शेयर बाजार के लिये साल 2021 रिकॉर्ड तेजी का साल रहा है, इस दौरान प्रमुख इंडेक्स ने वो स्तर देखे जो आज से पहले कभी दर्ज नहीं किये गये. बाजार की इस रिकॉर्ड तेजी में निवेशकों ने जमकर कमाई की, हालांकि इस ऊंचे रिटर्न की आस में कई छोटे निवेशको ने बाजार में हेराफेरी करने वाले शेयर ऑपरेटरों के हाथों अच्छा खासा नुकसान भी दर्ज किया. सेबी ने ऐसे ही कुछ स्टॉक मार्केट के ऑपरेटरों पर शिंकजा कसा है. खबरों के मुताबिक मार्केट रेग्युलेटर ने गुजरात के कुछ ऑपरेटर्स के खिलाफ छापेमारी भी की
NSE की योगी गाथा : पद के मिसयूज, हेराफेरी और अंधविश्वास की अनोखी कहानी
NSE Scam : भारत के टॉप स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (NSE) की तत्कालीन सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) ने आठ साल पहले पीटीआई से कहा था कि टेक्नोलॉजी एक ऐसा शेर है, जिस पर हर कोई सवार है। उस समय, वह खुद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के टॉप पोस्ट पर तैनात थीं। एनएसई (NSE) ने 1994 में अपनी शुरुआत के एक साल के भीतर ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के रूप में 100 साल पुराने बीएसई (BSE) को पछाड़ दिया था।
तकनीक गड़बड़ी से मिला था रामकृष्ण को मौका
NSE के आधुनिक एल्गोरिद्म पर आधारित सुपरफास्ट ट्रेडिंग में एक तकनीकी खराबी आने से शेयर कारोबार की पुरुषों के वर्चस्व वाली दुनिया में रामकृष्ण को NSE के शीर्ष पद पर आने का मौका मिला था। NSE में पांच अक्टूबर 2012 की सुबह आई इस तकनीकी खराबी से निवेशकों के लगभग 10 लाख करोड़ रुपये डूब गए थे।
Share Price में हेराफेरी! SEBI ने 85 कंपनियों को शेयर मार्केट से ट्रेडिंग पर लगाया बैन, जानिए पूरा मामला
- 85 एंटिटीज पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध
- मार्केट रेगुलेटर सेबी ने लगाया 1 साल का प्रतिबंध
- शेयर प्राइस में हेराफेरी करने के चलते बैन लगाया
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SEBI की सख्ती
सेबी ने अपने आदेश में Sunrise Asian और उसके पांच डायरेक्टर्स को को कैपिटल मार्केट से एक साल के लिए और 79 इकाइयों को छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया. सेबी ने प्रधान आयकर निदेशक (जांच), कोलकाता से मिले एक संदर्भ के आधार पर 16 अक्टूबर, 2012 से 30 सितंबर, 2015 की अवधि के लिए सनराइज एशियन के शेयरों की जांच की थी.
अपनी जांच में, सेबी ने पाया कि विलय की योजना के तहत शेयरों के आवंटन के मुताबिक, सनराइज एशियन और उसके तत्कालीन डायरेक्टर्स ने एक व्यवस्था तैयार की थी, जिसके तहत 83 संबंधित संस्थाओं ने जांच अवधि के दौरान ट्रेडिंग के चार पैच में शेयरों की कीमत में हेरफेर किया था, जिससे धोखाधड़ीपूर्ण और अनुचित व्यापार व्यवहार (PFUTP) मानदंडों का उल्लंघन हुआ है. सेबी ने पाया कि 83 में से 77 संस्थाएं, 1059 संस्थाओं/आवंटियों की ओर से बनावटी रूप से बढ़ा-चढ़ाकर या हेरफेर किए गए मूल्य पर शेयरों की बिक्री के प्रतिपक्ष थे, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ.
