मशीन लर्निंग (एमएल) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की एक शाखा है जो अब आईटी, बीएफएसआई, खुदरा, परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि सहित उद्योगों में सक्रिय रूप से शामिल है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह भारत में कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन सबसे बेहतर नौकरियों में से एक है। औसतन सैलरी 6,91,892 रुपये है।

Top 10 Highest Paying Jobs in India 2023: भारत में सबसे ज्यादा सैलरी वाली जॉब, जहां है लाखों का पैकेज |

Top 10 Highest Paying Jobs in India आज के समय में हर माता-पिता का एक सपना होता है कि उनका बेटा या बेटी अच्छी सैलरी वाली जॉब (Highest Paying Jobs in India in 2022) हासिल करें | इसके लिए वह अपनी पूरी उम्र भर की कमाई अपने बच्चों की ट्यूशन फीस, कॉलेजेस, स्कूल आदि अन्य ऊपर खर्च कर देते है, लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि आखिर ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए कौन सा जॉब करना चाहिए | आज हम आपके लिए भारत में सबसे ज्यादा सैलरी वाली जॉब (Highest Paying Jobs in India in ) के बारे में विस्तार से बात करने वाला हूँ |

आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का ही आर्टिकल Highest Paying Jobs in India बेहद पसंद आएगा और आपके आने वाले भविष्य के लिए काफी लाभदायक भी होगा। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगें कि किस तरीके की नौकरी करें जिसमें हमें एक अच्छा सैलरी पैकेज (Highest Paid Jobs and Occupations) मिल सके। वे तमाम जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें |

Top 10 Highest कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन Paying Jobs in India 2022: भारत में सबसे ज्यादा सैलरी वाली जॉब

Top 10 Highest Paying Jobs in India 2022

यदि आप भी अच्छी अच्छे सैलरी वाले नौकरी (Job) की तलाश में हैं तो आप नीचे बताए गये विकल्प को चुनकर आप अपने सपने को साकार कर सकते हैं |

1. ​ब्लॉक चेन डेवलपर – Block Chain Developer

कंप्यूटर साइंस/मैथ्स/सांख्यिकी में मजबूत बैकग्राउंड वाले इंजीनियरिंग ग्रेजुएट,आईटी प्रोफेशनल डेटा साइंस पेशेवर ब्लॉकचेन नौकरी की भूमिकाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन पदों के लिए भारत में 8,01,938 रुपये औसत सैलरी के रूप में मिलती है।

2. प्रोडक्ट मैनेजर – Product Manager

सरल शब्दों में, प्रोडक्ट मैनेजर ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझने, आवश्यक सुविधाओं की कल्पना करने और उन्हें बनाने के लिए इंजीनियरिंग टीम के साथ काम करने के लिए जिम्मेदार है। इन पदों पर 14,40,000 रुपये औसत सैलरी मिलती है।

अद्यतन पंजीकृत निर्माण श्रमिक को एकमुश्त रू0 1000/- की धनराशि वार्षिक/अर्द्धवार्षिक/त्रैमासिक/ मासिक के रूप में, जैसा कि केन्द्र/राज्य सरकार अथवा बोर्ड द्वारा विहित किया जाये, आर्थिक सहायता के रूप में बैंक खातों में देय होगी।

पात्रता
  • उ0प्र0 में स्थायी रूप से निवास कर रहे 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके अद्यतन कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन पंजीकृत श्रमिक।
  • पंजीयन की न्यूनतम अवधि 10 वर्ष हो।
  • लाभार्थी को केन्द्र/ राज्य सरकार के किसी भी विभाग द्वारा संचालित किसी भी पेन्शन योजना (राज्य कर्मचारी बीमा निगम तथा म्च्थ्व् को छोड़कर) का लाभ प्राप्त न हो रहा हो।

पेंशन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा स्वीकृत की जायेगी तथा सीधे बोर्ड द्वारा भुगतान होगा।

