Varanasi Tak: डूबते नाव को देखकर फरार होने वाले नाविक की तलाश में जुटी पुलिस
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi News) जिले में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. अहिल्याबाई घाट के सामने यात्रियों से भरी नाव अचानक डूब गई. गंगा में नाव डूबने से मौके पर चीख-पुकार मच गई. चीख-पुकार के बाद स्थानीय नाविकों के साथ पुलिस और बचाव की टीम भी मौके पर पहुंच गई.
कड़ी मशक्कत के बाद नाव पर सवार करीब 34 से अधिक यात्रियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. जानकारी के मुताबिक इस घटना में दो लोगों की हालात गंभीर है, जिन्हें कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
स्थानीय नाविकों के अनुसार सभी यात्री दक्षिण भारत के केरल के रहने वाले हैं. वहीं इस हादसे के बाद नाविक फरार हो गया है. फिलहाल पुलिस मौके पर मौजूद है और मामले में जांच-पड़ताल के साथ नाविक के तलाश में जुटी है.
प्रत्यक्षदर्शी राजेश तिवारी के अनुसार अचानक नाव के अंदर पानी भरने लगा, जिसके बाद नाविक नाव छोड़कर भाग निकला और जो यात्री केरल से आए थे उनके बीच अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद नाव गंगा में डूबने लगी. मौके पर मौजूद अन्य नाविकों की तत्परता और पुलिस टीम की मदद से सभी लोगों को बचा लिया गया. किसी तरह का कोई अप्रिय हादसा नहीं हुआ.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में VVIP दर्शन को लेकर लिस वाले ने लेखपाल को जमकर पीटा
Varanasi Tak: डूबते नाव को देखकर फरार होने वाले नाविक की तलाश में जुटी पुलिस
उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi News) जिले में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. अहिल्याबाई घाट के सामने यात्रियों से भरी नाव अचानक डूब गई. गंगा में नाव डूबने से मौके पर चीख-पुकार मच गई. चीख-पुकार के बाद स्थानीय नाविकों के साथ पुलिस और बचाव की टीम भी मौके पर पहुंच गई.
कड़ी मशक्कत के बाद नाव पर सवार करीब 34 से अधिक यात्रियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. जानकारी के मुताबिक इस घटना में दो लोगों की हालात गंभीर है, जिन्हें कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
स्थानीय नाविकों के अनुसार सभी यात्री दक्षिण भारत के केरल के रहने वाले हैं. वहीं इस हादसे के बाद नाविक फरार हो गया है. फिलहाल पुलिस मौके पर मौजूद है और मामले में जांच-पड़ताल के साथ नाविक के तलाश में जुटी है.
प्रत्यक्षदर्शी राजेश तिवारी के अनुसार अचानक नाव के अंदर पानी भरने लगा, जिसके बाद नाविक नाव छोड़कर भाग निकला और जो यात्री केरल से आए थे उनके बीच अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद नाव गंगा में डूबने लगी. मौके पर मौजूद अन्य नाविकों की तत्परता और पुलिस टीम की मदद से सभी लोगों को बचा लिया गया. किसी तरह का कोई अप्रिय हादसा नहीं हुआ.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में VVIP दर्शन को लेकर लिस वाले ने लेखपाल को जमकर पीटा
प्रत्यक्ष अधिकार भेंट क्या है?
