0 Arun Kumar जून 15, 2022

योनि निर्वहन या योनी स्राव क्या होता है

ज्यादातर समय, योनि निर्वहन पूरी तरह से सामान्य है। आपके मासिक धर्म चक्र के समय के आधार पर गंध और रंग (जो स्पष्ट रूप से एक दूधिया सफेद-आश से हो सकती है) के रूप में भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, जब आप ओवुलेशन, स्तनपान कराने या यौन उत्तेजित होती हैं तो अधिक निर्वहन होगा।

योनि निर्वहन (योनी से तरल निकलना) सामान्य बात है – ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों को यह होता है। यह एक तरल पदार्थ या श्लेष्म है जो योनि को साफ और नम रखता है, और इसे संक्रमण से बचाता है।

जांचें कि आपका योनि डिस्चार्ज सामान्य है या नहीं

योनि निर्वहन में आमतौर पर चिंता करने के लिए कुछ भी नहीं है अगर इसमें निम्न है:

  • तेज या अप्रिय गंध नहीं है
  • स्पष्ट या सफेद है
  • मोटी और चिपचिपा है
  • फिसलन और गीला है

आप को किसी भी उम्र में योनि डिस्चार्ज हो सकते हैं।

निर्वहन की मात्रा बदलती है। गर्भावस्था के दौरान आपको आमतौर पर भारी निर्वहन होता है, यदि आप यौन सक्रिय हैं या यदि आप जन्म नियंत्रण का उपयोग कर रही हैं। यह आपकी अवधि के दौरान कुछ दिनों के लिए अक्सर फिसलन और गीला होता है।

यह संक्रमण का संकेत हो सकता है

यदि आपका निर्वहन बदलता है – उदाहरण के लिए, गंध, रंग या बनावट में – यह संक्रमण का संकेत हो सकता है।

योनी निर्वहन के संभावित कारण

  • बदबूदार गंध – बैक्टीरियल वेजिनोसिस
  • थ्रश कॉटेज पनीर की तरह मोटी और सफेद
  • हरा, पीला या फहरा हुआ trichomoniasis
  • श्रोणि दर्द या रक्तस्राव के साथ क्लैमिडिया या गोनोरिया
  • फफोले या घावों के साथ जननांग दाद

एक डॉक्टर को दिखाएँ या यौन स्वास्थ्य क्लिनिक में जाएं यदि:

  • आपका निर्वहन रंग, गंध या बनावट बदलता है
  • आप सामान्य से अधिक निर्वहन का उत्पादन करती हैं
  • आप खुजली या दर्द महसूस करती हैं
  • आप को अवधि के दौरान या सेक्स के बाद खून बह रहा था
  • पेशाब करते समय दर्द होता है
  • आपको अपने पेट और जांघों के बीच क्षेत्र में दर्द होता है (श्रोणि दर्द)
  • यौन स्वास्थ्य क्लीनिक असामान्य निर्वहन में मदद कर सकते हैं
  • यौन स्वास्थ्य क्लीनिक जननांगों और मूत्र प्रणाली के साथ समस्याओं का इलाज करते हैं।

कई यौन स्वास्थ्य क्लीनिक एक चलने वाली सेवा प्रदान करते हैं, जहां आपको नियुक्ति की आवश्यकता नहीं होती है। वे अक्सर डॉक्टरों की तुलना में परीक्षण परिणाम जल्दी देती हैं।

आप योनि डिस्चार्ज को रोक नहीं सकते हैं

पैंटी लाइनर भारी या अत्यधिक निर्वहन में मदद कर सकते हैं या यदि आप किसी भी गंध के बारे में चिंतित हैं।

जलन, दर्द या सूखापन को रोकने में मदद के लिए:

  • धीरे से धो लो
  • पानी और एक कमजोर ई 45 क्रीम, या सादे साबुन फिसलन का कारण क्या हो सकता है का उपयोग करें
  • सुगंधित साबुन या जैल का प्रयोग नहीं करें
  • deodorants या सुगंधित स्वच्छता वाइप्स का उपयोग नहीं करें
  • डौचिंग नहीं करें

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कब कांगड़ा पहुंचेगी ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन? पढ़ें हिमाचल प्रदेश की दस बड़ी खबरें @ 5 PM

केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को पिछले दो साल से बजट नहीं बल्कि ₹1000 का शगुन मिल रहा है. बजट के लिहाज से केंद्रीय मंत्री का यह ड्रीम 5000 सालों में भी पूरा नहीं हो सकता है. शिमला में लगातार हो रही बर्फबारी (Snowfall in shimla) लोगों के लिए आफत बनी हुई है. बर्फ में सड़कों पर फिसलन होने के कारण गाड़ियां स्किड कर रही हैं. ऐसे ही एक मामला शिमला के ढांडा में पेश आया है. जहां एक बस हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गई. पढ़ें शाम 5 बजे तक की बड़ी खबरें.

