1 पर 2 बोनस शेयर मिलते ही निवेशकों की भरी झोली, एक ही दिन में 20% उछला स्टॉक, 52-वीक हाई पर भाव

शेयर मार्केट में पहली बार कर रहे हैं निवेश तो इन बातों का रखें खास ध्यान, जानिए क्या है निवेश का सही तरीका

किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं देखना चाहिए.

किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं देखना चाहिए.

लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 27, 2022, 08:20 IST

हाइलाइट्स

लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है.
शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है.
किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए.

नई दिल्ली. अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी इनकम का कुछ हिस्सा कहीं ऐसी जगह निवेश करें, जो जरूरत पड़ने पर काम आ सके. हमारे देश में ज्यादातर लोग निवेश के लिए ट्रेडिशनल तरीकों को ही अपनाते हैं जो कि रिटर्न के मामले में उतने कारगर नहीं होते हैं. लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझते हुए सही तरीके से निवेश करना जरूरी है.

शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा होता है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखते हुए आप इससे अच्छा रिटर्न ले सकते हैं. शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है. यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और जानकारी के अभाव में अब तक नहीं कर पाए हैं, तो आज हम आपके काम की जानकारी लेकर आए हैं. इस आर्टिकल में हम इसी पर बात करेंगे.

निवेश के लिए स्टॉक कैसे तय करें
शेयर मार्केट में निवेश की शुरूआत में निवेशक को रिटर्न पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए. शुरूआत में ज्यादा उतार चढ़ाव वाले स्टॉक निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान की बजाय ऐसे स्टॉक को चुनना फायदेमंद होता है, जो फंडामेंटली मजबूत होते हैं. स्टॉक का चुनाव कंपनी की ग्रोथ देखकर करना चाहिए. शुरुआती निवेशक को स्मॉलकैप शेयरों की बजाय लार्जकैप शेयरों में पैसा लगाना चाहिए. फिर धीरे-धीरे मार्केट को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए.

निवेश से पहले टारगेट तय करें
भविष्य में आपको किस काम के लिए और कितने रुपयों की जरूरत पड़ सकती है, उसके मुताबिक अभी से प्लानिंग करके निवेश की शुरुआत करें. निवेश करते समय आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जिस सेक्टर में आप पैसा लगाने जा रहे हैं उसमें अभी कितना रिटर्न मिल रहा है और भविष्य में आगे उसकी क्या संभावनाएं है.

धैर्य रखना बेहद जरूरी
शेयर मार्केट में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसमें आपको कभी फायदा होगा तो कभी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. इसलिए आपको धैर्य से काम लेना पड़ता है, इसमें जल्दबाजी काम नहीं आती. किसी भी स्टॉक में एक बार पैसे लगाने के बाद रुककर मार्केट की गतिविधियों को देखना चाहिए और सही समय पर अच्छे रिटर्न के साथ पैसे को निकालना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आप अपने अनुभव से सीखते हैं और उसी के अनुसार आगे की प्लानिंग करते हैं. इसलिए अपने हर अनुभव से सीखते रहना जरूरी है.

निवेश बदलने से होता है नुकसान
अगर कोई निवेशक एक जगह निवेश करने के बाद, किसी दूसरे सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन को देखकर अपने निवेश को स्विच कर लेता है, तो वह उसे शॉर्ट टर्म के लिए तो लाभ दे सकता है लेकिन बार-बार ऐसा करने से उसको बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है. किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं बल्कि बाकी सब चीजों को भी ध्यान से देखना चाहिए कि वह वास्तव में कितना लाभ दे सकता है.

फ्री की सलाह पर निवेश से बचें
शेयर मार्केट में निवेश के लिए गाइड करने वाली किसी विश्वसनीय वेबसाइट या एक्सपर्ट के अलावा किसी पर भरोसा निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान नहीं करना चाहिए. विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले टिप्स के चक्कर में पड़ने से बचें. किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए. मार्केट के उतार-चढ़ाव से घबराकर पैसे निकालने के बारे में सोचना भी सही नहीं है. इसके अलावा मार्केट की गतिविधियों को ध्यान से देखते हुए अपनी प्लानिंग में बदलाव कर सकते हैं.

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Investment Tips: निवेश और बचत करते वक्त ध्यान रखें ये बातें, नहीं होगी पैसों की टेंशन!

