Fixed deposit Interest Rates, Benefits फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) 2023

यहाँ हम जानेंगे की आखिर Fixed deposit क्या है? ओर सबसे बेस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) योजना 2023 कोनसी है, FD के उद्देश्य, Fixed deposit Interest Rates, FD Key Highlights, Fixed deposit benefits, पात्रता मानदंड, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया आदि की पूरी जानकारी आप सभी यहाँ से चेक कर सकते हैं इसलिए अगर आप ससबे अच्छी FD योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो यहाँ से Fixed deposit के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।

Table of Contents

Fixed deposit क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट एक प्रकार का वित्तीय उपकरण है जो बैंकों द्वारा दिया जाता है जिसे उपलब्ध सबसे सुरक्षित निवेश फिक्स्ड डिपॉजिट विकल्पों में से एक के रूप में देखा जाता है। सावधि जमा नियमित बचत खाते की तुलना में अधिक ब्याज दर फिक्स्ड डिपॉजिट प्रदान करता है। बैंक Fixed deposit कार्यकाल का चयन करने में लचीलापन प्रदान करते हैं जो 10 दिनों से लेकर 10 वर्षों तक भिन्न हो सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरें विभिन्न कारकों पर निर्भर करती हैं जैसे जमा का कार्यकाल, आर्थिक स्थिति, निवेश राशि, बैंक की नीतियां। और इसके इलावा, बैंक और वित्तीय संस्थान सामान्य Fixed deposit में जोड़े गए विभिन्न फीचर्स प्रदान करते हैं जैसे डिपॉजिट सुविधा में स्वीप, टैक्स सेवर Fixed deposit. दूसरे शब्दों में Fixed deposit निवेश पर उच्च रिटर्न, अधिक लचीलापन, उच्च स्थिरता और निवेशकों की मेहनत से अर्जित धन की सुरक्षा प्रदान करता है।

Fixed deposit (FD) highlights

Fixed deposit Interest Rates

फिक्स्ड डिपॉजिट क्यों चुनना चाहिए

फिक्स्ड डिपॉजिट विभिन्न सुविधाओं और लाभों की पेशकश करता है, जिससे यह जमाकर्ताओं के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। हमने कुछ कारणों के बारे में नीचे बताया है कि हमें फिक्स्ड डिपॉजिट क्यों चुनना चाहिए।

fixed deposit investment

1. निवेश पर गारंटी रिटर्न

फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश पर गारंटीकृत रिटर्न प्रदान करता है। जमा ब्याज दरें (निवेश के समय) लागू होती हैं, जो बैंक अपने निवेश पर भुगतान करने के लिए करते हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट हमेशा जोखिम-मुक्त होते हैं।

2. उच्चतर रिटर्न (Safe Highest return)

फिक्स्ड डिपॉजिट जमा की ब्याज दरें बचत खाते पर मिलने वाले रिटर्न से अधिक होती हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बैंक और उस अवधि के अनुसार प्रति वर्ष 3% से 9.20% तक भिन्न होती हैं, जिसके लिए कोई व्यक्ति निवेश करता है।

3. समय से पहले या आंशिक निकासी

समयपूर्व निकासी सुविधा के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट परिपक्वता अवधि से पहले ही जमाकर्ता को फिक्स्ड डिपॉजिट बंद करने की अनुमति देता है। हालांकि, खाताधारक को जमा अवधि से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट राशि निकालने के लिए बैंक को समय से पहले जुर्माना देना होगा। लेकिन कुछ बैंक जीरो पेनल्टी चार्ज के साथ समय से पहले निकासी की सुविधा भी देते हैं। दूसरी ओर, समय से पहले निकासी के बिना सावधि जमा के साथ, जमाकर्ता जमा अवधि से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट राशि नहीं निकाल सकते हैं।

4. क्रेडिट कार्ड का लाभ

फिक्स्ड डिपॉजिट रखने वाला कोई भी व्यक्ति इसके खिलाफ सुरक्षित क्रेडिट कार्ड का लाभ उठा सकता है

5. लचीला जमा कार्यकाल विकल्प

फिक्स्ड डिपॉजिट लचीले टेनर ऑप्शन के साथ आता है जो 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकता है। सावधि जमा ब्याज दरें भी अलग-अलग कार्यकाल विकल्पों के साथ भिन्न होती हैं। हालांकि, खाताधारक केवल 5 साल और 10 साल की अवधि के लिए कर-सावधि सावधि जमा में निवेश कर सकते हैं। और इसी तरह के ऐसे कई कारण हैं जिनसे यह पता चलता है की लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट क्यों चुनना चाहिए

FD के लिए जरूरी दस्तावेज़

Top 10 Banks Fixed Deposit Interest Rates in India

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बजट 2022: फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियम में होगा बदलाव! उठी ये मांग

आगामी आम बजट में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से जुड़े एक नियम में अहम बदलाव की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, बैंकों ने इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) जैसे म्यूचुअल फंड उत्पादों की तर्ज पर टैक्स.

