What is Cyrptocurrency: क्या है क्रिप्टोकरंसी, जिसके खतरों ने भारत समेत दुनियाभर की सरकारों की नींद उड़ा कर रख दी
What is Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी की ओर लोगों की बढ़ती रुचि ने सरकारों को टेंशन में डाल दिया है. सिडनी डायलॉग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी इस पर चिंता जता चुके हैं.
By: ABP Live | Updated at : 19 Nov 2021 07:19 AM (IST)
Cyrptocurrency News: क्रिप्टोकरंसी की ओर लोगों की बढ़ती रुचि ने सरकारों को टेंशन में क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन डाल दिया है. सिडनी डायलॉग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी इस पर चिंता जता चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर दुनिया भर की सरकारों को साथ काम करना चाहिए. अगर यह गलत नेटवर्क में चला गया तो युवाओं की जिंदगी तबाह हो सकती है. 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार इसे लेकर बिल ला सकती है.
सबसे पहले जानें क्या है क्रिप्टोकरंसी?
क्रिप्टोकरंसी में कंप्यूटरों का एक नेटवर्क क्रिप्टोग्राफी तकनीक से लेनदेन करवाता है. इस क्रिप्टोग्राफी तकनीक में ना तो पेमेंट लेने वाले की पहचान और न ही पेमेंट देने वाले की पहचान सामने आती है. बिटकॉइन भी एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है. बिटकॉइन की तरह कई और क्रिप्टोकरंसी इस वक्त बाजार में मौजूद हैं. जैसे डार्क कॉइन, लाइट क्वाई, बाइनस कॉइन वगैरह. इन सब में सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन है. बिटकॉइन का अपना माइनिंग एक्सचेंज है.
बिटकॉइन पर किसी सरकार, राज्य या बैंक का कंट्रोल नहीं होता है. इसे ना तो जब्त किया जा सकता है ना ही इसके ट्रांजेक्शन को कोई सरकार रोक सकती है. इस मुद्रा का असली मालिक कौन है? और उसने किस-किस को भुगतान किया है? इसका पता लगाना असंभव है. अपने ट्रांजेक्शन को केवल वही देख सकता है, जिसने वो भुगतान लिया है या दिया है. इसमें लेनदेन करने वालों की पहचान एक डिजिटल "की" यानी चाबी के रूप में रहती है. इस करंसी में किसी नाम या पते की कोई जरूरत नहीं है.
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क्रिप्टोग्राफी क्या होती है?
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरंसी है. यानी इसका लेनदेन क्रिप्टोग्राफी तकनीक पर होता है. क्रिप्टोग्राफी का मतलब होता है गोपनीय संचालन. यानी एक सुरक्षित कम्युनिकेशन. इस तकनीक में कंप्यूटरों के एक नेटवर्क में डेटा को इस तरह इनक्रिप्ट किया जाता है, जिससे केवल बिटकॉइन लेने और देने वालों के अलावा इस सूचना को कोई ना देख पाए. यहां तक कि क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का ऑपरेटर भी इससे दूर रहता है. ये सारा काम केवल मशीनों के जरिए संचालित होता है. मशीन को भी असली लेने वाले और देने वाले की पहचान नहीं दी जाती. वो इन्हें केवल एक नंबर की तरह समझता है और ये नंबर केवल दो लोगों के पास होता है जो बिटकॉइन खरीद रहा है और जो बेच रहा है.
क्रिप्टोकरंसी यानी बिटकॉइन की माइनिंग कैसे होती है ?
माइनिंग का मतलब होता है खुदाई. चूंकि बिटकॉइन का कोई आकार नहीं है, जैसे परंपरागत करंसी का होता है. ये एक क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन वर्चुअल यानी डिजिटल करंसी है. इसे क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज से क्रिएट किया जाता है. इसे ही माइनिंग कहते हैं. यानी जितनी ज्यादा माइनिंग उतना ज्यादा प्रचलन. चूंकि एक्सचेंज में बिटकॉइन एक सीमित संख्या में होता है. इसलिए इसकी माइनिंग जब ज्यादा होगी यानी मांग ज्यादा होगी तो इसकी कीमत बढ़ती है और अगर इसकी मांग कम हो तो कीमत कम हो जाती है.
क्रिप्टोकरंसी पर भारत सरकार का पक्ष क्या है?
भारत सरकार बिटकॉइन को अपनी अर्थव्यवस्था में मान्यता नहीं देती. 2007 और 2017 में रिजर्व बैंक ने इस करंसी के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसमें कहा गया था कि इस मुद्रा के प्रचलन की आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है और इसका लेनदेन जोखिम भरा है.
सरकार के लिए बिटकॉइन के खतरे क्या हैं?