दीपक चतुर्वेदी

प्लान बनाकर इन्वेस्ट करने में समझदारी
हर कोई चाहता है कि वो छोटी-बड़ी बचत के जरिए भविष्य के लिए फंड जमा करे, ताकि आगे चलकर वित्तीय परेशानियों का सामना ना करना पड़े. लोग इसके लिए खर्चों में कटौती करते हैं, लेकिन कभी-कभार अचानक आए भारी भरकम खर्च से आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. कोरोना काल में इस बात को शायद हर इंसान समझ चुका है. हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अगर आप निवेश या बचत करते समय अपनाएंगे, तो आपको किसी भी फाइनेंशियल परेशानी से निजात मिल सकती है और आप भविष्य के लिए पैसे जमा कर सकते हैं.

 ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाए पैसा

ज्यादा रिटर्न देने वाले विकल्पों में लगाए पैसा
सबसे पहले बात कर लेते हैं निवेश के बारे में. तो अगर आप सिर्फ एफडी या पीपीएफ जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों में निवेश करते हैं, तो ध्यान रखें इन योजनाओं पर आमतौर पर आपको एक ही तरह का रिटर्न मिलता रहता है. ऐसे में आपको निवेश के ऐसे विकल्पों पर ध्यान देना जहां ज्यादा रिटर्न मिले. जैसे म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान निवेश से फायदा हो सकता है.

निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल

निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल
आपको अपने लिए फंड इकठ्ठा करने के लिए ज्यादातर उन्हीं स्कीम पर अपनी सेविंग्स को खर्च करना होगा, जहां गारंटेड और अच्छे रिटर्न की उम्मीद हो. ऐसे में अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने का मन बना रहे हैं, तो किसी भी कंपनी या ब्रांड के शेयरों में निवेश से पहले उस कंपनी के कारोबार के बारे में जांच-पड़ताल कर लें. उसके रिटर्न के डाटा पर एक नजर जरूर डालें.

समय पर और नियमित निवेश करें

समय पर और नियमित निवेश करें
अगर आपको आर्थिक रूप से समृद्ध होना है, तो इसके लिए महंगाई को ध्यान में रखते हुए फंड जुटाने के बारे में सोचना होगा. इस बात का ध्यान रखें कि जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, आपके निवेश का जरिया उसी हिसाब से या फिर उससे अधिक का रिटर्न देने में सक्षम हो. यहां एक बात और गांठ बांध लें कि निवेश के बारे में सिर्फ सोच-विचार ना करते रहें. जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, उतना अधिक रिटर्न पाएंगे. इस तरह, आप फंड जुटाने और फाइनेंशियली फिट रहने में सक्षम होंगे.

लक्ष्य बनाकर करें पैसों का इन्वेस्ट

लक्ष्य बनाकर करें पैसों का इन्वेस्ट
वेल्थ क्रिएट करने का सबसे अच्छा फंडा ये है कि आप एक लक्ष्य निर्धारित करके निवेश और बचत के बारे में कदम आगे बढ़ाएं. कोशिश करें कि किसी भी परिस्थिति में आप इस लक्ष्य से डगमगाएं नहीं. इसके अलावा अपने किए गए सभी तरह के निवेशों की समय-समय पर जांच करते रहना भी जरूरी है कि उनसे आपके लक्ष्य के मुताबिक रिटर्न मिल पा रहा है या नहीं. ऐसा ना होने पर विकल्प बदलने पर भी ध्यान देना चाहिए.

खर्च की लिमिट तय करें

खर्च की लिमिट तय करें
विशेषज्ञों की मानें तो खर्च की लिमिट तय करना भी बेहद जरूरी है. कभी-कभी देखने को मिलता है कि अचानक आए किसी खर्च या फिर त्योहार पर ज्यादा खर्च होने से बजट गड़बड़ा जाता है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी सैलरी का एक हिस्सा बचत करके रखना जरूरी है. विशेषज्ञ इस बात की सलाह देते हैं कि अगर आप पेशेवर हैं तो सैलरी का 60 से 70 फीसदी हिस्सा ही विभिन्न खर्चों में लगाएं. बाकी के निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान पैसे निवेश करें, ताकि जरूरत के समय ये बचत आपके काम आ सके.

