स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार क्या हैं? :-

इक्विटी स्टॉक यानी शेयर का मतलब उस चीज से हैं, जो कंपनी अपने मालिकों को जारी करती हैं और जो कंपनी में उनके मालिकाना हक के प्रतीक होते हैं। इसे IPO (initial public offer) या डायरेक्ट शेयर बाज़ार से खरीदा जा सकता हैं। IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर (initial poblic offer) मतलब जब किसी कंपनी पहली बार आम निवेशकों से शेयर बाजार में रहें सतर्क पैसा जुटाने केलिए उन्हें शेयर जारी करती हैं तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहते हैं। डायरेक्ट शेयर बाजार से शेयर खरीदने का अर्थ आप किसी अन्य निवेशक (invester) से शेयर खरीदते हैं।


share market

(i) बाज़ार (Market) :-

बाजार (market) शब्दों का नाम सुनते हीं सबके मन में एक हीं ख्याल आता हैं, जहां अपनी मन चाहें सभी जरूरत मंद समान ख़रीद या बिक्रय किया जाता हों, उस स्थान को बाजार कहा जाता हैं। ख़रीद-परोख की लिक्विडीटी या मोल-भाव की सुविधा अनुसार जिस प्रकार बाजार को अलग अलग श्रेणी व नाम से जाना जाता हैं, जैसे 'सब्जी बाजार, कपड़ों का बाजार आदि। ठीक वैसा हीं, इक्विटी स्टॉक यानी शेयर की खरीद एवं विक्रय करने केलिए स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाज़ार हैं।

लेकिन यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म हैं, जहाँ निवेशक (investers) शेयरों को खरीदने और बेचने केलिए आते हैं। दूसरे बाजारों की तरह यहां शेयर की कीमतें लगातार तय होती रहती हैं, जो मांग और आपूर्ति के साथ-साथ सभी बिकवालों और खरीदारों की धारणा पर निर्भर करती हैं।

भारत में इक्विटी स्टॉक यानी शेयरों को उपलब्धो कराने केलिए दो सबसे बड़े बाजार अथवा स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) हैं.

(ii) शेयर अथवा स्टॉक (SHARE or STOCK's) :-

शेयर मतलब हिस्सा, कोई भी कंपनी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी SEBI (security and exchange bord of India) की गाईड लाईन की अनुपालन के साथ एक बार स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में लिस्टेड हों जानें पर, जब आप उस लिस्टेड कंपनी का शेयर खरीद लेते हों, तो इसका मतलब आप उस कंपनी में हिस्से ख़रीद लेते हैं। अब जब आप किसी कंपनी के हिस्सेद्वार बन जाते हो तो कंपनी की हर एक गतीविधि आपसे सूचित किया जाता हैं। जैसे, कंपनी की होने वाली AGM (Annual General Meting), लाभांश (Dividend) में हिस्से, कंपनी की वोटिंग पॉवर etc etc.

अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार (economy and stock market) :-

अर्थों व्यवस्था पर होने वाली बदलाव से शेयर बाजार पर सबसे गेहरा असर डालते हैं, जैसे– विकास दर (GDP Growth), सेंट्रल बैंक द्वारा पेश की जाने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी प्रकार की बदलाव, Inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर जैसी चीजें इनमें शामिल हैं।

इसके अलावा भी नेशनल एवं वैश्विक स्तरीय समाचार साथ हीं साथ पॉलिटिकल एन्वायरमेंट (political environment शेयर बाजार में रहें सतर्क - राजनीतिक माहौल) आदि स्टॉक मार्केट को आगे बढ़ाता हैं या आगे बड़ने से रूकावट डालता हैं।

शेयर बाजार में कैसे प्रवेश करें :-

यदि आप किसी लिस्टेड कंपनी की शेयर को डायरेक्ट खरीदना एवं बेचना चाहती हैं तो आपके पास तीन प्रकार की अकाउंट की जरूरत होती हैं.

स्टॉक एक्सचेंज के मध्यस्थता में हो रहें शेयरों की खरीद एवं बिकवाली को "सैकेंडरी मार्केट" कहते हैं। "SEBI" रजिस्टर्ड किसी भी ब्रोकर फार्म के साथ या फिर किसी भी बैंक के मध्यम से आप अकाउंट ओपन कर, शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं।

स्टॉक मार्केट या शेयर बाज़ार क्या हैं? :-

इक्विटी स्टॉक यानी शेयर का मतलब उस चीज से हैं, जो कंपनी अपने मालिकों को जारी करती हैं और जो कंपनी में उनके शेयर बाजार में रहें सतर्क मालिकाना हक के प्रतीक होते हैं। इसे IPO (initial public offer) या डायरेक्ट शेयर बाज़ार से खरीदा जा सकता हैं। IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर (initial poblic offer) मतलब जब किसी कंपनी पहली बार आम निवेशकों से पैसा जुटाने केलिए उन्हें शेयर जारी करती हैं तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहते हैं। डायरेक्ट शेयर बाजार से शेयर खरीदने का अर्थ आप किसी अन्य निवेशक (invester) से शेयर खरीदते हैं।


