दोस्तों आमतौर पर जहां भी पैसे की बात आती है वहां पैन आ जाता है। अब अगर आप बैंक से लोन लेने जाएंगे तो भी पैन देना पड़ेगा। लोन के मामले में तो कोई छूट भी नहीं है। बिना पैन के लोन ही नहीं मिलेगा।

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पैन कार्ड क्यों बनवाया जाता है? इससे क्या लाभ होता है?

आपने पैन कार्ड का नाम जरूर सुना होगा। क्योंकि बहुत से लोगों ने ये कार्ड बनवा लिया है। और कई लोग आपको भी ये कार्ड बनवाने की सलाह दे रहे होंगे। ऐसे में आपके विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि आखिर ये पैन कार्ड क्यों बनवाया जाता है और इससे क्या लाभ होता है। तो आइए इस पोस्ट में यही समझते हैं कि पैन कार्ड बनवाने से क्या फायदा है।

पूरा लेख एक नजर में

बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए

अगर आप बैंक में अकाउंट खलवाने जाएंगे तो फिर आपसे पैन कार्ड जरूर मांगा जाता है। ये पैन कार्ड हर तरह के अकाउंट के लिए जरूरी होता है। फिर चाहे आप सेविंग अकाउंट खुलवाएं या फिर करेंट अकाउंट।

लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बिना पैन कार्ड के आपका अकाउंट नहीं खुलेगा। अकाउंट खुलेगा लेकिन आपको फॉर्म 60 विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है भरकर देना होगा। इस फॉर्म में आप लिखकर देते हैं कि आपकी कमाई टैक्सेबल नहीं है।

ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर आपकी कमाई टैक्सेबल हुई तो फिर आपको पैन कार्ड बनवाना ही होगा। फिलहाल 5 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है।

50 हजार रुपए से ज्यादा जमा करने के लिए

बैंक में पैसा जमा करने के लिए भी पैन कार्ड की जरूरत पड़ सकती है। फिर चाहे आप अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा करें या फिर किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में। जी हां बैंक का नियम कुछ इसी तरह है।

अगर आप किसी बैंक 50 हजार रुपए या उससे ज्यादा जमा करेंगे तो फिर आपको अपना पैन नंबर जरूर बताना होगा। इसलिए अगर पैन नंबर नहीं होगा तो फिर आप पचास हजार या उससे ज्यादा नहीं जमा कर पाएंगे।

यहां पर हम कैश डिपॉजिट की बात कर रहे हैं। ऑनलाइन या फिर चेक से डिपॉजिट के लिए पैन जरूर नहीं है।

फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए पैन

जैसे बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए पैन की जरूरत होती है उसी तरह बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए भी पैन जरूरी है। लेकिन ये नियम पचास हजार या उससे ज्यादा के फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए ही है।

फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्याज टैक्सेबल होता है। और अगर किसी साल इस ब्याज की रकम 40 हजार रुपए से ज्यादा हुई तो टीडीएस कट जाता है। वैसे तो इस टीडीएस का रेट 10% का होता है लेकिन अगर पैन नहीं होगा तो फिर 20% के हिसाब से टीडीएस कटेगा।

यह शेयर 15,000 गुना कीमत देने पर भी नहीं मिल रहा, जानिए पूरी कहानी

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  • यह कंपनी अपने निवेशकों को हर साल कंपनी 15 रुपये का डिविडेंड देती है.
  • निवेशक इस शेयर को खरीदने के लिए 15,000 गुना तक कीमत देने को तैयार हैं.
  • साल 2011 के बाद इस शेयर का कारोबार सिर्फ 18 बार हुआ है.

यह शेयर है माइक्रकैप कंपनी एल्सिड इंवेस्टमेंट्स (Elcid Investments) कंपनी का. यह कंपनी एशियन पेंट्स के प्रमोटर्स में शामिल है. शुक्रवार को एशियन पेंट्स के शेयर 1,515 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे.

एल्सिड की दो सहयोगी कंपनियां हैं. इन दोनों के नाम मुराहर इंवेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी और सुप्तेश्वर इंवेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी हैं. दोनों ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में पंजीकृत हैं.