कर्ज के जाल में फंसने से बचें

कर्ज के जाल में फंसने से बचें
आज तकनीकी युग में जैसे-जैसे आमदनी में इजाफा हुआ है, खर्चे निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान भी बढ़ते जा रहे हैं. लोग अपने कई कामों के लिए बैंक या क्रेडिट कार्ड के जरिए कर्ज या लोन लेकर जरूरतें पूरा करते हैं. आपका वित्तीय लक्ष्य प्रभावित ना हो इसके लिए उतना ही कर्ज लें, जिसे आप तय समय में आसानी से चुका सकें. यह आपकी वित्तीय सेहत के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा निवेश के साथ अपने पास कुछ इमरजेंसी फंड जरूर रखें.

Mutual Fund में निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, पोर्टफोलियो बनाने में होगी आसानी

म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) एक ऐसा फंड है जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती हैं। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे इन्वेस्टमेंट करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा पैसों को बॉन्ड शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर इन्वेस्टमेंट किया जाता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आप शेयर बाजार (Stock Market) की बारीकियों की बहुत अच्छी जानकारी नहीं रखते हैं, लेकिन इसमें इन्वेस्टमेंट करके फायदा कमाना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) आपके लिए निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान बेहतर ऑप्शन में से एक है। लेकिन अक्सर फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर्स को ये समझने में परेशानी आती है कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं और म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए?

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क्या है म्यूचुअल फंड?

म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे इन्वेस्टमेंट करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर इन्वेस्टमेंट किया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड होता है। यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।

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म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले ध्‍यान देने योग्‍य बातें

इससे पहले कि आप म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में इन्वेस्टमेंट करने का फैसला करें, नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। जिससे आपको निवेश करने के लिए सही तरीका से फंड चुनने में मदद मिलेगी और आपको समय के साथ काफी पैसा सेव कर सकते है।

1. रिस्क कैपेसिटी एनालाइज करें

म्यूचुअल फंड में निवेश करने से सबसे पहले आप अपनी रिस्क कैपसिटी और रिटर्न गोल्स को एनालाइज कर लें। यानी कि अगर आपका आगे के 10 सालों के लिए किसी निश्चित अमाउंट का गोल है, और आप रिस्क भी उठा सकते हैं। तो ऐसे में आप ऐसी स्कीम का चयन करें जहां आपके दोनों पर्पज फुलफिल हो रहे हैं। इसके अलावा यह समझें कि रिस्क उठाने के बेसिस पर, और फाइनेंशियल गोल उपलब्धि करने के बेसिस पर म्यूचुअल फंड स्कीम में कितना निवेश जरूरी है।

2. निवेश को करें डाइवर्सिफाई

एक ही एसेट में सारा इन्वेस्टमेंट करने से बेहतर है कि आप इसे डाइवर्सिफाई करें और अलग अलग स्कीम में इन्वेस्ट करें। इसके लिए इन्वेस्टर्स को समझना चाहिए कि एसेट एलोकेशन कैसे किया जाए। एसेट एलोकेशन का बेनिफिट ये होता है कि अगर एक एसेट क्लास में उतार चढ़ाव होता है तो जरूरी नहीं दूसरे में भी हो।

3. स्कीम सेलेक्शन में सावधानी

निवेशकों को कई म्यूचुअल फंड स्कीम ऑप्शन मिलते हैं। इनमें से आप जरूरत के हिसाब से स्कीम का सिलेक्शन कर सकते हैं। किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्टमेंट से पहले कुछ खास बातें जैसे कि उसका प्रीवियस परफॉरमेंस, मैनेजमेंट एफिशिएंसी और एक्सपेंस रेश्यो की जांच कर लें। अलग-अलग स्कीम को निवेशक ऑनलाइन भी तुलना कर सकते हैं.

