Bharat e Market क्या है? क्या खासियत है भारत ई मार्केट की हिंदी में।

भारत में ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) का क्रेज बढ़ता जा रहा है. कोरोनकाल में लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग की डिमांड तेजी से बढ़ी थी. इसी को देखते हुए अब भारत सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग के लिए एक नया स्वदेशी ऐप लॉन्च किया है. जिसका नाम है Bharat e Market App.

आइए आपको भारत ई मार्केट के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

Bharat e Market क्या है?

Bharat E Market” देश का पहली ई-कॉमर्स वेबसाइट है, जिसे की भारत सरकार ने बनाया है। भारत ई मार्केट की ऐप और वेबसाइट की मदद से हमारे आसपास के दुकानदारों को हम तक पहुंचाया जाएगा। इसकी मदद से अब ऑफलाइन दुकानदार भी ऑनलाइन अपना सामान कॉमर्स पोर्टल भारत बेच सकेंगे।

इस वेबसाइट और ऐप को को व्यापारियों की संस्था CAIT के द्वारा लॉंच किया गया है. यह नया एप्लिकेशन व्यवसायों और कॉमर्स पोर्टल भारत कॉमर्स पोर्टल भारत सेवा प्रदाताओं को पोर्टल पर पंजीकरण करने और अपना खुद का “ई-दुकान” बनाने में सक्षम करेगा, और सबको ऑनलाइन अपना बिज़नेस करने का अवसर देगा।

इस ऐप की मदद से कोई भी ऑनलाइन सामान बेच सकता है और खरीद भी सकता है। इस ऐप की सीधी टक्कर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के साथ होगा। जिनका भारत के ई मार्केट पर बड़ा नियंत्रण है।

आप online shopping के लिए Amazon, Alibaba और Flipkart की तरह, एक और portal का इस्तेमाल कर सकेंगे. small shopkeepers का व्यापारी संगठन CAIT यानी Confederation of All India Traders.

Bharat e Market की खास बातें

  • भारत ई मार्केट पूरी तरह से भारत में बनाया गया है।
  • कॉमर्स पोर्टल भारत
  • इसी खास कर के भारत के व्यापारियों के लिए लिए बनाया गया है।
  • इस पोर्टल पर ‘ई-दुकान’ खोलने के लिए हर यूजर को मोबाइल ऐप के जरिए ही सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • किसी भी विदेशी फंडिंग को इस प्लेटफॉर्म के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा, यानी किसी तरह की विदेशी फंडिंग नहीं होगी।
  • व्यापारियों के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि इस पोर्टल पर कारोबार करने पर कोई भी कमीशन नहीं लिया जाएगा।
  • इसमें दर्ज कोई भी जानकारी भारत से अलग किसी और देश तक नहीं जाएगी, क्योंकि ये पूरी तरह से घरेलू ऐप है, इसलिए सारा डाटा देश में ही रहेगा और इसे बेचा नहीं जाएगा।
  • व्यापारियों के लिए सबसे अच्छी बात ये है कि इस पोर्टल पर कारोबार करने पर कोई भी कमीशन नहीं लिया जाएगा।

Bharat e Market बिजनेस शुरू करने के लिए मोबाइल ऐप या पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। CAIT का कहना है कि ऐप पूरी तरह से देसी है, इसलिए इसमें मौजूद यूज़र डेटा देश से बाहर नहीं जाएगी। घरेलू व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए पोर्टल पर चीनी सामान बेचना निषेध होगा। इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर बिजनेस करने पर किसी प्रकार का कमीशन नहीं लिया जाएगा।

Bharat e Market की वेबसाइट क्या है?

‘Bharat e Market’ की ऐप कैसे डाउनलोड करें।

क्या भारत ई मार्केट के अपनी दूकान बनाने के लिए कोई पैसों देने पड़ेगें?