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केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन को पिछले दो साल से बजट नहीं बल्कि ₹1000 का शगुन मिल रहा है. बजट के लिहाज से केंद्रीय मंत्री का यह ड्रीम 5000 सालों में भी पूरा नहीं हो सकता है. वहीं, कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही सांसद अनुराग ठाकुर लोगों से इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने का वादा करते हैं. सियासी दावों के उलट केंद्र सरकार की प्राथमिकता हिमाचल में रेलवे लाइन को लेकर बिल्कुल विपरीत है. सामरिक दृष्टि से हिमाचल में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल लाइन को केंद्र सरकार द्वारा तवज्जो दी जा रही है. पढ़ें पूरी खबर.

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भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। पिछले 24 घंटे से हो रही झमाझम बारिश के कारण राजा भोज एयरपोर्ट के रन-वे पर पानी भर गया है। शनिवार को सुबह रन-वे एंड पर तीन फीट तक पानी देखकर एयरपोर्ट अथारिटी ने तत्काल अपने फायर अमले की मदद से पानी निकालना शुरू किया। लेकिन, लगातार बारिश के कारण पानी नहीं निकाला जा सका। अथारिटी ने सुरक्षा की दृष्टि से उड़ानों की लैंडिंग पर रोक लगा दी। बाद में सभी पांच उड़ानें निरस्त कर दी गई।

एयरपोर्ट एवं आसपास के इलाके में पूरी रात बारिश हुई। तेज बारिश की वजह ड्रेनेज सिस्टम भी फेल हो गया। रन-वे एंड पर बने ड्रेनेज से पानी नहीं निकल पा रहा था। सुबह करीब 6 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम खुलते ही पानी की निकासी के प्रबंध किए गए। फायर अमले ने मशीनों की मदद से काफी पानी निकाला। पानी निकासी के सभी रास्ते खोले दिए गए, इसके बावजूद पानी समय पर नहीं निकाला जा सका। सुबह करीब 10 बजे उड़ानों की लैंडिंग का समय हो गया। इंडिगो की मुंबई एवं बेंगलुरु उड़ान को नागपुर डाइवर्ट कर दिया गया। फायर अमले को उम्मीद थी कि दोपहर तक पानी निकल जाएगा पर निकासी के बीच भी बारिश जारी रही। इससे पानी का निकास समय पर नहीं हो सका। बाद में अथारिटी ने सभी पांच उड़ानों को निरस्त करने की घोषणा कर दी। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद की उड़ानें निरस्त होने से यात्रियों को परेशान होना पड़ा।

सर्फेस एरिया में फिसलन, हो सकता था हादसा

सूत्रों के मुताबिक विमानतल क्षेत्र में शुक्रवार को शाम 5 बजे से ही बारिश शुरू हो गई थी। देर रात को झमाझम पानी गिरा। इस वजह से रेसा यानि रन-वे एंड सर्फेस एरिया में फिसलन हो गई थी। हालांकि सीमेंट कांक्रीट से बने कार्पेट एरिया में पानी बहुत कम था। लेकिन, अथारिटी ने सुरक्षा की दृष्टि से विमानों की लैंडिंग नहीं कराने का फैसला किया। इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि सुबह के वक्त बारिश बंद नहीं हो रही थी। अथारिटी की सलाह पर इंडिगो ने अपनी उड़ानें निरस्त करने की घोषणा कर दी। दो उड़ानें इंदौर डाइवर्ट कर यात्रियों को सड़क मार्ग से भोपाल लाने के प्रबंध किए गए।

सीएम शिवराज ने महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि करने की घोषणा की

ड्रेनेज सिस्टम दुरूस्त, आज उड़ानें आएंगी

विमान क्षेत्र में इतनी बारिश पहली बार हुर्ई है। पानी की निकासी के समय भी बारिश बंद नहीं हो रही थी इस कारण पानी निकालने में समय लग गया। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त कर लिया गया है। रविवार को उड़ान संचालन सामान्य होगा। सभी उड़ानें समय पर लैंड होंगी।

मोमोज की वजह से शख्स की मौत, AIIMS ने जारी की चेतावनी

0 Arun Kumar जून 15, 2022

मोमोज की वजह से शख्स की मौत, AIIMS ने जारी की चेतावनी

एक नया मामला सामने आया है जिसमे Momos बना मौत की वजह, जिससे AIIMS ने जारी की चेतावनी

