भाजपा द्वारा एक अन्य खेल झारखंड में खेला जा रहा है। ऐसा बताया जाता है कि उस जन-जातीय प्रभुत्व वाले राज्य में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन अनुबंध देने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दोषी पाया गया है। झारखंड के राज्यपाल ने चुनाव आयोग की जांच बारे सार्वजनिक खुलासा नहीं किया है। उन्होंने रिपोर्ट प्राप्त होने के एक सप्ताह बाद भी मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने अपने इरादे बारे सभी को अनुमान लगाने और मुख्यमंत्री व उनकी सहयोगी कांग्रेस को अपने लोगों को बचाने के लिए ‘रिजार्ट’ पॉलिटिक्स के लिए छोड़ दिया है। गत सोमवार को सोरेन तथा उनके व कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में सोरेन द्वारा प्रस्तुत विश्वासमत जीत लिया है। निश्चित तौर पर उन्हें यह विचार केजरीवाल से मिला होगा।

Twitter Controversy: क्या ट्विटर ने वास्तव में अपना कानूनी कवच खो दिया? जानिए आखिर क्यों मचा है इतना घमासान

By: एबीपी न्यूज | Updated at : 17 Jun 2021 07:42 AM (IST)

क्या वास्तव में ट्विटर ने भारत में अपना कानूनी कवच खो दिया?

नई दिल्ली: आईटी नियमों का पालन न करने पर माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भारत में मिली कानूनी सुरक्षा खो दी है. ट्विटर अब भारत में थर्ड पार्टी गैरकानूनी कंटेंट के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है. आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत ट्विटर को लीगल प्रोटेक्शन मिला था. हालांकि फेसबुक, यूट्यूब, गूगल, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप को ये प्रोटेक्शन मिलता रहेगा.

ट्विटर और सरकार को लेकर क्यों मचा है घमासान

  • केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग का कारण बन सकती है. खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं. इस पर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए आईटी नियमों में एक महत्वपूर्ण नियम था, जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया.
  • सरकार का कहना है कि ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है. ट्विटर तभी फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक चीजें हों.
  • वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर नकली समाचार/गलत सूचना के खतरे से लड़ने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाते हैं तो फिर भारत को सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामना किए जाने वाले परिणामों को निर्धारित करने वाले प्रभावी कानूनी प्रावधानों के साथ सामने आने की जरूरत है.
  • विशेषज्ञों का साफतौर पर कहना है कि चूंकि ट्विटर, एक सेवा प्रदाता के रूप में नए आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो सरकार उन्हें भारतीय संदर्भ में एक सहज तरीके से अपनी सेवा प्रदान करने से रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर सकती है.
  • आईटी नियम 2021 के नियम 7 के आधार पर, कोई भी मध्यस्थ आईटी नियमों का पालन नहीं करता है, तो वे स्वचालित रूप से कानूनी दायित्व से अपनी वैधानिक छूट खो देते हैं. इस मामले में ट्विटर ने आईटी नियमों 2021 का पालन न करके 25 फरवरी से 90 दिनों की समाप्ति के बाद अपनी वैधानिक प्रतिरक्षा खो दी है.
  • हालांकि ट्विटर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सरकार के नए आईटी रूल्स को फॉलो किया गया है और इसके लिए एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी भी नियुक्ति कर दिया गया है.
  • जानकारी के अनुसार, ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा और उसे मिली कानूनी सुरक्षा नए दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण 26 मई को स्वतः खत्म हो गई है. आईटी नियमों को पालन नहीं करने वाले हर सोशल मीडिया मंच के साथ ऐसा हुआ है.
  • इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए 'एक आखिरी मौका' दिया था. सरकार ने आगाह किया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट गंवा देगा.
  • सरकार का पिछले कुछ महीनों में कई बार ट्विटर के साथ विवाद हुआ है. ट्विटर ने हाल में कुछ बीजेपी नेताओं के ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था. इसको लेकर भी काफी विवाद छिड़ा है.
  • केंद्र के साथ ट्विटर का टकराव इस साल फरवरी में शुरू हुआ था. उस दौरान केंद्रीय तकनीक मंत्रालय ने ट्विटर ने उस कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था कि जिसमें पीएम मोदी के प्रशासन पर देश मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है में किसान आंदोलन को लेकर आलोचनाओं को खत्म करने के आरोप लग रहे थे. इसके बाद केंद्र ने सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही बढ़ाने वाले नए कानून को पेश किया.

प्रयागराज में बुल्डोजर की कार्रवाई के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर

जिला अधिवक्ता मंच के पांच अधिवक्ताओं की ओर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई पत्र याचिका में दावा किया गया है कि पीडीए ने जिस मकान को ध्वस्त किया है, वास्तव में उस मकान का स्वामी जावेद नहीं है, बल्कि उसकी पत्नी परवीन फातिमा है।

Bulldozer action

प्रयागराज: शहर के अटाला और करेली में शुक्रवार को हुए पथराव के बाद इस घटना के कथित मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद के करेली स्थित मकान के ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।

प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने रविवार को जावेद उर्फ पंप के दो मंजिला मकान को ध्वस्त कर दिया था ।

क्या सिसोदिया वास्तव में दोषी हैं या.