नहीं- ऑनलाइन अपनी दूकान बनाने के लिए दुकानदारों को किसी भी तरह का कोई भुक्तान नहीं देना पड़ेगा. इस पोर्टल में आपको न तो किसी भी तरह को कोई चार्ज पड़ने वाला है इसे इस्तमाल करने के लिए और ना ही इससे किसी को कोई कमिशन प्राप्त होगा, इससे सिर्फ दुकानदारों का फायदा होगा।

भारतीय ई-कॉमर्स ऐप Bharat e Market बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) और बिजनेस-टू-कंज़्यूमर (B2C) दोनों तरह के लेन-देन के लिए है। CAIT का दावा है कि दिसंबर 2021 तक इस प्लेटफॉर्म से 7 लाख ट्रेडर्स और दिसंबर 2023 तक 1 करोड़ ट्रेडर्स जुड़ने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो ये दुनिया का सबसे बड़ा पोर्टल बन जाएगा।

ई कॉमर्स कंपनियों को टक्कर देने के लिए कैट 11 मार्च को लॉन्च करेगा Bharat E Market मोबाइल ऐप

भारत ई मार्केट (BharatEMarket)

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (The Confederation of All India Traders-CAIT) अपने वेन्डर मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile App) को लॉन्च करने जा रहा है. भारत ई मार्केट (BharatEMarket) पूर्ण रूप से एक क्रांतिकारी फिजिटल मॉडल है, जिसमं ऑफलाइन रिटेल और अधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतरीन संयोजन है, जो कि पूरी तरह व्यापारियों का, व्यापारियों द्वारा और व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए ही बनाया गया है. कैट के अनुसार विदेशी ई पोर्टल के कथित अवैध और अनैतिक आचरण और उनके खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और कम्पटीशन कॉमिशन ऑफ इंडिया की चल रही जांच के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. दरअसल कैट भारत का सबसे बड़ी व्यापारिक संगठन है, जो 40 हजार से अधिक व्यापारिक एसोसिएशनों के माध्यम से 8 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करता है.

कैट ने कहा है कि उसके पोर्टल (Portal) की उपभोक्ता ऑनबोर्डिग एप्लिकेशन को भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने कहा कि कि भारत ई मार्केट जो विशुद्ध रूप से 'भारतीय' है और ये स्वदेशी पोर्टल विदेशी बहुराष्ट्रीय दिग्गजों के साथ नैतिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारत के 8 व्यापारियों (Traders) को समान स्तर का प्लेटफार्म प्रदान करेगा. भारत ई मार्केट एक अनूठा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जहां व्यापारियों को अब अपने पुराने स्थापित ग्राहकों को डिजिटल रूप से सेवा करने का अवसर मिलेगा, जिनके साथ वे वर्षो से व्यापार कर रहे हैं.

भारत ई मार्केट (BharatEMarket) का लक्ष्य 31 दिसंबर, 2021 तक कम से कम सात लाख विक्रेताओं को ऑन बोर्ड करना और 31 दिसंबर, 2023 तक एक करोड़ विक्रेताओं को जोड़ कर चीन के अलीबाबा को पछाड़कर इसे दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनाना है, जिसमें लगभग 80 लाख विक्रेता मौजूद हैं. (इनपुट आईएएनएस)

पिछले 3 महीनों में ‘भारत सरकार’ ने ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजे क़रीब ‘148 नोटिस’ – रिपोर्ट

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Govt Sends 148 Notices To E-Commerce Firms: अगर आपसे कहा जाए कि बीते 3 महीनों में भारत सरकार देश में अपना संचालन करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को क़रीब 148 क़ानूनी नोटिस भेज चुकी है, तो आप सबसे पहले पूछेंगें की ‘आख़िर क्यों’?

तो बात कुछ ऐसी है कि एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की केंद्र सरकार पिछले 3 महीनों में प्रोडक्ट्स पर ‘Country of Origin‘ को डिस्प्ले करने के अनिवार्य नियम का पालन ना करने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों को क़रीब 148 क़ानूनी नोटिस जारी कर चुकी है।

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148 Notices – E-Commerce vs Govt of India?

