कंपाउंड में एक आर्चर एक लेंस के ज़रिए निशाने को देखता है। कंपाउंड प्रतियोगिता वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप और आर्चरी वर्ल्ड कप के अंतर्गत होती लेकिन यह ओलंपिक का भाग नहीं होती।
आर्चरी के नियम: इस खेल के बारे में हर जरूरी जानकारी हासिल करें
आर्चरी के खेल में ‘बो और एरो’ का इस्तेमाल किया जाता है और इस खेल का नाम लैटिन शब्द ‘आर्क्स’ से पड़ा है जिसका मतलब होता है ‘बो’ होता है। आर्चरी का का जन्म 10,000 बीसी में हुआ था और इसे शिकार के लिए इस्तेमाल में लाया जाता था।
मॉडर्न समय में आर्चरी को एक खेल बना दिया गया है और इसे अलग-अलग उपकरण के साथ अलग-अलग डिसिप्लिन में खेला जाता है।
आर्चरी खेल के गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स प्रकार
आर्चरी खेल को तीन डिसिप्लिन में विभाजित किया गया है - टारगेट, इनडोर गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स और फील्ड। ये डिसिप्लिन इस खेल की गवर्निंग बॉडी यानी वर्ल्ड आर्चरी ने बनाए हैं।
टारगेट आर्चरी
टारगेट आर्चरी डिसिप्लिन में खिलाड़ी के सामने एक लक्ष्य होता है और तीरंदाज उसपर निशाना साधता है।
यह लक्ष्य एक आर्चर से 70 मीटर (रिकर्व के गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स लिए) की दूरी पर होता है और एक लक्ष्य 50 मीटर (कंपाउंड के लिए) होता है। एक आर्चर को दिए गए लक्ष्य पर 5 रंग बने होते हैं जिसमें सुनहरा, लाल, नीला, काला और सफेद रंग शामिल होता है।
इसके अंदर का गोल्ड (सुनहरा) रंग खिलाड़ी को 10 और 9 अंक देता है। लाल रंग पर निशाना लगा तो 8 और 7 रंग मिलते हैं और साथ गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स ही नीला रंग 6 और 5 अंक देते हैं। वहीं अगर निशाना काले रंग पर लगता है तो खिलाड़ी को 4 और 3 अंक मिलते हैं और साथ ही सबसे बाहरी रिंग यानी सफेद रंग पर निशाना लगे तो एक खिलाड़ी 2 और 1 अंक हासिल कर सकता है। यह खेल आज विश्व भर में प्रसिद्ध है और इसे वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप और ओलंपिक गेम्स में खेला जाता है। वर्ल्ड रैंकिंग को गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स भी आर्चरी के इवेंट से गिना जाता है और यह एक खिलाड़ी के लिए बहुत कारगर साबित होते हैं।
आर्चरी के नियम और उपकरण
आर्चरी में तीन तरह के ‘बो’ यानी धनुष होते है – रिकर्व, कंपाउंड और बेयरबो।
रिकर्व
रिकर्व बो एक मात्र उपकरण है, जिसे ओलंपिक गेम्स में इस्तेमाल किया जाता है।
एक रिकर्व आर्चर धनुष की तारों को अपने मुह की ओर खींचता है और लक्ष्य पर निशाना बनता है। रिकर्व बो के निचले हिस्से को ‘राईज़र’ कहा जाता है – जो लिंब को मजबूती देता है और यह टिप के इर्द-गिर्द होता है और इस पर बो स्ट्रिंग लगी हुई होती हैं।
इस रॉड पर ‘साईट पिन’ लगी होती है और एक आर्चर अपने हिसाब से इसे सेट कर सकता है।
आर्चर छोटे और बड़े रॉड का इस्तेमाल गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स करता है और साथ ही अपनी उंगलियों पर टैब लगाता है ताकि चोट से बच सके। साथ ही आर्म गार्ड से भी एक खिलाड़ी अपना बचाव करता है।
रिकर्व इवेंट में आर्चर 70 मीटर की दूरी से निशाना लगाता है, जिसका व्यास 122 सेंटीमीटर होता है, जिसका सबसे बेहतरीन स्कोर 10 अंक होता है।।
ओलंपिक में आर्चरी
आर्चरी और ओलंपिक का नाता बहुत पुराना है और इसे दूसरे संस्करण यानी 1900 में डाला गया था और साथ ही यह 1904, 1908 और 1920 में भी शामिल था।
इसके बाद बहुत से फेरबदल के बाद आर्चरी को ओलंपिक गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स गेम्स से निकाल दिया गया था और फिर 1931 में वर्ल्ड आर्चरी की गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स स्थापना की गई ताकि खेल को दोबारा से उच्च स्तर तक ले जाया गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स जा सके।
40 साल के कठिन प्रयासों के बाद आर्चरी ने म्यूनिख 1972 ओलंपिक गेम्स से वापसी की और एक बार सभी के दिलों को जीत लिया। इस दौरान रिकर्व फॉर्म को खेलों में आने की अनुमति दी गई थी।
आज की तारीख में ओलंपिक गेम्स में 64 पुरुष, 64 महिलाएं इंडिविजुअल, टीम और मिक्स्ड टीम इवेंट में भाग लेते हुए दिखाई देंगे।
टीम इवेंट को 1988 के संस्करण गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स में पहली बार मौका दिया गया था गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स और टोक्यो 2020 से मिक्स्ड टीम इवेंट को भी शामिल किया जा रहा है।
इंडिविजुअल इवेंट में हर आर्चर क्वालिफिकेशन के दौरान 72 शॉट लेता है और कुल अंक को गिनकर रैंकिंग दी जाती है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 430