कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर कहा कि विपक्ष संसद में भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत की मांग कर रहा है. सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है. हम सब देश की रक्षा के लिए खड़े हैं. सीमा पर क्या स्थिति है, जून 2020 में हमारे 20 जवान क्यों मारे गए थे? ये जानकारी सामने आनी चाहिए.

CPP दल की बैठक में सोनिया का सरकार पर हमला, चीनी घुसपैठ पर चर्चा से भागना लोकतंत्र का अनादर

NewDelhi : कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि बार-बार चीनी घुसपैठ पर संसद में चर्चा भाजपा सरकार का भागना लोकतंत्र (Democrasy) के प्रति उनके अनादर को दिखाता है. यह दिखाता है कि भाजपा देश को एक साथ लाने में अक्षम है.
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे में चीन के मुद्दे से लेकर महंगाई तक विपक्ष मोदी सरकार को सदन के अंदर घेरने में लगा हुआ है. इसी कड़ी में आज बुधवार को संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई.

In Congress parliamentary party meet, Sonia Gandhi expressed concerns over Chinese transgression. She said, “Govt being adamant & not holding a discussion on it. Public & House unable to know real situation. Why is Govt not sending out a financial reply to Chinese transgression?” pic.twitter.com/0HFU3aGhri

सरकार चीन पर आर्थिक पाबंदियां क्यों नहीं लगा रही

बैठक में सोनिया गांधी ने चीन की घुसपैठ पर चिंता व्यक्त की. मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने यह बातें कही. सोनिया गांधी ने सवाल किया कि सरकार चीन के आक्रमण का आर्थिक पाबंदियां लगाकर जवाब क्यों नहीं दे रही है?

बता दें कि विपक्ष के नेता लगातार सदन में चीन के साथ हुए टकराव पर संसद में चर्चा की सरकार से मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने तवांग में भारत-चीन झड़प पर चर्चा की मांग करते हुए संसद परिसर के अंदर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया.

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चीन की लगातार घुसपैठ गंभीर चिंता का विषय

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है. रुपए का दाम गिर रहा है. बेरोजगारी बढ़ रही है. सामाजिक ध्रुवीकरण, लोकतांत्रिक संस्थानों का कमजोर होना और बार-बार सीमा पर हो रही घुसपैठ देश के सामने बड़ी चुनौती हैं. इस क्रम में सोनिया गांधी ने कहा कि चीन द्वारा लगातार घुसपैठ गंभीर चिंता का विषय है. देश हमारे सैनिकों के साथ खड़ा है, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में इन हमलों को नाकाम कर दिया है, लेकिन सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर रही है.

सोनिया ने आर्थिक हालात, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘सरकार की तरफ से सबकुछ ठीक होने का दावा किये जाने के बावजूद देश के आर्थिक हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं. रोजमर्रा की जरूरत की सभी चीजों के दाम असहनीय स्तर तक बढ़ गए हैं जिसका करोड़ों परिवारों पर भारी बोझ पड़ रहा है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘लोगों खासकर युवाओं को नौकरी देने में अक्षम रहना इस सरकार की पहचान रही है.

करोड़ों लोगों का भविष्य अनिश्चित है

प्रधानमंत्री ने भले ही कुछ हजार लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे हों, लेकिन करोड़ों लोगों का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि सरकार में रिक्तियां नहीं भरी गयी, परीक्षाएं विश्वसनीय नहीं हैं और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है. सोनिया गांधी ने किसानों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘खेती में लागत खासकर उर्वरक की कीमत, फसलों के दाम को लेकर अनिश्चितता और खराब मौसम के कारण किसान मुश्किल का सामना कर रहे हैं.

लेकिन ऐसा लगता है कि तीन कानूनों को थोपने के दिशाहीन प्रयास के बाद सरकार की प्राथमिकता में अब किसान भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य नहीं रहे. उन्होंने हालिया चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिहाज से दुर्भाग्यपूर्ण रहे, लेकिन हिमाचल में हमने सरकार बनाई है जहां के लोगों से किये वादे को पूरा करने का समय आ गया है.

Political News: भविष्य में भाजपा को हराकर दिखाएगी कांग्रेस: राहुल गांधी

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Political News: जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य किसी को कांग्रेस को कमतर नहीं आंकना चाहिए क्योंकि विचारधारा पर आधारित और उस पर चलने वाली यही एकमात्र पार्टी है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हरा सकती है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर ‘फासीवादी पार्टी’ होने का आरोप लगाया।

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कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के 100 दिन पूरे होने पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का काम बदनाम करना है। यही इनकी सबसे बड़ी रणनीति है, यही इनका सबसे बड़ा कौशल है …मुझे बदनाम किया और हर रोज ये कांग्रेस पार्टी को बदनाम करते हैं।

उन्होंने कहा, मगर यह कहना कि कांग्रेस पार्टी बिखर गई है, कांग्रेस पार्टी खत्म हो गई है…. यह बिलकुल गलत है। कांग्रेस पार्टी एक विचारधारा है, देश में बहुत जीवंत है, लाखों-करोड़ों लोगों के दिल में है और यही पार्टी है जो भाजपा के खिलाफ लड़ रही है। जो पीछे नहीं हटती है और विचारधारा के साथ लड़ रही है।

उन्होंने कहा, यही पार्टी आने वाले समय में भाजपा को हराकर दिखाएगी। कई नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है जो भाजपा से नहीं लड़ सकते और दबाव के आगे झुक जाते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी से आ सकता है अगला वित्तीय संकट:RBI गवर्नर दास बोले ‘इसकी कोई ठोस वैल्यू नहीं, इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए’

Next financial crisis may come from cryptocurrency

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया है। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा आयोजित बीएफएसआई इनसाइट समिट में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि अगला वित्तीय संकट इन्हीं के चलते आ सकता है।

क्रिप्टोकरेंसीज पर लगे बैन
RBI गवर्नर का कहना है कि इसकी कोई अंडरलाइंग (आधारभूत) वैल्यू नहीं है। इसके अलावा प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हैं। प्राइवेट क्रिप्टो का मतलब है कि इन पर किसी केंद्रीय नियामक का नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्हें बैन (प्रतिबंधित) किया जाना चाहिए।

RBI MPC minutes : ब्याज दरों में बढ़ोतरी का जारी रहेगा सिलसिला! एमपीसी में RBI गवर्नर के रुख का क्या यही है संकेत?