शेयर बाजार में रहें सतर्क
share market

(i) बाज़ार (Market) :-

बाजार (market) शब्दों का नाम सुनते हीं सबके मन में एक हीं ख्याल आता हैं, जहां अपनी मन चाहें सभी जरूरत मंद समान ख़रीद या बिक्रय किया जाता हों, उस स्थान को बाजार कहा जाता हैं। ख़रीद-परोख की लिक्विडीटी या मोल-भाव की सुविधा अनुसार जिस प्रकार बाजार को अलग अलग श्रेणी व नाम से जाना जाता हैं, जैसे 'सब्जी बाजार, कपड़ों का बाजार आदि। ठीक वैसा हीं, इक्विटी स्टॉक यानी शेयर की खरीद एवं विक्रय करने केलिए स्टॉक मार्केट यानी शेयर बाज़ार हैं।

लेकिन यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म हैं, जहाँ निवेशक (investers) शेयरों को खरीदने और बेचने केलिए आते हैं। दूसरे बाजारों की तरह यहां शेयर की कीमतें लगातार तय होती रहती हैं, जो मांग और आपूर्ति के साथ-साथ सभी बिकवालों और खरीदारों की धारणा पर निर्भर करती हैं।

भारत में इक्विटी स्टॉक यानी शेयरों को उपलब्धो कराने केलिए दो सबसे बड़े बाजार अथवा स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) हैं.

(ii) शेयर अथवा स्टॉक (SHARE or STOCK's) :-

शेयर मतलब हिस्सा, कोई भी कंपनी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी SEBI (security and exchange bord of India) की गाईड लाईन की अनुपालन के साथ एक बार स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में लिस्टेड हों जानें पर, जब आप उस लिस्टेड कंपनी का शेयर खरीद लेते हों, तो इसका मतलब आप उस कंपनी में हिस्से ख़रीद लेते हैं। अब जब आप किसी कंपनी के हिस्सेद्वार बन जाते हो तो कंपनी की हर एक गतीविधि आपसे सूचित किया जाता हैं। जैसे, कंपनी की होने वाली AGM (Annual General Meting), लाभांश (Dividend) में हिस्से, कंपनी की वोटिंग पॉवर etc etc.

अर्थव्यवस्था और शेयर बाज़ार (economy and stock market) :-

अर्थों व्यवस्था पर होने वाली बदलाव से शेयर बाजार पर सबसे गेहरा असर डालते हैं, जैसे– विकास दर (GDP Growth), सेंट्रल बैंक द्वारा पेश की जाने वाली मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी प्रकार की बदलाव, Inflation (मुद्रास्फीति) यानी महंगाई दर जैसी चीजें इनमें शामिल हैं।

इसके अलावा भी नेशनल एवं वैश्विक स्तरीय समाचार साथ हीं साथ पॉलिटिकल एन्वायरमेंट (political environment - राजनीतिक माहौल) आदि स्टॉक मार्केट को आगे बढ़ाता हैं या आगे बड़ने से रूकावट डालता हैं।

शेयर बाजार शेयर बाजार में रहें सतर्क में कैसे प्रवेश करें :-

यदि आप किसी लिस्टेड कंपनी की शेयर को डायरेक्ट खरीदना एवं बेचना चाहती हैं तो आपके पास तीन प्रकार की अकाउंट की जरूरत होती हैं.

स्टॉक एक्सचेंज के मध्यस्थता में हो रहें शेयरों की खरीद एवं बिकवाली को "सैकेंडरी मार्केट" कहते हैं। "SEBI" रजिस्टर्ड किसी भी ब्रोकर फार्म के साथ या फिर किसी भी बैंक के मध्यम से आप अकाउंट ओपन कर, शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं।

सावधान हो जाएँ: पैसों को लेकर रहें सतर्क, लगेगा लाखों-करोंड़ो का चूना

अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा फायदे का ही बिजनेस करते हों। जीं हां कम सैलरी और थोड़ी बचत से भी अमीर बना जा सकता है।

Vidushi Mishra

सावधान हो जाएँ: पैसों को लेकर रहें सतर्क, लगेगा लाखों-करोंड़ो का चूना

नई दिल्ली: हर इंसान की ये ख्वाइश जरूर होती है कि वे अमीर बने। जो गरीब होता है, वो तो ये चाहता ही है कि उसके पास खूब सारे पैसे आ जाए। लेकिन जिनके पास अच्छी खासी रकम होती है वो उसे और बढ़ाना चाहते है। ऐसे में अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा फायदे का ही बिजनेस करते हों। जीं हां कम सैलरी और थोड़ी बचत से भी अमीर बना जा सकता है।

शेयर मार्केट में 25 फीसदी की गिरावट

इस तरह से अमीर बनने शेयर बाजार में रहें सतर्क के लिए ये बेहद जरूरी है कि आप सही जगह और सही समय पर पैसा लगाएं। कोरोना वायरस की वजह से इस साल अब तक शेयर मार्केट में 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