बजट 2022: फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियम में होगा बदलाव! उठी ये मांग

आगामी आम बजट में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से जुड़े एक नियम में अहम बदलाव की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, बैंकों ने इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) जैसे म्यूचुअल फंड उत्पादों की तर्ज पर टैक्स बेनिफिट के लिए एफडी की अवधि को घटाकर तीन साल करने का सुझाव दिया है।

अभी क्या है नियम: इस समय पांच साल की अवधि की एफडी योजनाओं पर टैक्स बेनिफिट मिलता है। कोई भी व्यक्ति पांच साल की एफडी योजना में धन निवेश करके आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत आयकर कटौती का दावा कर सकता है। धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की सीमा तक विभिन्न मदों में निवेश करके कर छूट हासिल की जा सकती है।

क्या है प्रस्ताव: भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सरकार को सौंपे बजट पूर्व प्रस्ताव में कहा कि टैक्स सेविंग के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य वित्तीय उत्पादों (जैसे ईएलएसएस) की तुलना में एफडी कम आकर्षक हो गया है और यदि लॉक-इन अवधि कम हो जाती है, तो इससे यह उत्पाद अधिक आकर्षक बन जाएगा तथा बैंकों को अधिक धनराशि मिल सकेगी। आईबीए ने अपने प्रस्ताव में कहा कि लॉक-इन अवधि मौजूदा पांच साल से घटाकर तीन साल की जानी चाहिए।

इसके अलावा बजट प्रस्ताव में बैंकों ने वित्तीय फिक्स्ड डिपॉजिट समावेश के लिए किए गए उपायों तथा डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने पर किए गए खर्च के लिए विशेष छूट की मांग भी की है। बैंक चाहते हैं कि कराधान से संबंधित मामलों के तेजी से निपटान के लिए एक विशेष विवाद समाधान प्रणाली की स्थापना की जाए।

RBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नियमों में किया अहम बदलाव, जानिए आपके निवेश पर क्या पड़ेगा असर

फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit-FD)

फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit-FD): भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने फिक्स्ड डिपॉजिट/टर्म डिपॉजिट (Term Deposit) के नियमों में एक अहम बदलाव कर दिया है. RBI ने बैंकों में सावधि जमा (Fixed Deposit) की समयसीमा पूरी होने के बाद बगैर दावे वाली राशि पर मिलने वाले ब्याज के नियमों में बदलाव कर दिया है. आरबीआई का नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर लागू होगा. बता दें कि मौजूदा नियमों के तहत अगर फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरी हो जाती है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता है. साथ ही बैंक के पास वह रकम बगैर दावे के पड़ी रहती है तो उस पर सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के हिसाब से ब्याज दिया जाता है.

मैच्‍योरिटी के बाद दावे वाली राशि पर मिलने वाले ब्‍याज की हुई समीक्षा
आरबीआई ने नोटिफिकेशन में कहा है कि FD की मैच्‍योरिटी के बाद दावे वाली राशि पर मिलने वाले ब्‍याज की समीक्षा की गई है. समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है कि अगर फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की मैच्‍योरिटी के बाद रकम पर क्‍लेम नहीं होता है और वह रकम बैंकों के पास बगैर दावे वाली राशि के रूप में रहती है तो इस रकम पर ब्याज दर सेविंग्‍स अकाउंट के हिसाब से या मैच्‍योर्ड एफडी पर निर्धारित ब्‍याज दर जो भी कम होगी वह दी जाएगी. बता दें कि फिक्स्ड डिपॉजिट दरअसल, वह डिपॉजिट अमाउंट है जो बैंकों में एक निश्चित समय के लिए तय किए गए ब्याज पर जमा की जाती है. फिक्स्ड डिपॉजिट के तहत रिकरिंग, Cumulative, Reinvestment Deposit, एन्‍युटी और कैश सर्टिफिकेट जैसे डिपॉजिट शामिल हैं.

