• एक ट्रेडिंग सर्वे के विशिष्ट जनसमूह के मापदंड ने यह दिखाया है कि बहुत से लोग अपने ट्रेडिंग गतिविधियों को लाभकारी परिणाम के साथ ठीक करने में असफल हो जाते हैं।
• सामान्यतः एक रिटेल ट्रेडर अपना ट्रेडिंग खाते को 6 से 12 महीने में भी हवा में उड़ा देता है।
• बहुत से लोग भविष्य की तारीख में आर्थिक प्रतिबद्धता के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक आराम चाहते हैं।
• हर दिन बहुत से ट्रेडिंग संबंधी निर्णय लिए जाते हैं। इन ट्रेडिंग निर्णयों की क्वालिटी में सुधार ही इस ट्रेडिंग व्यवसाय में दीर्घकाल तक जीवित रहने की कुंजी है।
• बहुत से अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने यह साबित किया है कि ट्रेडिंग की समझ में कम स्तर के साथ स्टॉक, भावी सौदे, माल और मुद्रा की कम स्तर की समझ शामिल है।
शिखर × Olymp Trade: सिकंदर बनें
हमें Olymp Trade के आधिकारिक साझेदार — शिखर धवन को आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए खुशी हो रही है, जो एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और भारत के शीर्ष स्कोरर में से एक हैं, वे IPL के इतिहास में एक के बाद दो शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी हैं (क्रिकेट प्रशंसक, आप इस बात को जानते हैं 😉)।
Olymp Trade के लिए, यह केवल विश्व प्रसिद्ध खेल दिग्गज के साथ कारोबारी सहकार्य नहीं है, बल्कि समान विचारधारा वाले आदर्शों पर आधारित एक साझेदारी है और बड़े एवं आशाजनक अवसरों की ओर एक बड़ा कदम है जिसे हमें आपके साथ साझा करते हुए खुशी महसूस हो रही है।
शिखर ही क्यों?
शिखर की ज़िन्दगी की डगर और करियर Olymp Trade की भावना और लक्ष्यों के अनुरूप है। वे क्रिकेट के मैदान को एक युद्ध के मैदान के रूप में देखते हैं, जहां उन्होंने जीत दर जीत हासिल करते हुए, और उनसे पहले स्थापित उपलब्धियों के स्तर को और उंचाईयों पर ले जाते हुए वे पूरी तरह से खेल में लिप्त हो जाते हैं, वे जो कुछ भी करते हैं और करने में रूचि रखते हैं उसे जुनून में बदल देते हैं। वे दुनिया भर के लोगों को खुद पर भरोसा रखने, असफलताओं से ऊपर उठने और अगली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण स्थापित करने के लिए प्रेरित करते हैं।
Olymp Trade का मानना है कि ये गुण एक सफल ट्रेडर की उत्कृष्टता की प्रतिनिधित्व करते हैं, और असाधारण अम्बेसडर की लगातार बढ़ती सूची में शिखर का स्वागत करते हुए हम उत्साहित महसूस कर रहे हैं। हम ट्रेडर को नए कौशल सीखने, प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने, खुद को विकसित करने, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने में प्रयासरत हैं और सफलता की संभावनाओं में वृद्धि करने के लिए यथासंभव संसाधन के साथ लोगो को सुसज्जित कर रहे हैं। जैसा कि शिखर बल्ला उठाते हैं, रन बटोरते हैं और क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों की धड़कन बन जाते हैं, हमारा अभियान भी दुनिया भर के लाखों लोगों को ट्रेडिंग के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना है।
एक अविश्वसनीय अतीत और रोमांचक भविष्य
विश्व प्रसिद्ध पेशेवर क्रिकेटर बनने के लिए शिखर लगातार अभ्यास करते आ रहे हैं और अपने कौशल में महारत हासिल कर रहे हैं। ट्रेडर को नए साधन उपलब्ध कराकर, प्रतियोगिताएं चलाकर और शैक्षिक सामग्री और विश्लेषण उपलब्ध कराके ट्रेडिंग के कौशल में महारत प्राप्त करने के लिए Olymp Trade प्रोत्साहित करता है। हमारे प्लेटफॉर्म से जुड़कर, ट्रेडर को अपने कौशल में सुधार करने और अपनी ट्रेडिंग तकनीकों में महारत हासिल करने के कई अवसर मिलते हैं।