चूंकि बिटकॉइन में इस मुद्रा के लेन-देन करने वालों की जानकारी लेना असंभव है. इसलिए किसी भी सरकार के अपनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित करने के सारे साधन बिटकॉइन पर लागू नहीं होंगे और आपात स्थिति में सरकार अपनी अर्थव्यवस्था के जोखिम को नियंत्रित नहीं कर पाएगी. इस करंसी में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद, हथियार और ड्रग्स के कारोबार के संचालन और उसके अपराधियों की पहचान करना असंभव होगा और इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
अगर ये करंसी किसी भी देश की परंपरागत मुद्रा से ज्यादा मात्रा में उस देश में प्रचलित हो जाएगी तो वहां के बैंक और सरकारों को अपने नागरिकों की आय या फिर टैक्स प्रणाली में उन्हें शामिल करना असंभव हो जाएगा. राज्य की आर्थिक शक्ति कंप्यूटरों के हाथ में चली जाएगी. यानी सरकार की मुद्रा जारी करने की शक्ति और उसकी संप्रभुता दोनों खत्म हो जाएगी.
आम आदमी के लिए खतरे
आप इसे खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन इसे बेचना पूरी तरह से इसके खरीददारों या फिर क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन करता है. यानी आप इस दुनिया में अपनी मर्जी से शामिल तो हो सकते हैं लेकिन इससे पूरी तरह निकलने में सिर्फ आपकी मर्जी नहीं चलेगी. अगर आपके साथ धोखा होता है. आपकी क्रिप्टोकरंसी चोरी कर ली जाती है या फिर उसे लूट लिया जाता है तो आप को वो वापस कभी नहीं मिलेगी. क्योंकि एक्सचेंज को भी ये नहीं पता होगा कि जो क्रिप्टोकरंसी लूटी गई है उसके असली मालिक आप ही थे.
लूटने वाला आराम से उससे खरीददारी कर लेगा और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा क्योंकि उसके असली नाम और पते के बारे में भी एक्सचेंज को कुछ नहीं पता होगा. इसकी क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन कीमतें कैसे बढ़ रही हैं और कब कम होंगी इसका कोई भी प्रमाणिक और पारदर्शी तरीका नहीं है. यानी इसकी आर्टिफिशियल हाइक और डिप क्रिएट कर के आपको लूटा भी जा सकता है.
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Published at : 19 Nov 2021 07:15 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Cryptocurrencies Bitcoin News cryptocurrency news हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है
Digital Rupee: 1 दिसंबर से RBI डिजिटल रुपया की लॉन्चिंग के साथ करेंसी के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. बहुत से लोग इसे देसी क्रिप्टोकरेंसी जैसा समझ रहे हैं. आइए जानते हैं डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है. पहले ये सेवा देश के चार शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च की जा रही है.
अभिषेक मिश्रा
- नई दिल्ली,
- 01 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 01 दिसंबर 2022, 7:37 PM IST)
RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है.
डिजिटल रुपया का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था. गुरुवार यानी 1 दिसंबर को क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपया कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.
इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.
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क्या है डिजिटल रुपया?
इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप अपने पर्स से पैसे खर्च करते हैं. हालांकि, ये डिजिटल वॉलेट या UPI से भी काफी अलग है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा.
इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होगा. आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.
यूजर्स डिजिटल रुपया का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.
आरबीआई ने डिजिटल रुपया को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपया को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था.
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?
एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपया भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.
वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.
क्या हैं इसके फायदे?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपया का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को कौन ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.
जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपया के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपया को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कंट्रोल होगा.
कौन-कौन से बैंक हैं शामिल?
इस प्रोजेक्ट में 8 बैंक शामिल होंगे. शुरुआत में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. बाद में बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे.
Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।
इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन
दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।
वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है
कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।
इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी
अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।
वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध
कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।
क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?
आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।
'Bitcoin'
बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में शामिल FTX के बैंकरप्ट होने से इस मार्केट में बिकवाली बढ़ी थी। FTX के फाउंडर ने गोपनीय तरीके से कस्टमर्स के लगभग 10 अरब डॉलर को अपनी ट्रेडिंग फर्म Alameda Research में ट्रांसफर किया था
दूसरे सबसे बड़े इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज FTX ने फंड की कमी होने के बाद पिछले महीने की शुरुआत में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया था
Cryptocurrency | Written by: राधिका पाराशर, Edited by: आकाश आनंद |मंगलवार दिसम्बर 13, 2022 04:25 PM IST
हाल ही में की गई एक स्टडी में पता चला है कि Bitcoin खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है
बिटकॉइन की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत के कारण कुछ देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लगभग छह महीने पहले उज्बेकिस्तान ने सोलर पावर से क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग की अनुमति देने का फैसला किया था
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BlockFi के दिवालियापन की घोषणा का असर जिन क्रिप्टो पर पड़ रहा है, हम नीचे उन सभी को लिस्ट कर रहे हैं।
इसके तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर Binance के ऑपरेशनल स्टेटस के बारे में पूछताछ करने वाले ट्वीट्स की बाढ़ आ गई।
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