सुरक्षित निवेश का प्रमुख साधन है FD
बता दें कि फिक्स्ड डिपॉजिट को बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों यानि NBFC के द्वारा ऑफर किया जाने वाला सुरक्षित निवेश (Safe Investment) का एक प्रमुख साधन माना जाता है. निवेशकों को FD के जरिए सेविंग अकाउंट के मुकाबले अधिक रिटर्न मिलता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में निश्चित अवधि के लिए एकमुश्त रकम जमा करके ब्याज के तौर पर रिटर्न (Bumper Return) हासिल किया जा सकता है. हालांकि आयकर अधिनियम 1961 के मुताबिक फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज के ऊपर टैक्स देना पड़ता है. एफडी की सबसे खास बात यह है कि इसमें पैसा निवेश करने के समय ही निवेशकों को पता चल जाता है कि उनका पैसा बढ़कर कितना होने जा रहा है.

फिक्स्ड डिपॉजिट करने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं तो डूब जाएगा पैसा

FD में इंवेस्ट करने पर ग्राहकों को बेहतर इंटरेस्ट मिलता है. लेकिन आप अपने अमाउंट को एफडी से मैच्योरिटी पीरियड के पहले नहीं निकाल सकते हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट करने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं तो डूब जाएगा पैसा

Fixed Deposit : अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में आप अपना पैसा एक मैच्योरिटी पीरियड के लिए जमा करते हैं. एफडी में इंवेस्ट करने पर ग्राहकों को बेहतर इंटरेस्ट मिलता है. लेकिन आप अपने अमाउंट को एफडी से मैच्योरिटी पीरियड (Maturity Period) के पहले नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए आपको पेनाल्टी फीस का भुगतान करना होगा. फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्ट करने का सीनियर सिटीजन को बहुत फायदा मिलता है. बैंक सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) को फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए हाई इंटरेस्ट रेट ऑफर करती है. यहां आपको एक तय अमाउंट एक अवधि तक पे करना होता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट पर सरकारी और प्राइवेट बैंक अलग-अलग इंटरेस्ट रेट देतें हैं. आप पोस्ट ऑफिस में भी फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट ओपन कर सकते हैं. लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में इंवेस्ट करने से पहले आपको इससे जुड़ी जरुरी बातों की जानकारी होनी चाहिए. इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप और आसानी से एफडी में निवेश कर सकतें हैं. और अपने इंवेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं.

अगर आप एफडी अकाउंट ओपन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको जरुरी डॅाक्यूमेंट्स लेकर नजदीकी बैंक जाना होगा. जहां फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) अकाउंट का फॅार्म फिल करें और फिक्स डिपॉजिट में इन्वेस्ट किए जाने वाले अमाउंट को जमा कर दें.

मैच्योरिटी से पहले न निकालें फंड

फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट एक निश्चित समय तक के लिए किया जाता है. अगर आप तय अवधि से पहले अपने अमाउंट का विड्रॅाल करेंगे तो आपको नुकसान हो सकता है. अगर आपने 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॅाजिट में इंवेस्टमेंट किया है तो आप इसके मैच्योरिटी के बाद ही विड्रॅाल कर सकते हैं. अगर फिर भी आपको राशि निकालनी है तो कम से कम एक साल का इंतजार करें. क्योंकि एक साल के डिपॅाजिट पर ही आपको लागू इंटरेस्ट रेट मिल पाएगी.

एफडी के इंटरेस्ट पर लगता है टैक्स

एफडी से होने वाली कमाई टैक्सेबल होती है. अगर आपका इंटरेस्ट अमाउंट 10,000 रुपये तक बढ़ता है तो बैंक आपको मिलने वाली राशि पर 10.3 फीसदी का टैक्स काट लेगा. इसी तरह अगर फिक्स्ड डिपॉजिट आप की सालाना इनकम पांच लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अधिक टैक्स पे करना पड़ेगा. लेकिन सीनियर सिटीजन जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उन्हें आयकर कानून की धारा 80TTB के तहत एफडी पर इंटरेस्ट के रूप में होने वाली इनकम पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है. साथ ही आपको अपना टैक्स रिटर्न फाइल करते समय एफडी से हुई कमाई को मेंशन करना चाहिए.

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English News Headline :Keep these things in mind before making a fixed deposit.

फिक्स्ड डिपॉजिट

Usage : The bank has announced to increase the interest rate on domestic fixed deposits with immediate effect.
उदाहरण : बैंक ने घरेलू मियादी जमा पर ब्याज दर में तत्काल प्रभाव से वृद्धि करने की घोषणा की है।

Information provided about fixed deposit:

Fixed deposit meaning in Hindi : Get meaning and translation of Fixed deposit in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Fixed deposit in Hindi? Fixed deposit ka matalab hindi me kya hai (Fixed deposit का हिंदी में मतलब ). Fixed deposit meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is मियादी जमा.

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