इंडोनेशिया का आयात हिस्सा, जो 2016-17 में लगभग न के बराबर था, इस वित्त वर्ष की पहली इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? छमाही में 23 प्रतिशत तक बढ़ गया है, इसका औसत मासिक निर्यात इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले वित्त वर्ष में 4,355 टन / माह से बढ़कर 14,766 टन / माह हो गया है. चीन का औसत मासिक निर्यात भी पिछले वित्त वर्ष के 10,697 टन/माह से बढ़कर इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 35,269 टन/माह हो गया है.

सेबी क्या है | SEBI in Hindi

SEBI Kya Hai In Hindi: नमस्कार दोस्तो अगर आप शेयर मार्केट में पैसा निवेश करना चाहते है तो आपको सेबी के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। शेयर बाजार में प्रत्येक निवेशक को सेबी के बारे में रखना बहुत महत्वपूर्ण है।

अगर निवेशक को सेबी के बारे में अच्छे से जानकारी हो तो निवेशकों के साथ हानि की संभावना बहुत कम होती है। सेबी इन्वेस्टर के हितों की सुरक्षा करती है और उनके साथ शेयर बाजार में फ्रॉड होने से बचाती है।

शेयर बाजार को सेबी द्वारा नियंत्रण किया जाता है। और सेबी ही शेयर बाजार में समय समय पर नए नए नियम कानून जारी करती रहती है। और यदि कोई भी सेबी के नियमों का उल्लंघन करता है तो उनके खिलाफ सेबी कानूनी कारवाही भी करती है।

अगर आपको सेबी के बारे में अच्छे से जानकारी नहीं है तो आज की यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा मददगार होने वाली है। आज के इस लेख के जरिए मैं आपको सेबी के बारे में सभी तरह की जानकारी देने वाला हु जैसे – SEBI क्या है, सेबी की स्थापना कब हुई, सेबी का गठन क्यों हुआ, सेबी के प्रमुख कार्य क्या है आदि।

सेबी क्या है (What is SEBI in Hindi)

SEBI का अंग्रेजी में मतलब Securities And Exchange Board Of India होता है। यह एक ऐसी संस्थान है जो भारत में शेयर बाजार के ऊपर निगरानी रखती है। सेबी शेयर की लेन – देन, म्यूच्यूअल फण्ड को नियंत्रित करती है। सेबी निवेशकों के लिए समय समय पर नए नियमों को लागू करके शेयर बाजार को विकसित और सुरक्षित रखती है। अगर निवेशक किसी भी कम्पनी के शेयर को निकलता है तो सबसे पहले सेबी के पास पंजीकरण करवाना होता है जिससे कि निवेशक के साथ फ्रॉड न हो सके।

भारत इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? में शेयर बाजार पर नियंत्रण करने के लिए सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को किया गया था। लेकिन 30 जनवरी 1992 को भारत सरकार द्वारा सेबी को संवैधानिक दर्जा मिला। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है इसके अलावा सेबी के मुख्यालय दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद में भी हैं।

सेबी के स्थापना का उद्देश्य – सेबी की आवश्यकता क्यों हुई

शेयर बाजार में भारत के बड़े बड़े इन्वेस्टर शामिल है। अतः शेयर बाजार को अच्छे से नियंत्रण तथा निगरानी के लिए सेबी की स्थापना की गई। सेबी के स्थापना से पहले शेयर बाजार में फ्रॉड बहुत ही ज्यादा बढ़ गई थी जिससे इन्वेस्टर को बहुत नुकसान होता है।

इसी चीज को देखते हुए शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी की जरूरत पड़ी। सेबी शेयर बाजार में होने वाली गतिविधियों पर अपनी नजर रखती है और समय समय पर नए कानून स्थापित करती है जिससे शेयर बाजार की वृद्धि हो और इन्वेस्टर के साथ किसी भी तरह का फ्रॉड ना हो। जो भी कंपनी अपने शेयर निकालती है उसे भी सेबी के नियमों की पालन करना होता है। अगर शेयर बाजार के नियमो को कोई उलंघन करता है तो सेबी उसके खिलाफ सख्त करवाई करती है।

सेबी के सदस्य (Member in SEBI)

सेबी में कुल 9 सदस्यों की एक टीम होती है जिनमें से एक सदस्य अध्यक्ष होता है जो सेबी के सभी सदस्यों को ऑर्डर देता है। सेबी के अध्यक्ष का नामांकन भारत सरकार करती है। इसके अलाव सेबी के सदस्यों में दो सदस्य वित्त मंत्रालय के जानकार होते है और बाकी 2 सदस्य कानून के जानकार होते हैं। इसके अलावा इन सभी सदस्यों में एक सदस्य RBI का भी होता है जिसका चयन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है। आपके जानकारी के लिए बता देता ही वर्तमान में सेबी के अध्यक्ष श्री अजय त्यागी जी हैं। सेबी अध्यक्ष का कार्यकाल 65 वर्ष की आयु तक होता है।