आप को बता दे की एक शख्स की मौत का कारण बना मोमोज।

दरसल Momos खाने के कारण उसका दम घुटने लगा और यही उसकी मौत का कारण बना।

एक्सप्रेस मॉर्निंग: वर्तमान समय में फास्ट फूड लोग बहुत पसंद आता है। आज कल मोमोज बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के बीच पसंदीदा स्ट्रीट फूड बन चुका है। लेकिन क्या आपने अभी सोचा है कि किसी व्यक्ति के लिए Momos (मोमोज) मौत का कारण भी बन सकता है।

यह केवल कल्पना से परे है लेकिन यही सच है, और इसकी पुष्टि देश के सर्वोच्च चिकित्सा संस्थान एम्स ने कर दी है। नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों ने दम घुटने से एक व्यक्ति की मौत के एक दुर्लभ मामले की बात कही है जिसकी वजह है।

आप को बता दे की दरअसल, एक शख्स की मौत के कारणों का पता करने पर पाया गया है कि यह मौत Momos के कारण शख्स का दम घुटने से हुआ है। एम्स के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा कि मोमोज एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है, जिसकी सतह फिसलन भरी और मुलायम होता है और इसी वजह से ठीक से चबाए बिना निगलने पर यह दम घुटने और यहां तक ​​कि मौत का कारण बन सकता है।

मोमोज की वजह से शख्स की मौत, AIIMS ने जारी की चेतावनी

एम्स की रिपोर्ट के मुताबिक शराब के नशे में धुत करीब 50 साल के एक व्यक्ति को मृत अवस्था में दक्षिण दिल्ली से एम्स लाया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि वह एक दुकान में खाना खा रहा था, तभी अचानक जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई।

वहीं जब इस मामले में पोस्टमॉर्टम किया गया तो सीटी स्कैन के इस्तेमाल से पता चला कि ऊपरी वायुमार्ग या विंडपाइप के शुरुआत में एक पकौड़ी जैसी चीज दर्ज की गई जिससे डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि Momos की वजह से दम घुटने से उसकी मृत्यु हो गई।

ये पूरा मामला सामने आने के बाद एम्स ने 'सावधानी के साथ मोमोज को निगलने' की चेतावनी जारी कर दी।

रिपोर्ट लिखने वाले AIIMS के डॉ अभिषेक यादव ने कहा कि मोमोज की फिसलन के कारण उत्पन्न होने वाले घुटन से इस शख्स की मौत हुई है, इसलिए Momos खाते समय लोगों को इसे अच्छे से चबाकर खाना चाहिए। जिससे आगे एसे घटना से बचा जा सके।

बहरे मेढक के लक्ष्य पर फोकस के जीत की कहानी | Bahare Medhak Ke Jeet Ki Kahani

हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफल वही होता है, जिसका फोकस अपने लक्ष्य पर होता है, तो चलिये इस पोस्ट इसी सोंच पर आधारित कहानी बहरे मेढक के लक्ष्य पर फोकस के जीत की कहानी Bahare Medhak Ke Jeet Ki Hindi Kahani बताने जा रहे है, जिस कहानी बहरे मेढक के जीत की कहानी – Bahare Medhak Ke Jeet Ki Kahani को पढ़कर आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा, और फिसलन का कारण क्या हो सकता है एक अच्छी सीख मिलेगी,

बहरे मेढक के लक्ष्य पर फोकस के जीत की कहानी

Bahare Medhak Ke Jeet Ki Kahani

Bahare Medhak Ke Jeet Ki Kahani

एक बार की बात है, एक बहुत बड़ा तालाब था, जिस तालाब में बहुत सारे मेंढक रहते थे। सरोवर के बीच में एक बहुत पुराना का खम्भा भी लगा हुआ था, खम्भा बहुत ऊँचा था और उसकी सतह बहुत ही चिकनी थी, जिस कारण से वह लोहे के खंभे पर भारी फिसलन हो गयी थी।

एक दिन की बात है, उस तालाब मे रहने वाले मेंढकों के दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न, एक प्रतियोगिता करवाई जाये, जिसमे इस तालाब मे और आस पास के रहने वाले सभी मेढक इस प्रतियोगिता मे भाग ले सकेगे और जो कोई मेढक इस प्रतियोगिता मे भाग लेगा, उसे इस फिसलन भरे लोहे के खंबे पर सबसे ऊपर चढ़ना होगा, और जो सबसे पहले ऊपर पहुंच जायेगा, उसे विजेता घोषित कर दिया जायेगा। और उसे उचित सम्मान और उपहार से सम्मानित किया जाएगा,

