क्रिप्टो करेंसी का क्या भविष्य है?
इसे सुनेंरोकेंइसे लेकर वित्त मंत्री ने बयान दिया है. Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है. लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसे लेकर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं है, लेकिन ये तय है कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है.
कैसे काम करता है cryptocurrency?
इसे सुनेंरोकेंक्रिप्टोकरेंसी का मुख्य कार्य होता हैं एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना. और यह कार्य किया जाता हैं, ब्लॉकचैन के माध्यम से. ब्लॉकचैन बैंक की तरह कार्य करती है. इसमें जो भी लेनदेन किये जाते हैं, उसका पूरा रिकॉर्ड इस ब्लॉकचैन में होता है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना काफी कम हो जाती हैं.
क्रिप्टो करेंसी से पैसे कैसे कमाए?
इसे सुनेंरोकेंआप cryptocurrency से पैसे कमाने के लिए खुद की एक website बना सकते है जहाँ पर आप cryptocurrency buy/sell कर सकते है. आप जब क्रिप्टो करेंसी की कीमत घट जाए तब क्रिप्टो करेंसी को खरीद कर रख सकते हैं और उसके बाद जैसे ही आपके पास क्रिप्टो करेंसी का order आता है आप उस व्यक्ति को cryptocurrency बैच सकते है .
भारत में कौन सी क्रिप्टोकरेंसी वैध है?
इसे सुनेंरोकेंजवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Cryptocurrency का भविष्य Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है.
भारत की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?
इसे सुनेंरोकेंCBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) भारत की इस क्रिप्टो करेसी का कोई भी प्रिंट नहीं Cryptocurrency का भविष्य होगा. बल्कि यह क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगी. जी हां यह एक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) होगी. जिसे आप ऑनलाइन Currency भी कह सकते हैं.
एक क्रिप्टो करेंसी की कीमत कितनी है?
इसे सुनेंरोकेंगौरतलब है सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत नवंबर 2021 में 69,000 डॉलर (51.28 लाख रुपये) के अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद से ही इसकी कीमत में अब तक 27,000 डॉलर (करीब 20 लाख रुपये) या करीब 40 पर्सेंट की गिरावट आ चुकी है।
इंडिया की क्रिप्टो करेंसी क्या है?
इसे सुनेंरोकेंक्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है।
कोइंडस्क्स में पैसे कैसे कमाए?
इसे सुनेंरोकेंCoinDCX App में आप कम से कम 100 रुपए Deposit करके भी किसी भी Cryptocurrency को खरीद सकते हैं और इसमें कम से कम 10 रुपए का भी Cryptocurrency Buy करके आपकी इनवेस्टमेंट की शुरुआत कर सकते हैं।
अच्छा पैसा कमाने के लिए क्या करें?
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रीजेंट कॉइन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंRTC प्राइस लाइव डेटा लाइव Rijent Coinकी कीमत आज $0.049709 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $22,648.31 USD हम रियल टाइम में हमारे RTC से USD के भाव को अपडेट करते हैं। Rijent Coin पिछले 24 घंटों में 0.27% नीचे है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #5113, जिसका लाइव मार्केट कैप मौजूद नहीं है। है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी भविष्य: आरबीआई जल्द ला रही अपनी डिजिटल मुद्रा, जानें यह बिटकॉइन से कितनी अलग
दिल्ली | भारत सरकार ने एक दिन पहले घोषणा की कि उसने संसद के आगामी शीतकालीन Cryptocurrency का भविष्य सत्र के दौरान भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने वाले विधेयक को स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। निर्णय को लोकसभा बुलेटिन में घोषित किया गया था। इस निर्णय ने क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में एक लहर प्रभाव डाला है। क्योंकि देश में बिटकॉइन, सोलाना, डॉगकोइन की कीमतें दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। जबकि आधिकारिक Cryptocurrency का भविष्य डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी के संचलन को विनियमित करना चाहता है, यह भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई द्वारा जारी एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा की शुरूआत के लिए एक रूपरेखा बनाने का भी प्रस्ताव करता है। लोकसभा की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए विधायी व्यवसाय को सूचीबद्ध करने वाले बुलेटिन के अनुसार बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है हालांकि यह कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है। ( cryptocurrency future )
निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक
संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देने की कुछ उम्मीदों के साथ भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पेश किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करने के लिए यह केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की शुरूआत के संबंध में जोड़ा गया। लोकसभा बुलेटिन ने आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन के बारे में कोई अन्य विवरण नहीं दिया।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी क्या है?