दूसरों से अलग, शिखर जानते हैं कि उनके करियर की सफलता सीधे तौर पर तेज दिमाग और कठिन प्रशिक्षण पर निर्भर है। शिखर ने अपने शिल्प में महारत हासिल करने के लिए अपनी पेशेवर टीम द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं का उपयोग करने में अपना अधिकांश समय व्यतीत किया। ट्रेडिंग में, यही सिद्धांत लागू होता है — आप लगातार सीखते हैं, नए ज्ञान हासिल करते हैं और इसे अपने जीवन में लागू करते हैं, अभ्यास करते हैं, अपने लक्ष तक पहुँचने के लिए इन कौशल का उपयोग करते हैं। और फिर, यही प्रक्रिया की पुनरावृत्ति जारी रहती है।
शिखर और Olymp Trade के साथ सफलता की ओर बढ़ें
महत्वाकांक्षा वह गुण है जो शिखर को अन्य खिलाड़ियों से भिन्न बनाता है। बाधाओं के बावजूद सफलता प्राप्त करना उनका आदर्श है। Olymp Trade महत्वाकांक्षा को प्रोत्साहित करता है और हर हाल में अपने ट्रेडर को सफल होने के कई ट्रेडर असफल हो जाते हैं लिए सशक्त बनाता है।
आपके पास अनुभव नहीं है? एक डेमो खाता आज़माएं और Olymp Trade ब्लॉग पर मुफ्त में उन सभी चीजों से परिचित हो जाएँ, जिन्हें आप जानना चाहते हैं।
आपके पास पर्याप्त बचत नहीं है? शुरुआत करने के लिए न्यूनतम जमा राशि केवल 200 की है। ट्रेडर के पास मैदान में उतरने और अपनी क्षमता को उजागर करने के सभी साधन उपलब्ध हैं।
यह सिर्फ एक शुरुआत है! एक महान क्रिकेटर के गुणों का विश्लेषण करते हुए अपनी भावी ट्रेडिंग की सफलताओं के लिए प्रेरित हो जाएँ। लक्ष्य निर्धारित करें, अनुभव प्राप्त करें और Olymp Trade के साथ ट्रेडिंग में पेशेवर बन जाएँ!
शिक्षा सेक्टर में कैसे ट्रेडिंग युक्तियां उद्योग के रूप में उभर रही हैं, जानें
ट्रेडिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण जीवन कौशल है क्योंकि अन्य कई ट्रेडर असफल हो जाते हैं जीवन कौशलता के साथ इसे शिक्षा प्रतिष्ठानों द्वारा सिखाया जाता है। ट्रेड का निर्णय दोनों पार्ट टाइम या फुल टाइम द्वारा हो सकता है। पार्ट टाइम ट्रेडिंग अतिरिक्त आय का साधन कई ट्रेडर असफल हो जाते हैं है जबकि फुल टाइम ट्रेडिंग प्रोफेशनल बदलाव है।
ट्रेडिंग में अधिकतर रिटेल ट्रेडर पैसे गंवा देते हैं। इसका अंक 90 से 95 प्रतिशत तक होता है जो ट्रेडिंग स्टॉक, फिचर, ऑपरेशन्स और माल में पैसे गंवा देते हैं। वे पैसे बनाने में बहुत सी परेशानियों को झेलते हैं क्योंकि उनके ट्रेडिंग संबंधी निर्णय समाचार, कानों सुनी बातों, टिप्स, और अपनी भावना या सोच आदि पर आधारित होते हैं। ट्रेडिंग बिना किसी जोखिम के मैनेजमेंट या पैसों के मैनेजमेंट, खरीदने या बेचने में बिना किसी निर्णय लेने का मूल्यांकन इसमें शामिल नहीं होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स को अच्छी तरह से समझें
- ऑप्शन क्या होते है?
- ऑप्शन कितने तरह के होते है?
- ऑप्शन कैसे काम करते है?
बिना ऑप्शन के बेसिक्स को समझे आप ऑप्शन ट्रेडर नहीं बन सकते है क्योंकि ऑप्शन बेसिक्स हमारे नींव की तरह काम करते है. जब आप कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो आप केवल यह तय करते हैं कि आपको कितने शेयर चाहिए और आपका ब्रोकर मौजूदा बाजार मूल्य या आपके द्वारा निर्धारित सीमा मूल्य पर ऑर्डर भरता है लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए ज़रूरी होती है सिर्फ एक सही स्ट्रेटेजी की समझे. इसके लिए नीचे आपको समझाया जायेगा कि ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं.