आम आदमी पार्टी के एक ‘भ्रष्ट’ नेता मनीष सिसोदिया को लेकर डाले जा रहे शोर-शराबे मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है के पीछे क्या सच्चाई है? इस मामले में मैं भी उतना ही कोरा हूं जितना कि कोई अन्य सूझवान भारतीय। केवल भाजपा के कट्टर समर्थक तथा भोली-भाली जनता ही उस प्रोपेगंडा को हज्म कर सकती है जो इस व्यक्ति की आलोचना करने के लिए फैलाया जा रहा है। मगर सबूत कहां हैं?

बंगाल के मंत्री के विपरीत, जिसके पास से करोड़ों रुपए का धन बरामद हुआ, सी.बी.आई. द्वारा सिसोदिया के कार्यालयों, घर तथा बैंक लॉकर पर की गई सर्च में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि उनके खिलाफ आरोप यह है कि उनके तथा उनकी पार्टी द्वारा शराब की बिक्री के लिए जो नीति अपनाई गई उसने खजाने को मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है बहुत भारी नुक्सान पहुंचाया है। यह एक ऐसा आरोप है जो विभिन्न समयों पर भारत और विश्व के किसी भी हिस्से में सरकारों तथा कार्पोरेट्स पर लगाया जा सकता है।

रनवे गैप और थकावट गैप के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?

रनवे गैप और थकावट गैप के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?

a: अंतराल वित्तीय बाजारों में अक्सर होती है। जब भी किसी शेयर को बिना किसी व्यापार के स्थान पर ले जाया जाता है, तो एक दिन के बंद होने और अगले दिन के खुला होने के मूल्य चार्ट में अंतर होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि व्यापारिक सत्रों के बीच स्टॉक की कीमत पर महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है विश्लेषक आमतौर पर चार अलग-अलग प्रकार के अंतराल के बीच भेद करते हैं: आम, भगदड़, भगोड़ा और थकावट। हालांकि तकनीकी शब्दावली खुद को अलग-अलग मानते हैं, अंतराल को वास्तव में परिभाषित किया जाता है कि गैपिंग पूर्ण होने के बाद मूल्य क्रिया क्या होती है।

विश्लेषकों और व्यापारियों द्वारा समझा जा रहे थकावट गैप पैटर्न कैसे हैं? | इन्वेस्टोपैडिया

विश्लेषकों और व्यापारियों द्वारा समझा जा रहे थकावट गैप पैटर्न कैसे हैं? | इन्वेस्टोपैडिया

सीखें कि व्यापारियों और विश्लेषकों की तरह थकावट के अंतराल के पैटर्न को मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है कैसे खोजना और व्याख्या करना है, और देखें कि ये पैटर्न क्यों महान लाभ के अवसर मानते हैं।

थकावट गैप खोलते समय मैं एक लाभदायक रणनीति कैसे बनाऊं?

थकावट गैप खोलते समय मैं एक लाभदायक रणनीति कैसे बनाऊं?

संभावित रूप से बहुत लाभदायक व्यापार रणनीतियों सीखें व्यापारियों का उपयोग थकावट के अंतराल की पहचान करने के बाद मार्केट रिवर्सल का लाभ उठाने के लिए होता है

थकावट अंतर और मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है ब्रेकएव अंतर के बीच मुख्य अंतर क्या हैं? | इन्वेंटोपैडिया

थकावट अंतर और ब्रेकएव अंतर के बीच मुख्य अंतर क्या हैं? | इन्वेंटोपैडिया

दो प्रकार के मूल्य चार्ट अंतराल के बीच प्राथमिक मतभेदों के बारे में पढ़ते हैं - भगाने और थकावट - और कैसे व्यापारियों ने प्रत्येक प्रकार पर प्रतिक्रिया दी

खाद्य सुरक्षा प्रणाली के मूल सिद्धांत क्या हैं?

खाद्य सुरक्षा प्रणाली के मूल सिद्धांत क्या हैं?

ऐसे दर्जनों कारक हैं जो खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं, और उनमें से प्रत्येक को अलग से लेने की आवश्यकता हो सकती है। खाद्य सुरक्षा के प्राथमिक सिद्धांतों में से एक स्वच्छता है। भोजन की सभी प्रक्रियाओं में स्वच्छता से कभी समझौता नहीं किया जा सकता है।

संदूषण या क्रॉस संदूषण, जो खाद्य सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है, तब होता है जब रोगजनकों को एक खाद्य प्रकार से दूसरे में स्थानांतरित किया जाता है। इन खाद्य पदार्थों को वास्तव में अलग रखने की जरूरत है। उपयोग किए गए हाथ, सतह और उपकरण कीटाणुओं को भोजन के बीच फैलने देते हैं।

खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली (प्रक्रियाएं और प्रक्रियाएं जो कंपनियों ने संदूषण को रोकने के लिए स्थापित की हैं) खाद्य जनित बीमारी के जोखिम को कम करने और संभव सबसे सुरक्षित उत्पाद प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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