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी कानूनी निविदा Cryptocurrency का भविष्य है। यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट मुद्रा के साथ एक-से-एक विनिमय योग्य है। केवल उसका रूप भिन्न है। बैंक द्वारा जारी एक बयान में, आरबीआई सीबीडीसी और क्रिप्टोकुरेंसी के बीच अंतर का वर्णन करता है। सीबीडीसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है, लेकिन यह निजी आभासी मुद्राओं से तुलनीय नहीं है जो पिछले एक दशक में बढ़ी है। निजी आभासी मुद्राएं पैसे की ऐतिहासिक अवधारणा के लिए पर्याप्त बाधाओं पर बैठती हैं। वे पण्य वस्तु या वस्तुओं पर दावे नहीं हैं क्योंकि उनका कोई आंतरिक मूल्य नहीं है। कुछ का दावा है कि वे सोने के समान हैं स्पष्ट रूप से अवसरवादी प्रतीत होते हैं। आमतौर पर, निश्चित रूप से अब सबसे लोकप्रिय लोगों के लिए, वे किसी भी व्यक्ति के ऋण या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कोई जारीकर्ता नहीं है। वे पैसा नहीं हैं (निश्चित रूप से मुद्रा नहीं) क्योंकि यह शब्द ऐतिहासिक रूप से समझा जाने लगा है। इस संबंध में, सीबीडीसी कुछ ऐसा होगा जो बैंकिंग प्रणाली का समर्थन करता है या मौजूदा ढांचे की तारीफ करता है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्रेज को लेकर केंद्रीय बैंक की चिंता ( cryptocurrency future )
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रा के रूप में मान्यता न दिए जाने के बावजूद डिजिटल टोकन और भारत में इसके क्रेज को लेकर केंद्रीय बैंक की चिंताओं को बार-बार दोहराया है। इस मुद्दे पर महीने की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में चर्चा की गई थी, जिन्होंने अवैध काम के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री की बैठक में, आम सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम ‘प्रगतिशील और दूरदर्शी’ होंगे। तब यह भी चर्चा हुई कि “अनियमित” क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता है। सरकार के सूत्रों ने विधेयक को पेश करने के केंद्र के फैसले पर कहा। उन्होंने बुधवार को कहा कि एक सख्त तंत्र स्थापित किया जाएगा ताकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां गैरकानूनी या राष्ट्र-विरोधी कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति का पता लगा सकें। ( cryptocurrency future )
अगले वित्तीय संकट का कारण क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन हो सकता है: शक्तिकांत दास
बी.एफ.एस.आई इनसाइट समिट में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अनियमित मुद्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि ये हमारे व्यापक आर्थिक हितों और वित्तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है। श्री दास ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान क्रिप्टो करेंसी के प्रचलन में बहुत कुछ नया होते देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के अधिकांश केंद्रीय बैंकर क्रिप्टोकरेंसी से सचेत रहे हैं। श्री दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तीन मुख्य चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो निजी क्रिप्टो की उत्पत्ति व्यवस्था को तोड़ने के मकसद से हुई है और इसके पक्षधर विनियमित वित्तीय विश्व में विश्वास नहीं करते हैं। दूसरे, क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है और इसे Cryptocurrency का भविष्य लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है कि ये किस सार्वजनिक कल्याण या उद्देश्य की पूर्ति के लिए है।
उन्होंने कहा कि तीसरे, यह एक शत-प्रतिशत सट्टा गतिविधि है, इसलिए, यह एक जोखिम भरी संपत्ति है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी का मूल्य अब एक सौ 40 अरब अमेरिकी डॉलर Cryptocurrency का भविष्य हो चुका है, और इस साल इसमें लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर का अवमूल्यन दर्ज हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शाक्तिदास कांत ने खुदरा ई-रुपये की पहल के बारे में भी बात की। इसे एक दिसंबर को जारी किया गया था। शुरू में ई-रूपया एक सीमित उपयोगकर्ता समूह में कुछ स्थानों पर ग्राहकों और व्यापारियों के बीच प्रयोग होगा।