अब हम शेयर बाजार में रहें सतर्क में से बहुत लोगों को अपने निवेश को लेकर तरह-तरह की चिंता सता रही है। ज्यादातर हम लोग जल्दबाजी में फैसले ले लेते हैं जबकि निवेश करते समय हमेशा शांत दिमाग से काम लेना चाहिए।

किन गलतियों को न करें और अमीर बने

इसमें आपको शायद इधर-उधर कुछ एडजस्टमेंट और रीबैलेंसिंग करनी पड़े, लेकिन सबकुछ नहीं बदलना चाहिए। तो चलिए आपको बताते है कि किन गलतियों को न करें और निवेश करके अमीर बने।

कोविड-19 की वजह से मार्केट में बड़ी गिरावट देखते हुए हम अपनी इक्विटी होल्डिंग को बेचने की कोशिश करने लगते शेयर बाजार में रहें सतर्क हैं। ज्यादातर एक कैटेगरी के तौर पर मल्टी-कैप फंड्स की ही बात करें।

कई रिसर्च के अनुसार, इसमें बीते एक महीने में लगभग 27 फीसदी की गिरावट आई है। आप शायद चाह रहे होंगे कि इन्हें बेचकर बॉन्ड फंड्स में शिफ्ट हो जाया जाए।

वित्तीय इंवेस्टमेंट के लिए फायदेमंद न हो

वहीं मुंबई की प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के फाउंडर और चीफ फाइनेंशियल प्लानर विशाल धवन बताते हैं, ‘जब लोगों के पास ज्यादा फ्री टाइम होता है तो वे ज्यादातर अपने पोर्टफोलियो खंगालने लगते हैं। ऐसे में जब नुकसान होता है तो आप भावनाओं के आधार पर कुछ फैसले करते हैं जो कि शायद आपकी वित्तीय इंवेस्टमेंट के लिए फायदेमंद न हो।’

ऐसे में पूरे स्टॉक्स बेचना आपको महंगा पड़ सकता है। जानी-मानी फाइनेंशियल प्लानर पारुल माहेश्वरी कहती हैं, ‘इक्विटी से बॉन्ड पर शिफ्ट अब यह सुनिश्चित करता है कि आप मामूली लॉस की भरपाई कर पाएंगे।

फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में गिरावट के चलते आपके लिए इक्विटी में गंवाई गई पूंजी को रिकवर करने में काफी लंबा वक्त लग जाएगा।’

कुछ इनवेस्टर्स इसमें छलांग लगाने के लिए बेकरार

ये टाइम स्टॉक्स बेचने या इक्विटी फंड्स में अपनी सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) को रोकने का नहीं है. पारुल सलाह देती हैं कि आप अपने एसेट एलोकेशन पर टिके रहिए। फाइनेंशइयल प्लान के मुताबिक अगर आपका कोई नियर टर्म गोल है तभी इक्विटीज से फिक्स्ड शेयर बाजार में रहें सतर्क इनकम की ओर शिफ्ट हों।

हम में से कुछ स्टॉक्स में ज्यादा पैसे लगाने की कोशिश भी करने लगते शेयर बाजार में रहें सतर्क हैं। स्टॉक मार्केट्स में चल रहे हालातों को लेकर आई गिरावट के बाद कुछ इनवेस्टर्स इसमें छलांग लगाने के लिए बेकरार हो गए हैं।

गलती को हड़बड़ाहट में खत्म नहीं किया जा सकता

जान लीजे, इक्विटीज लेने का यह एक अच्छा टाइम है, लेकिन यह भी समझना बेहद जरूरी है कि यह खरीदारी सोच-समझकर सही-सटीक अंदाज में होनी चाहिए। किसी भी स्टॉक्स को हड़बड़ी में नहीं खरीदना चाहिए। वहीं इससे पहले की गलती को हड़बड़ाहट में खत्म नहीं किया जा सकता।

कोविड-19 की वजह से होने वाले आर्थिक नुकसान का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इन स्थितियों में ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी में भी अभी बहुत टाइम लग सकता है।

इसमें ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के फाउंडर और सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं, ‘इस बात में कोई शक नहीं है कि वैल्यूएशन अट्रैक्टिव स्तर पर हैं। लेकिन, इनमें एकदम से पैसा लगाना, मसलन स्मॉल कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक बार में सारा पैसा लगाने से बचना चाहिए।’

3 महीने का मोरेटोरियम

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने उधार लेने वालों को 3 महीने का मोरेटोरियम दिया है। मोरेटोरियम ये होता है कि आपको इतने टाइम शेयर बाजार में रहें सतर्क तक लोन की ईएमआई चुकाने से छूट मिल जाती है।

ऐसे में उधार लेने वालों के लिए ये एक बड़ी राहत की बात है जो कि नौकरी छूटने या कैशफ्लो में कमी आने के चलते वित्तीय रूप से मुश्किल का सामना कर रहे हैं।

लेकिन अगर आपको आपकी सैलरी मिल रही है और आप लोन की शेयर बाजार में रहें सतर्क ईएमआई चुकाने की स्थिति में हैं तो मोरेटोरियम का चुनाव मत कीजिए। मोरेटोरियम किसी भी तरह से मुफ्त नहीं होता।

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