प्रदूषण प्रबंधन को बनी योजनाओं पर सौ फीसदी हो काम

प्रदूषण प्रबंधन को बनी योजनाओं पर सौ फीसदी हो काम

कलेक्ट्रेट स्थित पन्नलाल सभागार में सदस्य जज उच्च न्यायालय व एनजीटी डॉ. अफरोज़ अहमद की अध्यक्षता में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के दिशा-निर्देशों के पालन में विभिन्न प्रदूषण निस्तारण व प्रबंधक की जिला स्तरीय कार्य योजना की समीक्षा बैठक की। डीएम की मौजूदगी में उन्होंने सभी अफसरों को पर्यावरण को बचाने एवं प्रदूषण प्रबंधन के लिए बनाई कार्य योजनाओं को शत-प्रतिशत अमल में लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि ठोस कचरा, प्लास्टिक कचरा, बायो मेडिकल कचरा, औद्योगिक कचरा, ई-वेस्ट, वायु, जल, ध्वनि, डॉमेस्टिक सीवेज, खनन एवं निर्माण कार्य आदि के प्रदूषण का निस्तारण बेहतर ढंग से किया जाए। पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि समीक्षा से पता चला है कि उन्नाव जिला प्रशासन पर्यावरण प्रदूषण कन्ट्रोल करने के लिए काफी सजग है। सीवेज को ट्रीट कर गंगा नदी में साफ पानी छोड़े जाने के लिए दो सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (डकारी एवं शुक्लागंज) निर्माणाधीन है। कहा कि औद्योगीकरण आधुनिक समय की आवश्यकता है, हमें पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चलना होगा। विकास के साथ-साथ हमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करने होंगे। इसके लिए प्रदूषण प्रबन्धन में टेक्नोलॉजी कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन का उपयोग, बड़ी संख्या में वृक्षारोपण, प्राकृतिक नदियों, झीलों, तालाबों, नम भूमियों, वनों, फ्लोरा और फॉना का संरक्षण करना होगा। उन्होने पर्यावरण संरक्षण के संबध में प्रभागीय वनाधिकारी को विलुप्त पौधों की नस्लों को विकसित करने तथा जिला-प्रशासन की मदद से जनपद की खाली भूमियों पर वृह्द वृक्षारोपण कराने को कहा। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीना, सीडीओ ऋषि राज, डीएफओ ईशा तिवारी, एडीएम न्यायिक विकास कुमार सिंह, सीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश, प्रदूषण अधिकारी डॉ. एके माथुर आदि रहे।

Pension Plans: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम, बुढ़ापे में भी रुपये पैसे की नहीं होगी दिक्‍कत, पेंशन प्लान के समझें फायदे

Pension Plans: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम, बुढ़ापे में भी रुपये पैसे की नहीं होगी दिक्‍कत, पेंशन प्लान के समझें फायदे

Pension Plans: रिटायरमेंट प्लानिंग लेना बेहद आसान है.

National Pension Scheme : पेंशन फंड सब्सक्राइबर्स की संख्या कम होने के पीछे लोगों द्वारा रिटायरमेंट प्लानिंग स्कीम में कम दिलचस्पी लेना है. मौजूदा डेमोग्राफिक शिफ्ट की बात करें तो देश की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा आज भी पेंशन स्कीम कवर के दायरें में नहीं है. पेंशन स्कीम एक ऐसा फाइनेंशियल प्लानिंग जो प्लानहोल्डर को रिटायरमेंट के बाद रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कैश फ्लो बनाए रखने में मदद करता है.

NPS : रिटायरमेंट के बाद भी कैश-फ्लो बनाए रखने में है मददगार

मौजूदा समय में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां कई ऐसे पेंशन और रिटायरमेंट प्लान का ऑफर कर रहे हैं जो लोगों को स्मार्ट तरीके से बचत और निवेश में मददगार है. ऐसा करके वे अपनी रिटायरमेंट के बाद की जरूरतो को पूरा करने की तैयारी कर सकते हैं. इन स्कीम को इस तरह से डिजाइन किया गया होता है जो रिटायरमेंट के बाद इनकम की गारंटी दे सकती है. निवेश, टैक्स छूट में लाभ और सिक्योरिटी टार्गेट को पूरा करने वाली तमाम तरह के रिटायरमेंट प्लान हैं. ये प्लान फाइनेंशियल तौर पर सुरक्षित भविष्य बनाए रखने में सक्षम है. जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर इन निवेश कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन प्लान की कई कैटेगरी मौजूद है.