उन्होंने कहा कि सीबीडीसी भविष्य की मुद्रा है। ये करेंसी नोटों की तरह है जिसके साथ स्वचालित स्वीप इन और आउट सुविधा भी मौजूद है।
उन्होंने आगे कहा कि सीबीडीसी के लिए लॉजिस्टिक्स बहुत सरल होगा और यह भारत को इस सदी में डिजिटल मुद्रा के मामले में सबसे आगे ले जाएगा।
Union Budget 2022 : विदेशी क्रिप्टो का भविष्य अनिश्चित, निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत
Union Budget 2022 लोकेश सोलंकी, इंदौर, नईदुनिया। आरबीआइ डिजिटल करंसी जारी करेगा। डिजिटल असेट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इन दो लाइनों से क्रिप्टो करंसी में निवेश करने वाले लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ती दिख रही हैं। बीते दिनों से लगातार गिर रहे क्रिप्टो करंसी के बाजार में मंगलवार दोपहर से तेजी भी दिखी। बावजूद इसके विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि सरकार ने किसी तरह की विदेशी क्रिप्टो करंसी को अभी मान्यता नहीं दी है। सरकार क्रिप्टो मार्केट में लगे भारतीयों के पैसों को सर्विलांस में लाने और डाटा हासिल करने में जुटी है। निवेशकों को क्रिप्टो को लेकर संभलना होगा क्योंकि इस पर कानूनी मसौदा आना बाकी है। उम्मीद कम ही है कि विदेशी क्रिप्टो करंसी को सरकार मान्यता दे दे।
देश में क्रिप्टो करंसी में निवेश करने वालों की संख्या एक करोड़ मानी जा रही है। क्रिप्टो एक्सचेंज वाले भी निवेशकों की सही जानकारी देने से बचते दिख रहे हैं। क्रिप्टो एक्सजेंच क्वाइन डीसीएक्स के प्रवर्तक सुमित गुप्ता भी जानकारी छुपाते नजर आते हैं। गुप्ता कहते हैं कि देश में क्रिप्टो निवेशक एक करोड़ होंगे लेकिन मप्र या इंदौर में कितने निवेशक हैं, इसकी जानकारी हम नहीं दे सकते। हालांकि गुप्ता दावा कर रहे हैं कि भविष्य क्रिप्टो करंसी का ही है। सेबी के निवेशकों को प्रशिक्षित करने वाले पैनल में भी शामिल सीए सुमितसिंह मोंगिया क्रिप्टो करंसी का एक्सचेंज चला रहे गुप्ता की बात से सहमत नहीं दिखते। सीए मोंगिया कहते हैं कि क्रिप्टो करंसी को तीन श्रेणियों में रखा जा सकता है। पहले इंवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी वह तरीका जो रिटर्न सुनिश्चित करता है। दूसरा करंसी या असेट और तीसरा कमोडिटी। पहली श्रेणी में इसकी पोजिशन नहीं बनती। करंसी के रूप में भी कोई भी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी। वित्त मंत्री के बजट भाषण से साफ हो गया है कि आरबीआइ की करंसी आएगी तो क्रिप्टो करंसी के रूप में शून्य हो ही जाएगी। अब तीसरा वर्ग यानी फाइनेंशियल असेट यानी वित्तीय संपदा या कमोडिटी ही इसे माना जा सकता है।
क्रिप्टो एक्सचेंज पर कड़े नियम हो सकते हैं लागू
सीए मोंगिया का कहना है कि किसी भी कमोडिटी में निवेश करने से पहले उसकी उपयोगिता आंकी जाती है। अब क्रिप्टो वस्तु विनिमय (बार्टर) की श्रेणी में ही आ सकता है। अब हमें इंतजार करना चाहिए कि सरकार क्रिप्टो के स्टाक एक्सजेंच पर नियम और कानून कायदे स्पष्ट कर दे। कुल मिलाकर सरकार फिलहाल बीते साल में क्रिप्टो में हुए निवेश पर लोगों और एक्सजेंच दोनों से 30 प्रतिशत टैक्स चाह रही है। ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि अभी क्रिप्टो के पुराने ट्रांसजेक्शन को घोषित कर दे और उस पर टैक्स देयता चुका दे।
भाषण पर ध्यान दें तो वित्त मंत्री ने सिर्फ आरबीआइ की डिजिटल करंसी के लिए करंसी शब्द इस्तेमाल किया। अन्य के लिए डिजिटल असेट शब्द उपयोग किया है। ऐसे में आने वाले समय में जब भारत की डिजिटल करंसी होगी तो विदेशी क्रिप्टो बाहर हो जाएगी। क्रिप्टो एक्सजेंच पर भी कड़े नियम कायदे लागू हो सकते हैं। इसके लिए हमें सरकार की गाइड लाइन और क्रिप्टो बिल का इंतजार करना चाहिए।
