को जन्म देती है। ऐलोवेरा प्रोडक्ट बिजनेस:- 👉औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा व्यावसायिक रूप से एक महत्वपूर्ण पौधा है। इसका उपयोग जूस बनाने के साथ ही सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण में खूब किया जाता है। ऐसे में आप एलोवरा की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इसकी खेती के साथ-साथ प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाएं और अपने खुद के प्रोडक्ट तैयार करके बेचें। स्रोत:- Krishi Jagran, 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!

इस बिजनेस मॉडल से कम पूंजी में बढ़ाएं अपना कारोबार? समझे पूरा फंडा

इस बिजनेस मॉडल से कम पूंजी में बढ़ाएं अपना कारोबार? समझे पूरा फंडा

Asset Light Model: हर व्यवसायी की ख्वाहिश होती है कि वह अपने छोटे-से व्यवसाय को कैसे बढ़ाए. लेकिन पूंजी के अभाव में उसके दिल की इच्छा दिल में ही रह जाती है. लेकिन आज बदले हुए हालात में असंभव-सी लगने वाली हर बात अब संभव हो सकती है. फिर वह चाहे कम से कम पूंजी निवेश कर छोटे व्यवसाय को विशाल स्वरूप देने की दिली इच्छा ही क्यों ना हो. आइए जानते हैं कि कम पूंजी में भी छोटे से व्यवसाय को कैसे विस्तार दिया जा सकता है.

आज जितने भी टॉप व्यवसायी हैं, वे अपने व्यवसाय में ज्यादा पूंजी नहीं लगाते है. आज के दौर में एसेट लाइट मॉडेल का उपयोग बहुत किया जा रहा है. इसे फ्लाई लाइट मॉडल कहते हैं. यानी कम निवेश पूंजी पर अधिकतम रिटर्न प्राप्त करना. आज ज्यादातर उद्योगों में यही सिस्टम अपनाया जा रहा है. उदाहरण स्वरूप दुनिया की सबसे बड़ी मैसेंजिंग कंपनी व्हाट्सऐप का अपना सर्वर जीरो है, लेकिन वे आपके ही मोबाइल ऑपरेटिंग पर अपना सर्वर बना लेता है. पूरी दुनिया में उनके 200 कर्मचारी भी नहीं हैं. यही किस्सा दुनिया की सबसे बड़ी टैक्सी सर्विस ऊबर की है. ऊबर के पास एक भी टैक्सी नहीं है, ना कोई ड्राइवर है, लेकिन उनका धंधा टॉप पर चल रहा है. इसी तरह अलीबाबा, बाटा, एप्पल मोबाइल इनका अपना कुछ भी नहीं है, बस इधर का माल उधर और उधर का माल इधर कर ढेर सारा मुनाफा कमा रहे हैं. इसे कहते हैं फ्लाई लाइट मॉडल. एसेट लाइट मॉडल अपने एक्सपर्टी पर फोकस करता है तो प्रोमोटर और इन्वेस्टर रिटर्न ऑफ इन्वेस्टमेंट अपने आप बढ़ जाता है.

फ्लाइट लाइट मॉडेल के तीन फायदे-

इस तरह हम यह जान सकते है कि एसेट लाइट मॉडल से केवल कंपनी का स्केलअप होगा, वो भी बिना किसी अतिरिक्त निवेश किये. इससे केवल आपका प्रॉफिट बढ़ेगा.