अपनी पसंद और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार निवेश प्लान में बदलाव करने का विकल्प है. समय के साथ लोग, उनकी वित्तीय और इकॉनोमिक स्थिति बदल रहती है. ऐसे में लंबी अवधि वाले पेंशन स्कीम में आसानी से बदलाव किया जा सकता है. एक और लाभ यह भी है कि इसमें पेंशन के साथ इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है. रिटायरमेंट प्लानहोल्डर के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में कवर लिए शख्स की फैमिली और उस पर निर्भर परिजन को भी फाइनेंशियल तौर पर सुरक्षित रखेगा. साथ ही रिटायरमेंट प्लानहोल्डर को एन्युटी (annuity) का लाभ मिलता है. एन्युटी बीमा कंपनी और रिटायरमेंट प्लानहोल्डर के बीच एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट है. जिससे रिटायरमेंट के बाद प्लानहोल्डर को रेगुलर इनकम का लाभ मिलता है.
कुछ रिटायरमेंट और पेंशन प्लान ऐसे भी होते हैं जिसमें सब्सक्राइबर को को अपने परिजनों के लिए अपने पीछे विरासत राशि (legacy sum) छोड़ने का मौका भी देते हैं. इंश्योरेंस के साथ निवेश प्लान के दोहरे लाभ हैं जो काफी फ्लेक्सिबल हैं. ये निवेश प्लान ऐसा है जिसमें बड़ी रकम को बिना मैनेज किए सेविंग करने की अनुमति मिलती है.

फाइनेंशियल तौर पर सिक्योर फ्यूचर देने में करता है मदद

व्यक्तिगत तौर पर देखा जाए तो रिटायरमेंट प्लानिंग में निवेश करना बेहद आसान है. करियर के शुरूआती दौर में ही इस प्लान को सब्सक्राइब कर लेना चाहिए और उसके लिए निवेश शुरू कर देना चाहिए. इकॉनोनिक लिहाज से देखें तो इससे पेंशन सेक्टर में मजबूती आएगी. देश और उसके नागरिक दोनों की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखते हुए फंड मैनेजमेंट किया जा सकता है.

(Article By Prashant Tripathy, MD & CEO, Max Life Insurance)

पैसे का प्रबंधन कैसे करें

निजी वित्त का प्रबंधन एक ऐसा कैसे करें अपने पैसे का प्रबंधन विषय है जिसे कई स्कूलों में पढ़ाया नहीं जाता है, लेकिन ऐसा कुछ ऐसा है जो वास्तव में हर किसी को जल्दी या बाद में सामना करना चाहिए। यहां कुछ आंकड़े दिए गए हैं: बड़े पैमाने पर होने के लिए 58% अमेरिकियों को आर्थिक रूप से रहने की एक सेवानिवृत्ति योजना नहीं है। हालांकि आम तौर पर लोगों का मानना ​​है कि सेवानिवृत्ति के दौरान खुद को आर्थिक रूप से समर्थन देने के लिए उन्हें 300,000 डॉलर की आवश्यकता होगी, औसत अमेरिकी के पास केवल 25,000 डॉलर बचाए जाएंगे, जब वह रिटायर होने का समय होगा। अमेरिकी घरों में, क्रेडिट कार्ड का औसत कर्ज $ 15,204 डॉलर है। यदि ये संख्या खतरनाक है, और आप इस प्रवृत्ति को बदलना चाहते हैं, तो इन विशिष्ट युक्तियों को पढ़ें और आपको एक बेहतर भविष्य देने के लिए डिज़ाइन किया गया अनाज।

विधि 1
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