RBI MPC minutes : ब्याज दरों में बढ़ोतरी का जारी रहेगा सिलसिला! एमपीसी में RBI गवर्नर के रुख का क्या यही है संकेत?

RBI MPC minutes : गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि अगर लिक्विडिटी को कम करने की कोशिश के तहत की जा रही रेट हाइक को सही वक्त आने से पहले रोक दिया गया, तो यह काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है. (File Phot)

RBI Governor Shaktikanta Das against pause in rate hikes : भारत में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला क्या आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा? या खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) के कुछ हद तक काबू में आने की वजह से इसमें कोई राहत मिलने वाली है? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की पिछली बातों को भविष्य का संकेत मानें तो रेट हाइक का दौर जल्द थमने के आसार नहीं हैं. आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की दिसंबर के पहले सप्ताह में हुई पिछली बैठक की कार्यवाही (Minutes) बुधवार को जारी हुई है. इससे पता चलता है कि शक्तिकांत दास इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का सिलसिला जल्दी रोके जाने के सख्त खिलाफ हैं. एमपीसी के मिनट्स में दर्ज जानकारी के मुताबिक शक्तिकांत दास का मानना है कि अगर लिक्विडिटी को कम करने की कोशिश के तहत की जा रही रेट हाइक को सही वक्त आने से पहले रोक दिया गया, तो यह काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है.

दिसंबर की बैठक में हुआ था ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला

रिजर्व बैंक की दिसंबर के पहले हफ्ते में हुई एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया गया. लेकिन आरबीआई ने उससे पहले भी चार बार में नीतिगत ब्याज दरों में 190 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया था. इस बढ़ोतरी को सही ठहराते हुए एमपीसी की बैठक में आरबीआई गवर्नर ने कहा, “मेरा मानना है कि मॉनेटरी पॉलिसी एक्शन में वक्त से पहले ठहराव लाना इस वक्त एक बड़ी नीतिगत भूल साबित होगी. अभी भविष्य की स्थिति का काफी अनिश्चय से भरी है. ऐसे में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रोकने की वजह से ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं, जिनमें महंगाई दर का दबाव और बढ़ सकता है और ऐसा होने पर हमें अब से भी ज्यादा कड़े नीतिगत फैसले करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.”

शक्तिकांत दास ने अपनी यह राय एपीसी की 5 से 7 दिसंबर के दौरान हुई बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में 35 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा करने के प्रस्ताव पर वोटिंग के वक्त जाहिर की थी. इसके साथ ही गवर्नर ने यह भी कहा कि दुनिया में भारी अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में मॉनेटरी पॉलिसी का क्या रुझान होगा, इस बारे में खुले तौर पर कोई भी फॉरवर्ड गाइडेंस देना नुकसानदेह हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य पर बाजार ओवर-रिएक्ट कर सकता है, जो ठीक नहीं होगा.

बहुत शानदार नहीं है क्रेडिट ग्रोथ : गवर्नर

इस बीच, आरबीआई गवर्नर ने बुधवार को एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि देश में क्रेडिट ग्रोथ की हालत अभी ऐसी नहीं है कि इसे बेहद शानदार या उत्साहजनक (exuberant) कहा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि डिपॉजिट ग्रोथ और क्रेडिट ग्रोथ के वास्तविक आंकड़ों (absolute numbers) को देखें तो इनमें कोई बड़ा गैप भी फिलहाल देखने को नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि देश में क्रेडिट ग्रोथ अभी काफी स्थिर है, लेकिन यह शानदार कहे जाने लायक तो बिलकुल भी नहीं है. हम स्थिति पर लगातार बारीकी से नज़र रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिपॉजिट ग्रोथ और क्रेडिट ग्रोथ के आंकड़ों में जो भारी अंतर दिखाई देता है, वह सिर्फ बेस इफेक्ट की वजह से है. ऐसा इसलिए क्योंकि क्रेडिट ग्रोथ दो वर्षों की सुस्ती के बाद ऊपर की तरफ बढ़ रही है, जबकि डिपॉजिट ग्रोथ महामारी के दौरान बेहतर स्थिति में थी, जिसके कारण अब वह काफी कम दिख रही है.

भारत-चीन ने लद्दाख सीमा विवाद पर 17वें दौर की सैन्य वार्ता आयोजित की

भारत-चीन ने लद्दाख सीमा विवाद पर 17वें दौर की सैन्य वार्ता आयोजित की

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पिछले दिनों हुई भारत-चीनी सेना के बीच झड़प के बाद दोनों पक्षों ने एक बार फिर उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता से इसे सुलझाने का प्रयास किया है। बुधवार को जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि 17वें दौर की वार्ता चीन की ओर से चुशुल-मोल्डो सीमा पर आयोजित की गई। वार्ता में दोनों पक्ष ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र (पश्चिम क्षेत्र) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से जुड़े मुद्दों के समाधान पर अपने विचारों को रखा।

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