4. SIP में इन्वेस्टमेंट

अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टमेंट करते हुए फंड तैयार करना चाहते हैं तो आप इक्विटी फंड में SIP के जरिए इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। SIP यानी कि Systematic Investment Plan जिसकी मदद से आपको मार्केट के उतार चढाव के बीच बढ़िया रिटर्न हासिल करने में हेल्प मिलती है।

5. पोर्टफोलियो एनालाइज करें

म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करते से आपको अपने पोर्टफोलियो की एनालाइज करते रहना चाहिए। इससे ये पता चलता है कि कौन सा इन्वेस्टमेंट आपके गोल के मुताबिक बेहतर परफॉर्म कर रहा है और कौन सा नहीं। फिर आप खराब परफॉर्म करने वाले इन्वेस्टमेंट को अच्छे फंड में बदल सकते है।वहीं, अगर आपकी उम्मीद से बेहतर परफॉर्म होता है तो आप हाई रिस्क वाली म्यूचुअल फंड स्कीम से कम रिस्क वाली स्कीम में स्विच कर सकते हैं।

6. फंड मैनेजर का अनुभव

फंड मैनेजर निवेशक के तौर पर म्यूचुअल फंड में पैसा लगाता है और पैसे को मैनेज करता है। निवेशकों को ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहिए, जहां फंड मैनेजर का अनुभव 5-7 साल का हो।

7. शार्प रेश्यो

शार्प रेश्यो का इस्तेमाल किसी म्यूचुअल फंड के रिस्क परफॉर्मेंस का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। इस रेश्यो से पता चलता है कि किसी स्कीम में पैसा लगाने पर कितना रिटर्न मिल सकता है और कितना निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान रिस्क है। ज्यादा शार्प रेश्यो वाले फंड को चुनना सही फैसला हो सकता है।

निवेश करने से पहले इन तीन बातों का रखें खास ध्यान

भारत एक साल या पांच साल के आधार पर लगभग सभी उभरते मार्केटों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी प्रमुख बाजारों में एक अलग मुकाम बनाए हुए है।

निवेश करने से पहले इन तीन बातों का रखें खास ध्यान

पिछले एक साल से भारत और ग्लोबल लेवल पर इक्विटी मार्केट अस्थिर (volatile) रहे हैं। लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए रेट्स में वृद्धि के कारण विश्व के सेंट्रल बैंक एक बार फिर मार्केट को नियंत्रित कर रहे हैं। भारत एक साल या पांच साल के आधार पर लगभग सभी उभरते मार्केटों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी प्रमुख बाजारों में एक अलग मुकाम बनाए हुए है। भारतीय इक्विटी वैल्यूएशन अभी भी उनके लॉंग टर्म एवरेज और दूसरे बाजारों की तुलना में अच्छा रहा है। भारत का सेंट्रल बैंक, भारत सरकार और कॉरपोरेट्स सभी ने मिलकर अब तक स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला है। इसके बावजूद, जोखिम के प्रति सचेत रहना समझदारी है क्योंकि मार्केट मूल्यांकन सस्ता नहीं है। ऐसे में निवेशकों के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ निमेश शाह ने तीन बातों पर जोर दिया है।

तीन फ़ैक्टर्स पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:

(1) डेट म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करें, यह बहुत आकर्षक हो गया है

निवेश के दौरान हायर यील्ड को देखते हुए, एक एसेट क्लास-डेट-जिसे अब तक लोकप्रियता हासिल नहीं हुई है (पिछले 18-20 महीनों से) फिर से आकर्षक (attractive) लग रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाली बैठकों निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है और इसने लगभग सभी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत में भी मुद्रास्फीति और आरबीआई के समक्ष चुनौती खड़ी की है। इसलिए भविष्य में ऊंची अक्रूअल स्कीम और डाइनैमिक ड्यूरेशन वाली स्कीम की सिफारिश की जाती है।

(2) समाधान उन्मुख (solution oriented) ऑफर्स से लाभ जो म्यूचुअल फंड प्रदान करते हैं
हम उम्मीद करते हैं कि जब तक यूएस फेड मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सभी उपलब्ध सभी उपायों का सहारा लेने के लिए प्रतिबद्ध है, तब तक मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। इसलिए, इनवेस्टर्स को विशेष रूप से भारत में सावधानी बरतनी चाहिए। आने वाले वर्ष में, निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ एसआईपी के माध्यम से इनवेस्टमेंट करना चाहिए।

1 पर 2 बोनस शेयर मिलते ही निवेशकों की भरी झोली, एक ही दिन में 20% उछला स्टॉक, 52-वीक हाई पर भाव

