भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?
Indias क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड foreign exchange reserves- पहले के जमाने में अक्सर राजा-महाराजा अपने पास सोना भंडार रखते थे. उसी तरह से आज देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडार होता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
हम सभी ने लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?
विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट बहुत जरूरी चीज है. इसे करेंसी पोर्टफोलियो (Multi-Currency Portfolio) के रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें प्रमुख करेंसी, जैसे US डॉलर, यूरो, पाउंड स्टर्लिंग, जापानी येन, आदि शामिल होती हैं और इसका मूल्य अमेरिकी डॉलर के रूप में होता है. भारत बेशक बाकी देशों के करेंसी में भी एसेट्स होल्ड करता है लेकिन देश का विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से अमेरिकी सरकार के बांड और संस्थागत बांड के रूप में अमेरिकी डॉलर से बना है.
भारत के भंडार में ज्यादातर डॉलर और कुछ हद तक यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है. कुल मिलाकर क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और छोटे और लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट बॉन्ड होते है.
हालांकि, सोने के भंडार, एसडीआर, और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं.
क्यों अमेरिकी डॉलर में इसकी वैल्यू आंकी जाती है?दरअसल, अमेरिकी डॉलर सबसे स्थिर ग्लोबल करेंसी है. अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए लगभग सभी देश अमेरिकी डॉलर को स्वीकार करते हैं. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की स्थिरता के कारण, ज्यादातर देश डॉलर में विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखते हैं जिससे इसकी विनिमय दर (exchange rate) बढ़ जाती है. यहां वजह है कि ज्यादातर मूल्यांकन अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.
कलेक्टर कोर्ट में भरा जाना वाला बॉन्ड क्या होता है?
हम कई दफा छोटे छोटे मामलों में कलेक्टर कोर्ट में बॉन्ड भरने के बारे में सुनते हैं। कॉलोनी मोहल्ले में आसपास के लोगों से किसी तरह का विवाद होने पर या छोटे मोटे धरने प्रदर्शन इत्यादि के मामलों में भी कलेक्टर कोर्ट में बॉन्ड जैसी चीज देखने को मिलती हैं।
कभी कभी थोड़ी मारपीट हो जाने पर पुलिस मारपीट का मुकदमा दर्ज नहीं करती है, अपितु शिकायतकर्ता की शिकायत पर आरोपी से बांड भरने को कहती है। ऐसा बॉन्ड कलेक्टर की कोर्ट में लिया जाता है।
हमारे देश में पुलिस का कर्तव्य अपराध होने पर प्रकरण दर्ज करना ही नहीं, बल्कि अपराधों को रोकना भी है। अपराधों को रोकने के लिए पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता में कुछ शक्तियां भी दी गई हैं और ये शक्तियां कलेक्टर और एस डी एम को भी उपलब्ध हैं। उन्हें भी यह शक्तियां है कि वह अपराध को रोकने का प्रयास करें।
थोड़ी बहुत मारपीट के मामलों में शिकायतकर्ता और आरोपी बाद में राजीनामा कर लेते हैं, क्योंकि लोग भी यह चाहते हैं कि बाद में कोई भी किसी तरह का विवाद बाकी नहीं रहे। इस वजह से छोटे मामलों में पुलिस सीधे प्रकरण दर्ज कर मुकदमा नहीं बनाती है, क्योंकि अगर पुलिस मुकदमा बनाएगी और बाद में पीड़ित और आरोपी आपस में राजीनामा कर लेंगे तो सरकार का धन भी बरबाद होगा और पुलिस का समय भी। इस लिहाज से पुलिस छोटे मामलों में सीधे मुकदमा दर्ज करने से गुरेज करती है।
कोई भी अपराध होने पर पुलिस भविष्य के लिए अपराध रोकने का प्रयास करती है। वह पीड़ित और आरोपी को समझाती है और आरोपी से कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर बॉन्ड भरकर यह कहने को कहते हैं कि एक तय समय तक वह किसी भी तरह का कोई अपराध नहीं करेगा और अगर ऐसा अपराध करेगा तो उसे जुर्माना भरना होगा।
पुलिस एक इस्तगासा आवेदन एस डी एम की कोर्ट में प्रस्तुत करती है और वह एस डी एम को कहती है कि इस व्यक्ति को बॉन्ड भरने के लिए नोटिस जारी किया जाए। ऐसा नोटिस एस डी एम कोर्ट से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 111 के तहत जारी किया जाता है। इस क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड नोटिस में एस डी एम साहब आरोपी व्यक्ति को एक बॉन्ड भरने के लिए कहते हैं।
ऐसा नोटिस मिलने के बाद अगर आरोपी चाहे तो एस डी एम को यह कह सकता है कि उसके खिलाफ पुलिस द्वारा झूठी शिकायत की गई है और उसने किसी तरह का कोई अपराध नहीं किया है और भविष्य में भी कोई अपराध नहीं करेगा और उससे किसी भी तरह का कोई बॉन्ड लिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरोपी के ऐसे अभिवचन पर कोर्ट जांच करती है और पुलिस से सबूत मांगती है कि वह बताए कि आरोपी से बॉन्ड लिया जाना क्यों जरूरी है।