ऑप्शन खरीददार और ऑप्शन सेलर
- ऑप्शन खरीददार :- ऑप्शन खरीददार बहुत कम पैसो के साथ ट्रेडिंग शुरुआत कर सकते है क्योंकि ऑप्शन खरीददार को सिर्फ ऑप्शन प्रीमियम देना होता है लेकिन ऑप्शन खरीददार की लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन सैलर के मुकाबले बहुत कम होती है.
- ऑप्शन सेलर :- ऑप्शन सेलर बनने के लिए आपको अपने अकाउंट में मार्जिन रखना होता है और इसी कारण एक ऑप्शन सेलर को ज़्यादा पैसो की जरुरत होती है. जबसे सेबी ने नया मार्जिन नियम लागू किया है तब से ऑप्शन सेलिंग के लिए मार्जिन की ज़रुरत कई गुना तक बढ़ गई है लेकिन फिर भी एक ऑप्शन सेलर के लाभ कमाने की प्रवृति ऑप्शन खरीददार से ज्यादा होती है. आपने जो भी ऑप्शन ट्रेडिग के केपिटल रखा है उस हिसाब से आप देख सकते है कि आप ऑप्शन खरीददार बनना चाहते है या ऑप्शन सेलर
- कॉल ऑप्शन :- यह एक अनुबंध है जो आपको एक निश्चित समय के अंदर ही एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं.
- पुट ऑप्शन :- एक पुट ऑप्शन आपको अनुबंध समाप्त होने से पहले एक निश्चित कीमत पर शेयर बेचने का अधिकार देता है, लेकिन दायित्व नहीं.
आप किस दिशा में क्या ऑप्शन खरीदेंगे या बेचेंगे?
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत बढ़ेगी: कॉल ऑप्शन खरीदें या पुट ऑप्शन बेचें.
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत स्थिर रहेगी: कॉल ऑप्शन बेचें और पुट ऑप्शन भी बेचें.
अगर आपको लगता है कि स्टॉक की कीमत नीचे जाएगी: पुट ऑप्शन खरीदें या कॉल ऑप्शन बेचें.
एक्स्चेंज द्वारा तय सही स्ट्राइक प्राइस का चयन करें
ऑप्शन में ट्रेडिंग करते समय हमें बहुत सावधानी के साथ स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होता है क्योंकि किसी भी स्टॉक या इंडेक्स की स्ट्राइक प्राइस एक्स्चेंज द्वारा तय की जाती है और एक ऑप्शन ट्रेडर सिर्फ उन्ही स्ट्राइक प्राइस पर ट्रेड कर सकता है जो एक्स्चेंज द्वारा तय की गई है.
उदाहरण के लिए, यदि आप मानते हैं कि किसी कंपनी का शेयर मूल्य वर्तमान में कई ट्रेडर असफल हो जाते हैं ₹2000 पर ट्रेड कर रहा है, और भविष्य की किसी तारीख तक ₹2050 तक बढ़ जाएगा, आप ₹2050 से कम स्ट्राइक मूल्य के साथ एक कॉल ऑप्शन खरीद सकते है. फिर जैसे-जैसे कंपनी का शेयर मूल्य ₹2050 के नजदीक जाता जाएगा, आपका लाभ बढ़ता जायेगा. इसी तरह अगर कंपनी का शेयर मूल्य उस भविष्य की तारीख तक ₹2000 से जैसे-जैसे कम होगा, आपका मुनफा कम होता चला जायेगा लेकिन ऑप्शन खरीदते हुए आपका अधिकतम नुकसान आपने जो प्रीमियम दिया है सिर्फ वही होगा.
ऑप्शन ट्रेडिंग की समय सीमा निर्धारित करें
- ऑप्शन में सबसे अहम रोल एक्सपायरी का होता है. ऑप्शन एक्सपायरी एक तिथि होती है जहां पर ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट एक भविष्य की तारिख पर शून्य हो जाते है. प्रत्येक ऑप्शन की समाप्ति अवधि तक उस भविष्य तारीख के अंतिम दिन तक उस ट्रेड में बने रह सकते है. ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट के लिए तीन एक्सपायरी होती है-
- नियर मंथ (1महीना)
- मिडिल मंथ (2महीना)
- फार मंथ (3 महीना)
- उदाहरण के लिए, अभी निफ्टी 15000 पर ट्रेड कर रहा है और आप निफ्टी में ट्रेड करना चाहते है तो आप साप्ताहिक एक्सपायरी या महीने की एक्सपायरी को लेकर ट्रेड कर सकते है.यदि आपको लगता है निफ्टी इस महीने के अंत तक 15500 तक या उससे ज्यादा तक पहुंच जायेगा, तब 15500 कॉल ऑप्शन महीने की जो आखिरी एक्सपायरी है उस पर खरीदते है.