  1. सेबी की स्थापना शेयर बाजार में निवेशकों के हित के रक्षा के लिए की गई है।
  2. शेयर बाजार को नियंत्रित करने के लिए सेबी हमेशा नए नियम बनाती है।
  3. सेबी शेयर बाजार के विकास को बढ़ावा देता है।
  4. सेबी शेयर बाजार में सभी गतिविधियों के ऊपर नजर रखता है।
  5. सेबी शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगो को जागरूक रखता है जिससे कि वे किसी फ्रॉड का शिकार न हो जाए।
  6. सेबी म्यूच्यूअल फण्ड के निवेश योजनाओं को पंजीकृत करता है।
  7. सेबी स्टॉक एक्सचेंज को विनियमित करता है।
  8. सेबी शेयर के ब्रोकर को प्रशिक्षण देने का कार्य करता है।

सेबी क्या है इसका कार्य, शक्तियाँ और संरचना | SEBI in Hindi

SEBI Kya Hai In Hindi: शेयर बाजार में प्रत्येक निवेशक को सेबी के बारे में जानना आवश्यक होता है क्योंकि यही निवेशकों के हितों की सुरक्षा करती है और उन्हें शेयर बाजार में धोखा – धडी से बचाती है. सेबी भारत के सम्पूर्ण पूंजी बाजार पर अपनी निगरानी रखती है और पूंजी इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? बाजार के लिए समय – समय पर आवश्यक नियम भी लागू करती है. सेबी के नियमों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सेबी कानूनी कारवाही भी करती है.

आज के इस लेख में आपको सेबी के बारे में उपयोगी जानकारी मिलेगी. हमने इस लेख में आपको SEBI क्या है, सेबी की स्थापना कब हुई, सेबी का गठन क्यों हुआ, सेबी के प्रमुख कार्य और सेबी की शक्तियों के बारे में अवगत करवाया है इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? जिससे कि आपको सेबी के बारे में उपयुक्त जानकारी प्राप्त हो सके.

तो चलिए आप लोगों का अधिक समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं सेबी क्या है इन हिंदी.

सारा खेल यहां कमबख्त प्रायिकता का

अपने दिलो-दिमाग में कहीं गहरे बैठा लीजिए कि वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग सटीकता का नहीं, प्रायिकता का खेल है। यहां कुछ भी 100% पक्का नहीं। हो सकता है कि किसी शेयर में 80% बढ़ने का चांस हो और कहीं मामला 50-50% पर अटका हो। प्रायिकता का हिसाब ही बता सकेगा कि किसमें बिकवाली के आसार 60% या ज्यादा हैं और कौन-सा शेयर कुछ दिन में रपट सकता है। अब वित्त वर्ष 2016-17 के पहले दिन का अभ्यास…और और भी

जो आपकी भावनाओं के दम पर शिकार करने निकले हैं, उनके शिकार बन गए तो आपका भला कभी नहीं हो सकता। स्टॉक एक्सचेंज जितनी जानकारी दे देते हैं, ट्रेडिंग के लिए उससे ज्यादा सूचना की ज़रूरत कभी नहीं होती। फिर भी बिजनेस चैनलों इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? को सुबह से रात तक छुनछुना बजाना है तो वे कोई न कोई नाटक करते ही रहते हैं। उनके मालिकों व एंकरों के धंधे अलग हैं, डीलिंग-सेटिंग तगड़ी होती है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…और और भी

गिनें कितनी लागत, कितना मुनाफा

कोई भी बिजनेस दिन में सपने देखने से नहीं चलता। उसके लिए सारा कुछ जोड़-घटाकर देखना पड़ता है कि कितनी लागत पर कितनी मुनाफा कमाया जा सकता है। जोखिम है तो कितना और उसे कैसे कम से कम किया जा सकता है। जो मछलियां आसान चारे की लालच में फंसती हैं वे फौरन किसी का शिकार बन जाती हैं। इसलिए उचित होगा कि बाज़ार का स्वभाव समझें और उसके हिसाब से ट्रेड करें। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

जहां लाखों लोगों की भावनाएं चल रही हों, करोड़ों के सौदे पूरा हिसाब-किताब लगाकर किए जा रहे हों, वहां बाज़ार या किसी शेयर के भाव कहां जाएंगे, इसकी सटीक गिनती करना नामुमकिन है। ऐसे में शेखचिल्ली की तरह दिवास्वप्न देखना निरी मूर्खता है कि हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही होगा। कोई दूसरा आपको बताता है कि उसके पास भविष्य में झांकने का पक्का फॉर्मूला है वो आपको उल्लू बना रहा होता है। अब मंगल की दृष्टि…और और भी