अगर शिकायत झूठी पाई जाती है तो कोर्ट आरोपी से किसी तरह का बॉन्ड नहीं लेती है, लेकिन अगर आरोपी बॉन्ड भरने के लिए तैयार हो जाए तो अदालत फिर एक कागज पर उससे यह लिखवा कर लेती है कि अगर वह एक निश्चित समय के भीतर कोई अपराध करता है तो एक निश्चित धनराशि उससे जब्त की जा सकती है।
ऐसे बॉन्ड में अमूमन छः महीने या एक साल की समयावधि होती है और धनराशि दस हज़ार से पचास हज़ार रुपए तक तय की जाती है। अगर अदालत चाहे तो आरोपी से किसी तरह का कोई जमानतदार भी मांग सकती है, ऐसा जमानतदार अपनी ओर से आरोपी की जमानत लेता है और वह यह ग्यारंटी लेता है कि अगर आरोपी ने किसी तरह का कोई अपराध किया तो उस जमानतदार से ऐसी धनराशि ज़ब्त की जा सकती है।
हालांकि ऐसा बांड आरोपी को सरलता से नहीं भरना चाहिए क्योंकि इससे एक रिकॉर्ड बन जाता है। बाद में फिर आरोपी को एक बड़े अपराधी के रूप क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड में भी पेश किया जा सकता है। अगर शिकायत झूठी की गई है तो आरोपी को कोर्ट से यह कहना चाहिए कि वह उचित जांच करे।
अगर जांच में यह तय हो गया कि शिकायत झूठी थी तब किसी तरह का कोई बॉन्ड नहीं भरना होगा। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 116 के तहत बॉन्ड भरना ही होता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रेकॉर्ड ऊंचाई पर, 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर पहुंचा
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है।
विदेशी मुद्रा में सुधार से देश क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। (फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर की रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक 25 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.066 अरब डॉलर बढ़कर 608.999 अरब डॉलर हो गया था।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 74.8 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 566.988 अरब डॉलर हो गया। डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
आंकड़े के मुताबिक इस दौरान सोने का भंडार 7.6 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 36.372 अरब डॉलर हो गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आइएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.105 अरब डॉलर हो गया।
इंदिरा गांधी के लिए मास्को से भिजवाए गए थे मछली के अंडे, नरसिम्हा राव और वाजपेयी विदेश दौरे पर साथ ले जाते थे शेफ
Gadkari At Chinese Restaurant: चाइनीज रेस्टोरेंट में खाने गए थे नितिन गडकरी, शेफ की सैलरी सुन रह गए थे दंग
सरकारी स्वर्ण बांड योजना 2021-22 के लिएनिर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। यह खरीद के लिए 12 जुलाई से खुलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने शुक्रवार को यह कहा। सरकारी स्वर्ण बांड (एसजीबी) योजना 2021-22 की चौथी शृंखला 12 जुलाई से 16 जुलाई, 2021 तक खरीद के लिए खुलेगी।
स्वर्ण बांड चौथी शृंखला : निर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय
आरबीआइ के अनुसार स्वर्ण बांड का मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है। भारत सरकार के परामर्श से रिजर्व बैंक आनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवशकों को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देगा। ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,757 रुपए प्रति ग्राम होगा। तीसरी शृंखला के स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 4,889 रुपए प्रति ग्राम था। यह खरीद को लेकर 31 मई से चार जून, 2021 तक खुला था।
इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि वह मई 2021 से सितंबर क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड 2021 तक छह चरणों में सरकारी स्वर्ण बांड जारी करेगी। आरबीआइ भारत सरकार की ओर से बांड जारी करेगा। बांड, बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआइएल), मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आॅफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे। 2015 में क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड शुरू स्वर्ण बांड एसजीबी योजना से मार्च 2021 के अंत तक कुल 25,702 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। रिजर्व बैंक ने 2020-21 के दौरान 16,049 करोड़ रुपए (32.35 टन) की कुल राशि के एसजीबी की 12 शृंखला जारी की थी।
कलेक्टर कोर्ट में भरा जाना वाला बॉन्ड क्या होता है?