इस तरह उस तालाब मे रहने वाले सब मेंढको ने मिलकर प्रतियोगता का दिन फिक्स कर दिया, इस तरह प्रतियोगिता का दिन आ गया, खम्भे के चारो और बहुत भीड इक्कठी हो गयी। आसपास के इलाकों से भी कई मेंढक इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे, चारो तरफ माहौल में सरगर्मी थी, हर तरफ प्रतियोगिता को लेकर शोर ही शोर था,

और फिर सबके इकट्ठा होने पर प्रतियोगिता शुरू हो गयी, लेकिन खम्भे को देखकर भीड में से किसी भी मेंढक को यकीन नहीं हुआ कि कोई मेंढक इस खम्भे के ऊपर पहुंच पायेगा,

चारो ओर यही शोर हो रहा था -“अरे ये बहुत कठिन हैं” “वो कभी भी इसे नहीं जीत पाएंगे” “ऊपर पहुंचने का तो कोई सवाल ही नहीं हैं, इतने चिकने खम्भे पर नहीं चढ़ा जा सकता” और यह हो भी रहा था कि जो भी मेंढक कोशिश करते, वो थोडा ऊपर जाकर फिसलने के कारण नीचे गिर जाते, और कई मेंढक तो बार बार गिरने के बावजूद अपने प्रयास में लगे हुए थे।

पर भीड तो अभी भी चिल्लाये जा रही थी, “ये नहीं हो सकता, ये असंभव हैं”

अब जो भी मेंढक उत्साहित थे, कोशिश कर रहे थे। वो भी ये सुन सुनकर हताश हो गए और बार बार गिरने से उन्होंने अपना प्रयास करना भी छोड़ दिया,

लेकिन उन्ही मेंढकों के बीच एक छोटा सा मेंढक था, जो बार बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर चढ़ने में लगा हुआ था, और वो लगातार आहिस्ता आहिस्ता ऊपर की ओर बढ़ता रहा और आखिरकार वह खम्भे के सबसे ऊपर पहुच गया और इस तरह वह छोटा मेढक इस प्रतियोगिता का विजेतां बना,

फिर जीतने के बाद उस मेढक को ढेर सारे इनाम और सम्मान से सम्मानित किया गया, और सभी लोगो को उसकी जीत पर सभी को बडा आश्यर्य हुआ, सभी मेंढक उसे घेर कर खडे हो गए और पूछने लगे, “तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया, कैसे तुमने सबको पीछे छोड़ कर जीत प्राप्त की?”

तभी पीछे से किसी मेढक ने बोला “अरे इससे क्या पूछते हो, ये तो बहरा है, ये तो किसी की सुन भी नहीं सकता, जिस कारण से इसने बिना किसी के कुछ सुने ही अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ा और विजेता बन गया”

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कहानी से सीख

तो अब आपको समझ आया वो भला वो मेढक कैसे जीता, क्यूकी उसके आसपास जितने भी लोग थे, सब सिर्फ शोर करके टांग खींचने वाले थे, लेकिन उस मेढक को उनकी आवाज उसको नहीं सुनाई दी, जिस कारण से वह नकारात्मक नहीं सोच पाया, और वो अपने लक्ष्य पर ज्यादा फोकस कर पाया, और इस तरह जीत गया।

हर किसी के अंदर भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की काबिलियत होती हैं, और हम शुरुआत भी करते हैं, और आगे बढ्ने की कोशिश भी करते है, लेकिन अपने आसपास के ज्ञान चंदो के कारण और अपने नकारात्मक माहौल के कारण, हम अपना काम या तो शुरू नहीं करते हैं या फिर बीच में ही छोड़ देते हैं।

तो ऐसे मे आपको जो भी पीछे रखने वाली आवाजे हैं, चाहे वो किसी भी नकरात्मक रूप मे कोई भी, कुछ भी हो सकता हैं, फिर चाहे वो आपके दोस्त हो, रिश्तेदार हो, या फिर आप खुद हो, अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ने के लिए इन सभी नकरात्मक विचार वालों से खुद को दूर रखना होता है, जिस कारण से आपके अंदर सकरात्मक ऊर्जा का विकास होता है, और फिर आप अपने आपको एक मजबूत इंसान बनाते है, जो की अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास कर सकते है,

इस तरह इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलती है, की यदि हमने नकारात्मकता से दुरी बना ली, तो एक दिन हमे सफलता के शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता, और एक दिन हम अपने लक्ष्य को जरूर हासिल कर लेते है।

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