धंधा है असंभव को जानने का दावा

जिसे जानना मुश्किल ही नहीं, असंभव है उसे जानने का दावा करना वित्तीय बाज़ार का धंधा बन चुका है। हम सभी सिर उठाए पूछते रहते हैं कि कच्चा तेल कहां तक गिरने के बाद कितना उठेगा? फलानां शेयर कितना और गिर सकता है? बाज़ार कहां पर टॉप बनाएगा और इसका बॉटम क्या है? निवेशकों व ट्रेडरों की इसी मूढ़ता व अतार्किक जिज्ञासा पर तमाम विश्लेषकों और बिजनेस चैनलों का धंधा चलता है। अब देखें सोम का व्योम…और और भी

अमेरिका में पचास लाख करोड़ डॉलर ईमानदार मेहनत और बचत से आए होते तो आज दुनिया के हालात कुछ और ही होते। तब, फेडरल रिजर्व को ब्याज दर को असहज तरीके से शून्य या उसके पास रखने की ज़रूरत नहीं पड़ती। पिछले दस सालों में उसकी इस नीति के कारण अमेरिका के बचतकर्ताओं को करीब आठ लाख करोड़ डॉलर गंवाने पड़े हैं। ऊपर से सस्ता अमेरिकी धन वैश्विक बाजारों को फुलाए पड़ा है। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

Indian Steel Sector Challenges: चीन के बढ़ते आयात से भारतीय स्टेनलेस स्टील सेक्टर की बढ़ी चुनौतियां

Published: December 7, 2021 1:40 PM IST

Indian Steel Sector Challenges: चीन के बढ़ते आयात से भारतीय स्टेनलेस स्टील सेक्टर की बढ़ी चुनौतियां

Indian Steel Sector Challenges: साल 2021-22 की पहली छमाही में स्टेनलेस स्टील के आयात में पिछले वित्त वर्ष के औसत मासिक आयात की तुलना में 185 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जिससे इस क्षेत्र के भारतीय दिग्गज कंपनियों को नुकसान हुआ है.

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चीन और इंडोनेशिया से स्टेनलेस स्टील का आयात तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, और इससे भारत में छोटे, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों के अस्तित्व को खतरा है. आखिरकार, 2021-22 की पहली छमाही में स्टेनलेस स्टील के फ्लैट उत्पादों के आयात की मात्रा में पिछले वित्त वर्ष में औसत मासिक आयात की तुलना में 185 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो ज्यादातर चीनी और इंडोनेशियाई आयात में वृद्धि से प्रेरित थी.

पिछले वित्त वर्ष के औसत मासिक आयात की तुलना में इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में दोनों देशों चीन और इंडोनेशिया ने अपने निर्यात में क्रमश: 300 प्रतिशत और 339 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अब उनके पास वित्तीय वर्ष 22 की पहली छमाही में कुल स्टेनलेस स्टील फ्लैट उत्पाद आयात का 79 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2011 में 44 प्रतिशत हिस्सेदारी की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण उछाल इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? है. वित्त वर्ष 2021 में प्रति माह औसत आयात 34,105 टन प्रति माह से बढ़कर इस चालू वित्त वर्ष-22 में प्रति माह 63,154 टन हो गया है.

भागो-भागो! चेकिंग वाले आ रहे हैं

भागो-भागो! चेकिंग वाले आ रहे हैं

हरदोई हिन्दुस्तान संवाद पावर कॉरपोरशन इन दिनों अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए हर प्रयास कर रहा है। इसलिए झुलसती गर्मी में दोपहर के वक्त बिजली चेकिंग अभियान बदस्तूर चलाया जा रहा है।

जिससे हर रोज लाखों का फायदा हो रहा है। वहीं चेकिंग के डर से उपभोक्ता अपने घरों में ताला डालकर बाजार टहलने जा रहे हैं। साथ ही एक जुलाई से चल रहा बिजली अभियान रेलवेगंज में पूरा होने वाला है। इसके बाद अब शहर के दूसरे इलाकों में अभियान चलाया जाएगा। जिससे नशि्चित तौर पर उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ेंगी। शहर इनसाइडर ट्रेडिंग के प्राथमिक शिकार कौन हैं? मे हो रहीं लोकल फॉल्ट को दुरुस्त कराने से ज्यादा कॉरपोरेशन अपने बिजली चेकिंग अभियान पर जोर दे रहा है।

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