हम कई दफा छोटे छोटे मामलों में कलेक्टर कोर्ट में बॉन्ड भरने के बारे में सुनते हैं। कॉलोनी मोहल्ले में आसपास के लोगों से किसी तरह का विवाद होने पर या छोटे मोटे धरने प्रदर्शन इत्यादि के मामलों में भी कलेक्टर कोर्ट में बॉन्ड जैसी चीज देखने को मिलती हैं।
कभी कभी थोड़ी मारपीट हो जाने पर पुलिस मारपीट का मुकदमा दर्ज नहीं करती है, अपितु शिकायतकर्ता की शिकायत पर आरोपी से बांड भरने को कहती है। ऐसा बॉन्ड कलेक्टर की कोर्ट में लिया जाता है।
हमारे देश में पुलिस का कर्तव्य अपराध होने पर प्रकरण दर्ज करना ही नहीं, बल्कि अपराधों को रोकना भी है। अपराधों को रोकने के लिए पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता में कुछ शक्तियां भी दी गई हैं और ये शक्तियां कलेक्टर और एस डी एम को भी उपलब्ध हैं। उन्हें भी यह शक्तियां है कि वह अपराध को रोकने का प्रयास करें।
थोड़ी बहुत मारपीट के मामलों में शिकायतकर्ता और आरोपी बाद में राजीनामा कर लेते हैं, क्योंकि लोग भी यह चाहते हैं कि बाद में कोई भी किसी तरह का विवाद बाकी नहीं रहे। इस वजह से छोटे मामलों में पुलिस सीधे प्रकरण दर्ज कर मुकदमा नहीं बनाती है, क्योंकि अगर पुलिस मुकदमा बनाएगी और बाद में पीड़ित और आरोपी आपस में राजीनामा कर लेंगे तो सरकार का धन भी बरबाद होगा और पुलिस का समय भी। इस लिहाज से पुलिस छोटे मामलों में सीधे मुकदमा दर्ज करने से गुरेज करती है।
कोई भी अपराध होने पर पुलिस भविष्य के लिए अपराध रोकने का प्रयास करती है। वह पीड़ित और आरोपी को समझाती है और आरोपी से कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर बॉन्ड भरकर यह कहने को कहते हैं कि एक तय समय तक वह किसी भी तरह का कोई अपराध नहीं करेगा और अगर ऐसा अपराध करेगा तो उसे जुर्माना भरना होगा।
पुलिस एक इस्तगासा आवेदन एस डी एम की कोर्ट में प्रस्तुत करती है और वह एस डी एम को कहती है कि इस व्यक्ति को बॉन्ड भरने के लिए नोटिस जारी किया जाए। ऐसा नोटिस एस डी एम कोर्ट से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 111 के तहत जारी किया जाता है। इस नोटिस में एस डी एम साहब आरोपी व्यक्ति को एक बॉन्ड भरने के लिए कहते हैं।
ऐसा नोटिस मिलने के बाद अगर आरोपी चाहे तो एस डी एम को यह कह सकता है कि उसके खिलाफ पुलिस द्वारा झूठी शिकायत की गई है और उसने किसी तरह का कोई अपराध नहीं किया है और भविष्य में भी कोई अपराध नहीं करेगा और उससे किसी भी तरह का कोई बॉन्ड लिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। आरोपी के ऐसे अभिवचन पर कोर्ट जांच करती है और पुलिस से सबूत मांगती है कि वह बताए कि आरोपी से बॉन्ड लिया जाना क्यों जरूरी है।
अगर शिकायत झूठी पाई जाती है तो कोर्ट आरोपी से किसी तरह का बॉन्ड नहीं लेती है, लेकिन अगर आरोपी बॉन्ड भरने के लिए तैयार हो जाए तो अदालत फिर एक कागज पर उससे यह लिखवा कर लेती है कि अगर वह एक निश्चित समय के भीतर कोई अपराध करता है तो एक निश्चित धनराशि उससे जब्त की जा सकती है।
ऐसे बॉन्ड में अमूमन छः महीने या एक साल की समयावधि होती है और धनराशि दस हज़ार से पचास हज़ार रुपए तक तय की जाती है। अगर अदालत चाहे तो आरोपी से किसी तरह का कोई जमानतदार भी मांग सकती है, ऐसा जमानतदार अपनी ओर से आरोपी की जमानत लेता है और वह यह ग्यारंटी लेता है कि अगर आरोपी ने किसी तरह का कोई अपराध किया तो उस जमानतदार से ऐसी धनराशि ज़ब्त की जा सकती है।
हालांकि ऐसा बांड आरोपी को सरलता से नहीं भरना चाहिए क्योंकि इससे एक रिकॉर्ड बन जाता है। बाद में फिर आरोपी को एक बड़े अपराधी के रूप में भी पेश किया जा सकता है। अगर शिकायत झूठी की गई है तो आरोपी को कोर्ट से यह कहना चाहिए कि वह उचित जांच करे।