SEBI action : सेबी ने धोखाधड़ी के आरोप में 86 लोगों पर लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना
पूंजी बाजार की रेग्युलेटर सेबी ने शुक्रवार को सनराइज एशियन लिमिटेड के शेयरों में हेराफेरी के लिए 86 लोगों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। अपने एक आदेश के जरिए सेबी ने सनराइज एशियन लिमिटेड (SAL),इसके 5 पूर्व शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला डायरेक्टरों और कंपनी से जुड़े 80 लोगों और निकायों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
जुर्माने की इस राशि का भुगतान आरोपियो द्वारा संयुक्त रूप से और अलग-अलग किया जाना है। सेबी ने इस मामले की जांच प्रींसिपल डायरेक्टर ऑफ इनकम टैक्स (इन्वेस्टीगेशन), कोलकाला से प्राप्त एक रिफरेंस के आधार पर अक्टूबर 2012 से सितंबर 2015 की अवधि के लिए की थी। जांच में पाया गया है कि एक अमलगमेशन योजना के तहत, सनराइज एशियन और इसके तब के डायरेक्टरों ने हेराफेरी करके जांच की अवधि यानी अक्टूबर 2012 से सितंबर 2015 के दौरान सनराइज एशियन के स्टॉक प्राइस में हेराफेरी की थी। इस मामले के 86 अभियुक्तों में से दो लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि एक व्यक्ति ने सेबी के साथ मामला सेटल कर लिया है।
इस शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला बात से अनजान थे निवेशक
सेबी अधिकारी बी जे दिलीप ने अपने 95 पन्नों के अपने आदेश में कहा कि सिक्योरिटीज की मात्रा या कीमत में कोई भी गड़बड़ी हमेशा बाजार में निवेशकों शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला के विश्वास को चोट पहुंचाती है और वो बाजार में हुई हेराफरी में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में आम निवेशक इस बात से अनजान थे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन सेक्शन में सौदे के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज है।
रिलायंस ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
सुनवाई अधिकारी ने कहा कि कारोबार में गड़बडी से सही कीमत बाहर नहीं आती। उन्होंने कहा कि मेरा विचार है कि गड़बड़ी किये जाने वाले ऐसे कामों को सख्ती से निपटा जाना चाहिए ताकि पूंजी बाजार में इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जा सके। इस बारे में फिलहाल आरआईएल शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उम्मीद है कि जल्द ही रिलायंस इस पर अपना पक्ष रखेगा।
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शेयर ब्रोकर्स पर सेबी की कार्रवाई
शेयर में कृत्रिम मांग के जरिये छोटे निवेशकों को धोखा देने के मामले में सेबी ने यह कार्रवाई की है. आरोप हैं कि इस तरह धोखाधड़ी के जरिए इन ऑपरेटरों ने एक-एक सौदे में लाखों रुपए बनाए हैं. सेबी की जांच में इन ऑपरेटरों द्वारा शेयरों की खरीद और बिक्री वाले शेयरों से जुड़े कई मैसज सामने आए हैं. चूंकि शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के लिए ऑपरेटरों की ओर से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ रहा है इसलिए सेबी भी इस रास्ते से होने वाले गलत कामों पर अपना शिकंजा कस रहा है. ऐसे ऑपरेटर्स ज्यादातर छोटे निवेशकों को निशाना बनाते हैं. नए निवेशकों तक ट्रेडिंग टिप्स पहुंचाने का काम ज्यादातर वॉट्सऐप ग्रुप्स और टेलिग्राम चैनलों के जरिए होता है.
दरअसल शेयर बाजार में मिले उंचे रिटर्न और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर ऑपरेटर भी सक्रिय हो गये जो शेयरों में कृत्रिम मांग के जरिये कीमतों को मनमाने तरीके से नियंत्रित कर रहे थे. रणनीति के अनुसार ऐसे ऑपरेटर्स पहले शेयरों को सस्ते दामों पर खरीदते थे, जिसके बाद ट्रेडिंग टिप्स के नाम पर सोशल मीडिया, वॉट्सएप ग्रुप्स और टेलिग्राम चैनलों के जरिये इन शेयरों के लिये सकारात्मक माहौल बनाते थे. छोटे निवेशकों की भागेदारी बढ़ने के साथ स्टॉक में उछाल बढ़ने पर ये ऑपरेटर अपने सभी शेयर बेच कर बाजार से बाहर निकल जाते थे, और नुकसान छोटे निवेशकों को उठाना पड़ता था. इसी को देखते हुए सेबी ने ऐसे ऑपरेटर्स पर अपना शिकंजा कस दिया है.
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