महाशिवरात्रि साधना : महादेव की कृपा के पात्र बनें - भाग १. Mahashivratri Sadhana (दिसंबर 2022)
प्रत्यक्ष अधिकार भेंट कंपनी द्वारा की गई एक पेशकश है, सीधे मौजूदा शेयरधारकों को, आमतौर पर छूट पर, कंपनी के स्टॉक के अतिरिक्त शेयर खरीदने के अधिकार प्रदान करते हुए।
प्रत्यक्ष अधिकार भेंट एक कंपनी के शेयर के शेयरधारकों को एक विशिष्ट मूल्य के लिए कंपनी के स्टॉक के अतिरिक्त शेयर खरीदने का विकल्प प्रदान करता है, जिसे आमतौर पर सदस्यता मूल्य के रूप में संदर्भित किया जाता है अतिरिक्त शेयर शेयरों की पेशकश की जाने वाली कीमत लगभग हमेशा एक कीमत है जो एक नौका दलाल क्या करता है? स्टॉक के मौजूदा बाजार मूल्य पर छूट का प्रतिनिधित्व करती है।
प्रत्यक्ष अधिकार प्रसाद स्टॉक वारंट जैसा है। शेयरधारकों को आमतौर पर उन शेयरों की संख्या के आधार पर अतिरिक्त शेयरों की एक निश्चित संख्या तक खरीद करने का अवसर दिया जाता है जो वर्तमान में वे हैं उदाहरण के लिए, प्रस्तावित अधिकार तीन शेयरों के लिए नामित अधिकार भेंट मूल्य पर एक अतिरिक्त शेयर खरीदने का अधिकार दे सकता है, जो एक शेयरधारक के पास है।
हालांकि, अतिरिक्त शेयर खरीदने के अधिकार का प्रयोग करने के लिए समय सीमा आमतौर पर स्टॉक वॉरंट्स के इस्तेमाल के लिए आवंटित समय सीमा से बहुत कम है। शेयर वारंट आमतौर पर कई सालों तक अभ्यास के लिए वैध होते हैं, जबकि अतिरिक्त शेयर खरीदने के विकल्प के लिए एक प्रत्यक्ष अधिकार विकल्प केवल कुछ हफ्तों या एक महीने के लिए वैध हो सकता है।
प्रत्यक्ष अधिकार भेंट दलाल द्वारा हामीदारी हो सकती है, लेकिन आमतौर पर शेयरधारकों की खरीद की गारंटी देने के लिए अंडरराइटर के किसी भी वचन के बिना किया जाता है।
कंपनियां आम तौर पर थोड़े समय में पर्याप्त मात्रा में नकदी जमा करने के लिए प्रत्यक्ष अधिकारों का प्रस्ताव बनाती हैं- इसलिए संक्षिप्त अभ्यास अवधि आमतौर पर अनुमति दी जाती है। एक कंपनी अल्पकालिक नकदी प्रवाह की समस्या को कवर करने के लिए प्रत्यक्ष अधिकार प्रदान कर सकती है, या यह एक गंभीर वित्तीय संकट से बचने के प्रयास में ऐसा कर सकता है।
क्या मैं एक सुपर नौका को भेंट कर सकता हूं? | इन्वेंटोपियाडा
एक व्यक्ति निवेशक भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (विदेशी प्रत्यक्ष एक नौका दलाल क्या करता है? निवेश) में कैसे शामिल हो सकता है? | इन्वेस्टमोपेडिया
समझें कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का मतलब क्या है, और जानें कि भारत में प्रत्यक्ष निवेश में व्यक्तिगत निवेशक कैसे शामिल हो सकते हैं
क्या देश एक नौका दलाल क्या करता है? सक्रिय रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) की भर्ती कर रहे हैं? | इन्वेस्टोपेडिया
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अवधारणा को समझते हैं, और यह जानने के लिए कि विदेशों में निवेश करने वाले देशों में सबसे उत्साह से निवेश किया गया है।
भागलपुर के सबसे बड़े अस्पताल में खून का खेल: मायागंज अस्पताल में दलाल हावी, शहर के इकलौते ब्लड बैंक में रोज होता हैं खून के खेल, अधीक्षक कहते- मैं क्या करूँ पुलिस नहीं करती कुछ
कोशी सीमांचल के सबसे बड़े अस्पताल मायागंज स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दलाल इस कदर हावी हैं कि उनके सामने अस्पताल प्रबंधन भी बौनी साबित हो रही है। भास्कर ने शनिवार को फिर एक खून के सौदागर का पर्दाफाश किया एक नौका दलाल क्या करता है? है। एक किशोर जो ब्लड बैंक से ब्लड लेने के फिराक में था तभी अस्पताल प्रबंधन ने उसे दबोच लिया।लेकिन फिर ढाई घण्टे में उसे छोड़ दिया।
उक्त किशोर ने खुद अपनी पहचान सुल्तानगंज एक नौका दलाल क्या करता है? निवासी उमेश चौधरी का पुत्र (17) शिवम कुमार के रूप में की। अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास में उससे पूछताछ की जिसमे यह बात स्पष्ट हुआ कि वह दलाल है।