अगर जांच में यह तय हो गया कि शिकायत झूठी थी तब किसी तरह का कोई बॉन्ड नहीं भरना होगा। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 116 के तहत बॉन्ड भरना ही होता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रेकॉर्ड ऊंचाई पर, 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर पहुंचा
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है।
विदेशी मुद्रा में सुधार से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। (फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 जुलाई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 1.013 अरब डॉलर बढ़कर 610.012 अरब डॉलर की रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक 25 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.066 अरब डॉलर बढ़कर 608.999 अरब डॉलर हो गया था।
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि की वजह विदेशी मुद्रा संपत्तियों (एफसीए) में हुई बढ़ोतरी है जो समग्र भंडार का प्रमुख घटक है। इस दौरान एफसीए 74.8 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 566.988 अरब डॉलर हो गया। डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है।
आंकड़े के मुताबिक इस दौरान सोने का भंडार 7.6 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 36.372 अरब डॉलर हो गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास मौजूद विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.548 अरब डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक ने बताया कि आलोच्य सप्ताह के दौरान आइएमएफ के पास मौजूद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.105 अरब डॉलर हो गया।
इंदिरा गांधी के लिए मास्को से भिजवाए गए थे मछली के अंडे, नरसिम्हा राव और वाजपेयी विदेश दौरे पर साथ ले जाते थे शेफ
Gadkari At Chinese Restaurant: चाइनीज रेस्टोरेंट में खाने गए थे नितिन गडकरी, शेफ की सैलरी सुन रह गए थे दंग
सरकारी स्वर्ण बांड योजना 2021-22 के लिएनिर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है। यह खरीद के लिए क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड 12 जुलाई से खुलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने शुक्रवार को यह कहा। सरकारी स्वर्ण बांड (एसजीबी) योजना 2021-22 की चौथी शृंखला 12 जुलाई से 16 जुलाई, 2021 तक क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड खरीद के लिए खुलेगी।
स्वर्ण बांड चौथी शृंखला : निर्गम मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय
आरबीआइ के अनुसार स्वर्ण बांड का मूल्य 4,807 रुपए प्रति ग्राम तय किया गया है। भारत सरकार के परामर्श से रिजर्व बैंक आनलाइन आवेदन और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवशकों को 50 रुपए प्रति ग्राम की छूट देगा। ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,757 रुपए प्रति ग्राम होगा। तीसरी शृंखला के स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 4,889 रुपए प्रति ग्राम था। यह खरीद को लेकर 31 मई से चार जून, 2021 तक खुला था।
इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि वह मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह चरणों में सरकारी स्वर्ण बांड जारी करेगी। आरबीआइ भारत सरकार की ओर से बांड जारी करेगा। बांड, बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआइएल), मनोनीत डाकघरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आॅफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के माध्यम से बेचे जाएंगे। 2015 में शुरू स्वर्ण बांड एसजीबी योजना से मार्च 2021 के अंत तक कुल 25,702 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। रिजर्व बैंक ने 2020-21 के दौरान 16,049 करोड़ रुपए (32.35 टन) की कुल राशि के एसजीबी की 12 शृंखला जारी की थी।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 812