आपको याद होगा कि जुलाई 2020 में चीन के साथ सीमा पर हुई झड़पों के बाद, दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर किसी प्रोडक्ट की मैन्युफ़ैक्चरिंग की जगह यानि ‘Country of Origin’ को डिस्प्ले करने संबंधित याचिका को लेकर अमेज़न (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) को नोटिस भेजा था।

इसके बाद Consumer Protection (Ecommerce) Rules, 2020 के तहत ‘कंट्री ऑफ़ ओरिजिन (Country of Origin)’ संबंधित नियम को भी लिखित में मान्यता दी गई, जिसकी अधिसूचना 23 जुलाई को जारी हुई थी।

लेकिन अब बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से यह सामने आया है कि बीते 3 महीनों में तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजे गए क़रीब 148 नोटिसों में से 56 में अपराध को स्वीकार करते हुए लगभग ₹34 लाख के जुर्माने की राशि प्राप्त की गई है।

साथ ही अधिकारियों द्वारा यह भी कहा गया कि सभी ई-कॉमर्स कॉमर्स पोर्टल भारत कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर लिस्ट किए गए प्रोडक्ट की बुनियादी जानकारी के साथ ही साथ उसके ‘कंट्री ऑफ़ ओरिजिन’ की डिटेल भी डिस्प्ले करनी अनिवार्य है।

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बता दें लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के अनुसार, इस तरह के हर एक उल्लंघन पर ₹1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उल्लंघन करने पर सबसे पहले उन्हें मामले पर स्पष्टता देने का मौक़ा दिया जाता है और पूछा जाता है कि कोई उस प्रोडक्ट संबंधित जानकारी को ऑनलाइन कहाँ पा सकता है?

वैसे कुछ मौजूदा प्रोडक्ट लिस्टिंग नियम जैसे लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 और जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स ऑफ गुड्स रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट, 1999 आदि में पहले से ही ‘कंट्री ऑफ़ ओरिजिन’ को बताने की आवश्यकता होती है।

वहीं उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) भी बीते क़रीब 2 सालों से एक ऐसी व्यापक नीति तैयार करने पर काम कर रहा है, जिससे न केवल देश में ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म को बढ़ावा दिया जा सके, बल्कि इस क्षेत्र में ट्रेडर्स, प्लेटफ़ॉर्म और ग्राहकों के बीच आने वाली समस्याओं या कहें तो चुनौतियों का भी समाधान तलाशा जा सके।

दिलचस्प ये है कि देश के कई ट्रेडर्स भी पिछले कुछ सालों से सरकार से इस बात का अनुरोध कर चुके हैं कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर प्लेटफॉर्म पर बेंचे जाने वाले हर एक कॉमर्स पोर्टल भारत प्रोडक्ट पर ‘कंट्री ऑफ़ ओरिजिन’ को डिस्प्ले करने के लिए कहा जाए।

What is Apna Bazar?

यह अपना बाजार ऑनलाइन ई कॉमर्स पोर्टल का रोजगार एवं प्रशिक्षण पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से योग्य व्यक्तियों द्धारा अपना बाजार में जारी की गयी विज्ञप्ति में रिक्त पदों के लिए आवेदन किया जा सकता है। इस पोर्टल पर विस्तार से आवेदन करना का तरीका, रिक्त पदों की सूची, ऑनलाइन परीक्षा सिलेबस, परीक्षा पद्धति, चयन का तरीका एवं परीक्षा परिणाम जारी करने का तरीका इत्यादि के बारें में जानकारी दी गयी है।

अपना बाजार ऑनलाइन ई कॉमर्स पोर्टल की शुरुआत वर्ष 2009 में की गयी थी। यह भारतीय पशुपालन निगम लिमिटेड के स्वामित्व का पोर्टल है एवं निगम के माध्यम से ही इसका संचालन किया जाता है। यह पोर्टल ग्राहकों, उपभोक्ताओं एवं वस्तु निर्माताओं, थोक व्यापारी और फुटकर विक्रेता को आसानी से जोड़ने का कार्य करता है। इस पोर्टल के माध्यम से वस्तु निर्माता, थोक व्यापारी और फुटकर विक्रेता अपनी सभी वस्तुओं को ऑनलाइन माध्यम के द्धारा ग्राहकों, उपभोक्ताओं तक आसानी से विक्रय कर सकते हैं। अपना बाजार का उद्देश्य कॉमर्स पोर्टल भारत भारतीय ऑनलाइन बाजार में विदेशी कम्पनियों का एकाधिकार समाप्त कर स्वदेशी ई कॉमर्स पोर्टल अपना बाजार के माध्यम से देश के प्रत्येक राज्य एवं गांव के उपभोक्ताओं एवं ग्राहकों तक उच्च गुणवत्ता एवं वास्तविक मूल्य की वस्तुओं को पहुँचाना है।