इस बात को इन पांच उदाहरणों से समझा जा सकता है-

फ्रेंचाइजी (Franchising): वर्तमान में फ्रेंचाइजी बहुत इजी एवं फास्ट तरीका है. आज फ्रेंचाइजर और फ्रेंचाइजी दोनों के लिए एसेट लाइट सिस्टम है. दोनों का पूंजी लोड शेयर हो जाता है और बिजनेस बढ़ जाता है. फ्रेंचाइजर को जहां नये सेटअप के लिए पूंजी नहीं लगानी पड़ती, वहीं फ्रेंचाइजी को नये सेटअप के लिए सेल्स, मार्केटिंग, प्रोप्राइटरी, टूल्स, ट्रेनिंग, लर्निंग जैसी बातों के लिए टाइम और मनी नहीं लगानी पड़ती है. मास्टर फ्रेंचाइजी का काम मेन पॉवर को ट्रेनिंग देना, उसे कारपोरेट स्ट्रेटजी देना और उसकी सेल्स, मार्केटिंग, ब्रांडिंग इत्यादि में सपोर्ट करना है. बदले में उसे लाइसेंसी फीस मिलती है और बाद में मंथली रायल्टी पेमेंट, जो उसकी प्रॉफिट का परसेंटेज होता है. फ्रेंचाइजी काम करता है और फ्रेंचाइजर प्रॉफिट का परसेंटेज कमाता है. दोनों का इन्वेस्टमेंट शेयर हो जाता है. उदाहरण के लिए पिज्जा हट, डोमिनो, सबवे, मैकडोनाल्डज इत्यादि.

आउटसोर्सिंग (Outsourcing): आउटसोर्सिंग से आप अपनी लागत को कम ऑपरेशनल एफिसियेंसी बना लेते हैं. उदाहरणस्वरूप एप्पल फोन, जिसे वह नहीं बल्कि फॉक्सकोन कंपनी बनाती है. एचएमडी ग्लोबल का नोकिया और साउमी का फोन भी फॉक्सकोन ही बनाता है. इस तरह फॉक्सकोन को जहां मोबाइल बनाने में मास्टरी करने का मौका मिलता है, वहीं मूल मोबाइल कंपनी को ब्रॉन्ड बिल्ड करने और बेचने में मास्टरी का अवसर मिल जाता है. काम और जिम्मेदारी बंटने से खर्च बचता है.

एसेट शेयरिंग मार्केट (Asset Sharing Model): एसेट की कीमत ज्यादा होने पर दो या अधिक कंपनी उसे शेयर कर लेते हैं. कई बड़ी आयल एंड नेचुरल गैस कंपनियां खर्चीली मशीन कम पूँजी से बिज़नेस के प्रयोग को शेयर कर लेती हैं. यानी साल में 6 महीने एक कंपनी और 6 महीने दूसरी कंपनी. इससे महंगी मशीन का खर्च कम हो जाता है. ओयो ने भी यही काम किया है. पहले से बनी प्रॉपर्टी को उसने शेयर में ले लिया, उसका लाभ यह हुआ कि जिसकी प्रॉपर्टी खाली पड़ी थी, उसे भी आय होने लगी और जिसे बिजनेस बिल्ड करना था, उसे भी मुनाफा मिलने लगा. महिंद्रा लॉजिस्टिक और दूसरी बड़ी कंपनियां भी यही कर रही हैं.

पे-पर यूजः मान लीजिये आपकी कंपनी का कोई कारपोरेट ऑफिस मुंबई में है, आपके पास ढाई सौ लोगों की मैन पॉवर है, लेकिन आपको चेन्नई, गुड़गांव, चंडीगढ़, बेंगलुरु इत्यादि जगह पर ब्रांच खोलनी है तो आपके पास ऑफिस के नये पेसेस कांसेप्ट हैं. पे-पर यूज यानी आप जितने वर्क्स स्टेशन लोगे, उतने का ही पैसा दोदेना पड़ेगा. प्रिंटर्स से लेकर वॉश रूम, पैंट्री कॉमन, स्टेशनरी, इंटरनेट ये सभी कॉमन यूज के लिए रखें. इस कम पूँजी से बिज़नेस तरह आपने ऑफिस भी ले लिया और ऑफिस सेटअप का खर्चा भी कम से कम में हो गया.

लाइसेंसिंग इन एंड लाइसेंसिंग आउट: कई कंपनियां अपनी आरएलडी कास्ट और ब्रांड डेवलपमेंट कास्ट बचाने के लिए इस फंडे का इस्तेमाल करती है. यानी अगर कंपनी आपसे किसी उत्पाद का लाइसेंस लेती है, तो यह लाइसेंसिंग इन और अगर कंपनी लाइसेंस दे रही हैं तो लाइसेंसिंग आउट कहलाता है. इस तरीके कंपनियों की कास्ट शेयरिंग हो जाती है.

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