यह सारा खेल कैसे होता है इस सम्बंध में उसने खुद बताया कि हमको छोड़ दीजिए मैं सबकुछ बताता हूँ। उसने बताया कि उसे वहां सुल्तानगंज निवासी युगल मिश्रा के पुत्र अभिषेक मिश्रा ने पैसा कमाने के लिए बुलाया।
यहां आते ही प्रसव विभाग विभाग में एडमिट सोनी देवी का पुर्जा
देकर भेजा और कहा कि एक यूनिट ब्लड देकर एक यूनिट ब्लड ले आओ इसके एवज में उसे 2500 रुपए मिलते। लेकिन वहां एक नौका दलाल क्या करता है? जाने के बाद उसे 18 वर्ष पूरा नही होने की वजह से लौटा दिया गया।
पहले बार मे लौटा देने के बाद उसके साथ अभिषेक मिश्र खुद उसके साथ गया। इस बार शिवम के हाथ एक नौका दलाल क्या करता है? मे सोनी देवी का पुर्जा, रक्त डोनर का एक कार्ड और प्रमाणपत्र देकर कहा कि इसे ले जाकर एक यूनिट ब्लड ले आओ।
लेकिन ब्लड बैंक जाने पर वहां के कर्मियों ने प्रमाणपत्र और रक्त डोनर का कार्ड देखते ही उसे पकड़ लिया और उसकी पूछताछ की जाने लगी। जांच के दौरान सभी कागजात जाली पाए गए।
इस बात की सूचना ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने अस्पताल हेल्थ मैनेजर सुनील गुप्ता को दिया।सूचना मिलते ही सुनील गुप्ता ब्लड बैंक में पहुंचे और ओरिजिनल प्रमाण पत्र से उस प्रमाण पत्र का मिलान किया गया जिसमे यह प्रमाणित हुआ कि सारे कागजात जाली हैं। तो वह प्रमाण पत्र जारी साबित हुआ जिसके बाद हॉस्पिटल हेल्थ मैनेजर ने इसकी सूचना अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास को दिया। वही जब उस लड़के से पूछताछ की गई तो उसने बताया एक नौका दलाल क्या करता है? कि उसे अभिषेक मिश्रा उसे बहला फुसलाकर यहां लाया था कि ब्लड दोगे तो तुम्हें 2500 दिया जाएगा जिसके बाद मैं यहां आया। वहीं उसने अधीक्षक के सामने बताया कि यहां पर मायागंज अस्पताल के गेट के पास जयराम नाम के एक युवक ने किसी सोनी कुमारी नाम के मरीज का पर्ची देकर कहा कि जाओ इसके लिए इसका भाई बन कर ब्लड डोनेट कर कर लेते आना। लेकिन मैं यहां पकड़ा गया मैं निर्दोष हूं मुझे इस सब के बारे में कोई जानकारी एक नौका दलाल क्या करता है? नहीं है कि कौन यहां पर क्या करता है। वही कड़ी पूछताछ के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा उसे छोड़ दिया गया।
गार्ड को देते हैं धमकी-
इस बावत गार्डों ने बताया कि हमलोग उन सभी दलालों एक नौका दलाल क्या करता है? को अच्छी तरह से पहचानते हैं लेकिन मना करने पर वो हमें मारने पीटने की धमकी देते हैं। और दूसरी बात जब अस्पताल प्रबंधन ही कुछ नही करती है तो हमलोग विरोध क्यों करें।
क्या कहते हैं अधीक्षक-
अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने बताया कि मैंने कई बार पुलिस को जानकारी दी लेकिन पुलिस ऐसे लोगों पर कोई कार्यवाई नही करती है।अब मैं इस संबंध में पुलिस एक नौका दलाल क्या करता है? के बड़े अधिकारियों से बात करूंगा।ये लोग छोटे प्यादे हैं जरूरत है सरगना को शिकंजे में करने की।
करोड़पति दलाल, तलाशी में एसीबी को मिली करोड़ों की संपति, 50 रियल एस्टेट प्रॉपर्टी में कर रखा है इनवेस्ट
मुकेश शर्मा / जयपुर। खान विभाग ( Mines Department ) के ज्वाइंट सैक्रेट्री बीडी कुमावत ( BD Kumawat ) के लिए रिश्वत लेने वाला दलाल ओमसिंह करोड़ों की संपत्ति का मालिक है। उसने यह रकम रिश्वत के पैसों से दलाली करके या अन्य साधनों से कमाई है, इसकी भी एसीबी ने जांच शुरू कर दी है। एसीबी को सर्च के दौरान दलाल ओमसिंह के फ्लैट पर रियल एस्टेट से संबंधित 7.7 करोड़ रुपए के कागजात मिले। इसके अलावा 50 रियल एस्टेट प्रॉपर्टी की फोटो कॉपी मिली। 2.7 लाख रुपए कैश भी मिले। एसीबी ने बताया कि दलाल ओमसिंह अपने परिचित दलाल विकास डांगी को 8.70 लाख रुपए जुर्माना के नोटिस पर कुछ दिनों के लिए स्टे दिलाने की एवज में दलाल ओमसिंह ने पांच लाख रुपए की डिमांड की थी। पांच लाख में से ओमसिंह ने एक लाख रुपए खुद के पास रख लिए और चार लाख ज्वाइंट सैक्रेट्री को दे दिए।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 220