एक डॉलर की कीमत 80 रुपये पर पहुंची, जानें- क्यों कमजोर होता जा रहा है रुपया, अभी और कितनी गिरावट बाकी?

Updated: July 19, 2022 12:44 PM IST

Dollar Vs Rupee

Rupee Vs Dollar: मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण विनिमय दर के स्तर डॉलर के मुकाबले 80 रुपये के स्तर से नीचे चला गया. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रुपया घटकर 80.06 प्रति डॉलर पर आ गया.

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रुपया विनिमय दर क्या है?

अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये की विनिमय दर अनिवार्य रूप से एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने के लिए आवश्यक रुपये की संख्या है. यह न केवल अमेरिकी सामान खरीदने के लिए बल्कि अन्य वस्तुओं और सेवाओं (जैसे कच्चा तेल) की पूरी मेजबानी के लिए एक महत्वपूर्ण मीट्रिक है, जिसके लिए भारतीय नागरिकों और कंपनियों को डॉलर की आवश्यकता होती है.

जब रुपये का अवमूल्यन होता है, तो भारत के बाहर से कुछ खरीदना (आयात करना) महंगा हो जाता है. इसी तर्क से, यदि कोई शेष विश्व (विशेषकर अमेरिका) को माल और सेवाओं को बेचने (निर्यात) करने की कोशिश कर रहा है, तो गिरता हुआ रुपया भारत के उत्पादों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है, क्योंकि रुपये का अवमूल्य विदेशियों के लिए भारतीय उत्पादों को खरीदना सस्ता बनाता है.

डॉलर के मुकाबले रुपया क्यों कमजोर हो रहा है?

सीधे शब्दों में कहें तो डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है, क्योंकि बाजार में रुपये की तुलना में डॉलर की मांग ज्यादा है. रुपये की तुलना में डॉलर की बढ़ी हुई मांग, दो कारकों के कारण बढ़ रही है.

बाजार विदेशी मुद्रा बाजार में कितना खरीदना और बेचना है चक्र और मानव प्रकृति के बारे में

भूरा फेज: आप जो सोचते हैं, बाजार उस पर ध्यान नहीं देता; यह बस डूबता रहता है। हम -20% से नीचे हैं, एक भालू बाजार। पत्रकार आते हैं। सामान्य सुर्खियों में पढ़ा जाता है: "आज शेयर बाजार में $ 500 बिलियन जल गया," "मुद्रास्फीति ने बाजारों में दस्तक दी," और "निवेशकों के बीच दहशत।"

डर सुबह 8 बजे शुरू होता है जब आप अखबार खरीदते हैं और अपनी नजर कभी नहीं छोड़ते। भोजन को निगलना मुश्किल हो जाता है, और बाजार बंद होने पर भी आप हर 5 मिनट में Investing.com की जांच करते हैं।

आप दूसरे लोगों के पोस्ट को देखना शुरू करते हैं और पाते हैं कि उन्होंने कल ही अपनी जोत बेचना शुरू कर दिया था।

बाजार खुलते ही आप भी बिकना शुरू कर देते हैं या नहीं? नहीं, शायद थोड़ी देर और प्रतीक्षा करें; क्या होगा अगर यह वास्तव में अब पलटाव करता है, और आप उन्हें पूरी तरह से खराब कर देते हैं? शायद कल.

RBI की चेतावनी- पुराने नोट और सिक्कों को बेचने-खरीदने वाले रहे सावधान, हो सकता है 'धोखा'

RBI Alert: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को पुराने सिक्के और नोट की खरीददारी और बिक्री पर मिल रहे ऑफर्स को लेकर सतर्क रहने को कहा है.

RBI Alert: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुराने बैंक नोट और सिक्‍कों की खरीद/बिक्री के सिलसिले में लोगों को मार्केट और ऑनलाइन मिल रहे ऑफर्स को लेकर सावधान किया है. RBI ने ऑफशियली इस बात की जानकारी दी है कि कुछ लोग धोखा करके गलत आइडिया अपनाकर, यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के नाम और लोगो (RBI Logo) का गलत इस्‍तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ-साथ ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म और मार्केट के जरिए पुराने बैंक नोट्स और सिक्‍कों की खरीद-बिक्री करने से जुड़े लेनदेन पर पब्लिक से फीस, कमीशन और टैक्स की मांग कर रहे हैं.

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