(3) गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स में इन्वेस्टमेंट करें
एसेट क्लास में एक विविध (diversified) पोर्टफोलियो यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी एक ही जगह की जोखिम (concentration risk) को कम किया जाए। अनिश्चितता को देखते हुए सोने और चांदी में इन्वेस्टमेंट करने का एक दिलचस्प मौका सामने होता है। वे न केवल मुद्रास्फीति के खिलाफ, बल्कि मुद्रा मूल्यह्रास (currency depreciation) के खिलाफ भी बचाव के निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान रूप में काम करते हैं। इनवेस्टर्स इसमें ईटीएफ के जरिए इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड एक इनवेस्टमेंट विकल्प है।

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Mutual Fund Investment: अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मदद से वेल्थ क्रिएट करना चाहते हैं तो पांच बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे महत्वपूर्ण है कि लंबी अवधि के निवेशक बनें. इसके अलावा डिसिप्लिन के साथ SIP जारी रखें.

Mutual Fund Investment: शेयर बाजार में जारी उठापटक के बीच सितंबर के महीने में इक्विटी फंड के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है. AMFI डेटा के मुताबिक, बीते महीने इक्विटी फंड में 14077 करोड़ का इन्फ्लो हुआ जो अगस्त में 5942 करोड़ था. यह 136 फीसदी का उछाल है. ऐसे में अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. सबसे पहले इस बात को समझें के बाजार के जोखिम का इसमें कम या ज्यादा असर जरूर होता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेशत रहेंगे और डिसिप्लिन के साथ निवेश करते रहेंगे तो वेल्थ क्रिएट करने में मदद मिलेगी. निवेश शुरू करने से पहले इन पांच आदतों को खुद में शामिल करना जरूरी है.

लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें

अगर म्यूचुअल फंड से मोटा रिटर्न पाना चाहते हैं तो लॉन्ग टर्म के इन्वेस्टर बनें. यह पेड़ लगाने जैसा है. समय देंगे तो रिटर्न शानदार होगा. आपका पैसा इसमें धीरे-धीरे ग्रो करता है. कम से कम 3-5 सालों के लिए निवेश करें उसके बाद ही रिडीम के बारे में विचार करें.

डिसिप्लिन बहुत जरूरी

बाजार में उतार-चढ़ाव एक प्रक्रिया है. ऐसे में डिसिप्लिन बहुत जरूरी है. डिसिप्लिन की बात करें तो SIP सबसे शानदार तरीका है. आप हर महीने 500 का एसआईपी भी शुरू कर सकते हैं. NAV निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान की कीमत बाजार में उतार और चढ़ाव के साथ कम और ज्यादा होता है. लंबी अवधि तक निवेश का लक्ष्य है और बाजार में गिरावट आती है तो उसे मौके के रूप में देख सकते हैं. बाजार से निकलना नहीं है.

पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रखें

म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन बहुत ज्यादा है. ऐसे में अपने पोर्टफोलियो को भी डायवर्सिफाई करने की जरूरत है. एक ही फंड में सारा निवेश करने से बचना चाहिए. इक्विटी फंड में रिटर्न ज्यादा है और डेट फंड में रिटर्न कम है. इक्विटी फंड में 65 फीसदी इक्विटी में जाता है तो निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान रिस्क भी ज्यादा होता है. डेट फंड में 65 फीसदी से कम इक्विटी में जमा किया जाता है. इसके कारण रिस्क थोड़ा कम रहता है.

समय-समय पर इवैल्युएशन करें

म्यूचुअल फंड में आपका पैसा प्रफेशनल मैनेज करते हैं. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. हालांकि, समय-समय पर आपको अपने पोर्टफोलियो की जांच करनी चाहिए. आपके पास कितना NAV और उसकी वैल्यु कितनी है, इससे टोटल वैल्यु पता चल जाता है. आपने टोटल NAV कितने में खरीदा है और उसकी वैल्यु कितनी हो गई है, इस आधार पर रिटर्न का पता चलेगा.

कैपिटल ग्रोथ पर फोकस रखें

म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश इसलिए किया जाता है, क्योंकि इसका मकसद कैपिटल ग्रोथ होता है. अगर बाजार से कमाई करनी है तो रिस्क भी होता है. ऐसे में जरूरी है कि अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिस्क उठाएं. इक्विटी फंड में रिस्क ज्यादा होगा तो रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लिक्विड फंड में रिटर्न कम है तो रिस्क भी कम है.

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