क्रिप्टो को मान्यता नहीं
विदेशी क्रिप्टो करंसी को मान्यता मिलने की संभावना न के बराबर है। आरबीआइ की डिजिटल करंसी की घोषणा हुई है। वह भी रुपये का डिजिटल रूप नहीं बल्कि समांतर डिजिटल करंसी होगी। जब वह लांच होगी तो विदेशी क्रिप्टो के लिए भारतीय बाजार में कोई जगह नहीं बचेगी।
- सीए सुमितसिंह मोंगिया, सेबी पेनालिस्ट
डाटा चाहती है सरकार
आयकर के प्रारूप में अपडेट करने की सुविधा कहीं न कहीं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के विश्लेषण और क्रिप्टो के निवेशकों को ध्यान रखकर लाई गई है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से अभी निगरानी से बची आय की जानकारी सरकार को लगी है। आयकर रिटर्न अपडेट करने का मौका देकर ऐसे लोग अपनी आय घोषित कर दें। साथ ही क्रिप्टो करंसी के निवेशकों और एक्सचेंज का कोई डाटा सरकार के पास नहीं है। ताजा टैक्स प्रस्ताव से वो भी सरकार को मिल जाएगा।
बिटकॉइन का भविष्य 2022 में कैसा रहेगा ? स्पर्ट की भविष्यवाणी
खासकर भारत की बात करें तो, बिटकॉइन का भविष्य 2022 में थोड़ा सा स्थिर हो सकता है ऐसा स्पर्ट का मानना है। 2021 की आखिरी तिमाही में क्रिप्टो करेंसी के बाजार में बहुत गिरावट आयी है क्योंकि भारत सरकार इसे रेगुलेट करने की योजना बना रही है।
लोगों को लगा कि सरकार क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगा सकती है। इसलिए बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी बेंचने की होड़ मच गई, जिससे बाजार तेजी से नीचे गिरा !
बिटकॉइन का भविष्य 2022 में
अगर हम स्पर्ट की माने तो बिटकॉइन का भविष्य 2022 में अच्छा रहने वाला है। इसकी वे कुछ वजह भी बताते हैं।
बिटकॉइन नई टेक्नोलॉजी पर आधारित
बिटकॉइन का अच्छा भविष्य मानने की सबसे बड़ी वजह है कि, यह एक नई टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसे कि भविष्य की टेक्नोलॉजी के रूप में देखा जा रहा है।
यह अभी नया है इसलिए इसमें कुछ खामियाँ नजर आ रही हैं। जैसे कि, आपराधिक तत्व इसे यूज करते हैं क्योंकि लेन देन करने वाले की जानकारी छिपी रहती है।
इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार योजना बना रही है। अब इसमें KYC को अनिवार्य बना दिया जायेगा और भी टेक्नोलॉजी को शामिल करके इसे और बेहतर बनाया जायेगा।
कुछ देशों में बिटकॉइन Cryptocurrency का भविष्य को लीगल करेंसी के रूप में मान्यता मिल चुकी है और अधिकतर देशों में भविष्य में मान्यता मिलने की उम्मीद है।
इतिहास से सबक
बिटकॉइन का भविष्य 2022 में कैसा रहेगा इसे हम इतिहास की नजर से भी जान सकते हैं। भारत में 1995 से 2005 के बीच का दौर इंटरनेट का शुरुआती दौर था। इसके बाद यह लोगों के बीच बहुत तेजी से फैला।
शुरुआत में ऑनलाइन खरीदारी को गलत और धोखाधड़ी माना जाता था। उसी समय लोग इंटरनेट बेकिंग से डरते थे।
लेकिन धीरे-धीरे सभी आम लोगों ने इसे अपना लिया और आजकल नेट बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग एक फैशन बन चुका है, जिससे कोई अछूता नहीं है।
भले ही बिटकॉइन की वैल्यू हजारों गुना बढ़ गयी है लेकिन अभी भी यह आम लोगों से दूर ही है, धीरे-धीरे यह आम लोगों तक भी पहुँचेगा।
इसलिए हमारे स्पर्ट को बिटकॉइन का भविष्य 2022 में उज्जवल रहने की उम्मीद है।
क्रिप्टो करेंसी का भविष्य 2022 में
2022 में भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करना शुरू कर सकती है। जैसा कि सरकार ने पहले बताया है कि, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन किया जायेगा लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि, सरकार प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी किसे मानती है।
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यह भी 2022 में सबकी नजर में आ जायेगा और सभी चीजों स्पष्ट हो जायेगी।
इसके बाद बाजार में उछाल आने की उम्मीद बनती है क्योंकि लोगों का डर निकल चुका होगा।
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