हमारा मिशन "अपना भारत,अपना बाजार" : भारतीय ऑनलाइन बाजार में विदेशी कंपनियों का एकाधिकार दूर कर, स्वदेशी भारतीय ऑनलाइन पोर्टल अपना बाजार को देश के प्रत्येक राज्य एवं गांव में पहुंचाने हेतु "अपना भारत,अपना बाजार" मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के तहत भारतीय ऑनलाइन बाजार को आत्मनिर्भर बनाने, ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा देने, ऑनलाइन बाजार को नियमितता प्रदान करने, उपभोक्ताओं एवं ग्राहकों तक उच्च गुणवत्ता एवं वास्तविक मूल्य की वस्तुओं को पहुँचाने एवं भारतीय मुद्रा को भारत के विकास कार्यों तक पहुंचाने इत्यादि उद्देश्यों को प्राथमिकता दी गयी है। आगामी समय में देश के प्रत्येक शहर एवं कस्बों में अपना बाजार रिटेल चेन भी शुरू की जाएगी।

एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल बनाएगा एसबीआई, छोटे बिजनेसमैन को होगा फायदा

अमेजन की तर्ज पर बनने वाले इस पोर्टल का नाम 'भारत क्राफ्ट' होगा. इस पोर्टल को एसबीआई और सरकार मिलकर चलाएगी.

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अमेजन की तर्ज पर बनने वाले इस पोर्टल का नाम 'भारत क्राफ्ट' होगा. इस पोर्टल को एसबीआई और सरकार मिलकर चलाएगी.

उन्होंने कहा, "यह उन चीजों में से एक है, जिसका उल्लेख एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार किया था. उन्होंने भारत क्राफ्ट का उल्लेख करते हुए कहा था कि एसबीआई इस मंच को विकसित करेगा. हम इस विषय पर बहुत अधिक ध्यान दे रहे हैं. इसमें बहुत सारी चीजों को एक साथ रखा जाना आवश्यक है. यह निश्चित रूप से हमारे रडार कॉमर्स पोर्टल भारत पर है और हम इसे करने जा रहे हैं."

अलीबाबा की तर्ज पर बनेगा पोर्टल

हालांकि, उन्होंने इसके बारे में और पोर्टल के शुरू हो जाने की समयसीमा के बारे में विस्तार से नहीं बताया. केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल कहा था, “सरकार अमेजन या अलीबाबा की तर्ज पर भारत क्राफ्ट नाम से एक ई-कॉमर्स पोर्टल शुरू करने की योजना बना रही है. जल्द ही अगले कुछ वर्षों में इस मंच पर कारोबार को 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाना चाहिये. इससे एमएसएमई को बड़ा फायदा होगा.’’

कुमार ने अर्थव्यवस्था में एमएसएमई के योगदान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार ने इन कठिन समय में उनका समर्थन करने के लिए क्षेत्र की परिभाषा बदलने सहित कई उपायों की घोषणा की है.

एसबीआई और पीएनबी खूब दे रहे लोन

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित विभिन्न कदम यदि एमएसएमई की दिक्कतों को पूरी तरह से ठीक नहीं भी कर सके तो निश्चित तौर पर कुछ कम तो जरूर करेंगे. कुमार ने यह भी कहा कि एसबीआई ने एमएसएमई क्षेत्र के लिये तीन लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत चार लाख से अधिक खातों में ऋण स्वीकृत किया है.

सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिये पेश तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत अब तक करीब तीन लाख खातों को ऋण की मंजूरी दी है. बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि बैंक ने 25 जून तक 2,96,753 एमएसएमई खातों को आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत 6,757 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी दी है. इनमें से 59,204 खातों को 2,030 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं. बैंक ने एक ट्वीट में बताया, ‘‘भारत में 6.33 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉमर्स पोर्टल भारत पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की थी.

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