समाप्ति तिथियां साप्ताहिक से लेकर महीनों तक हो सकती हैं. लेकिन साप्ताहिक ऑप्शन सबसे अधिक जोखिम वाले होते हैं और अनुभवी ऑप्शन ट्रेडर्स ज्यादातर इन्ही में ट्रेड करते हैं.
असफल होना ही है आपकी सफलता की शुरुआत, ये 3 बातें जान लीजिए
ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वो सफल लोगों की सफलता से जुड़ी हुई कहानियों से प्रेरणा लेते हैं और बाकी लोगों को मोटिवेट करने के लिए भी ऐसे ही उदाहरण देते रहते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये जानना बेहद ज़रूरी है कि सफल होने के लिए कई ट्रेडर असफल हो जाते हैं उस व्यक्ति ने कितने असफल प्रयास किए थे। अगर हम असफलता की कहानियों को नहीं जानते तो खुद असफल होना भी हमें हार जाने जैसा लगता है और हम टूट जाते हैं।
सभी लोग हारते हैं लेकिन सफल लोग फिर उठ खड़े होते हैं
बता दें कि अमेरिका के रोनाल्ड रीगन फिल्मों में अभिनेता थे। पहली बार गवर्नर का चुनाव लड़े तो लोगों ने हंसी उड़ाई कि ये क्या राजनीति करेगा. वो बिना सुने अपने कम में लगे रहे और पहली बार में ही जीत गए। दो बार गवर्नर रहने के बाद जब उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का फैसला किया तो पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया। चार साल बाद फिर उन्होंने कोशिश की, फिर भी कामयाबी नहीं मिली। चार साल बाद उन्होंने फिर कोशिश की और सफल हुए और भारी बहुमत से अमेरिका के राष्ट्रपति बने। हमारे यहां भी इस तरह के कई उदाहरण हैं जो कई असफलताओं के बाद सफल हुए। भारतीय फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत में लगातार नौ असफल फिल्में दीं, फिर वे सफल हुए। ऐसे कई उदाहरण हैं। असफलता, सफलता के साथ-साथ चलती है।
असफलता को अप किस तरह से लेते हैं यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि हर असफलता आपको कुछ सिखाती है। असफलता में राह में मिलने वाली सीख को समझकर जो आगे बढ़ता जाता है वह सफलता को पा लेता है। सफलता के लिए जितना जरूरी लक्ष्य और योजना है, उतना ही जरूरी असफलता का सामना करने की ताकत भी। जिस दिन आप तय करते हैं कि आपको सफलता पाना है, उसी दिन से अपने आपको असफलता का सामना करने के लिए तैयार कर लेना चाहिए, क्योंकि असफलता वह कसौटी है जिस पर आपको परखा जाता है कि आप सफलता के योग्य हैं या नहीं। यदि आप में दृढ़ इच्छाशक्ति है और आप हर असफलता की चुनौती का सामना कर आगे बढ़ने में सक्षम हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। तो हो जाइए तैयार सफलता की राह में आने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए, क्योंकि हर सफल व्यक्ति के पीछे उसकी असफलताओं की भी कहानी होती है।
'स्ट्रगल एंड शाइन'
अंग्रेज़ी की एक प्रेरक कहावत है- 'स्ट्रगल एंड शाइन।' यह वाक्य हमें बड़ी शक्ति देता है, जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जीवन में कठिनाईयां तो आती ही हैं और कभी-कभी तो इतने अप्रत्याशित कि संभलने का भी पूरा समय नहीं मिलता। यही तो जीवन की ठोकरें हैं जिन्हें खाकर ही हम संभलना सीख सकते हैं। उनसे बचने की कोशिश तो करना है, पर ठोकर कहते ही उसे हैं जो सावधानी के बाद भी लगती है और आखिर एक नई सीख भी दे जाती है।
कभी-कभी जीवन में मुश्किलें एक के बाद एक या एक साथ भी कई आ जाती हैं और हम अपने आपको उनके जंगल में राह भटके हुए की तरह भ्रमित होते रहते हैं। जब हमें जीवन के कड़वे अनुभव होते हैं या कोई ठोकर लगती है तो उस समय हम हो सकता है कि विचलित हो जाएं, इससे उबरकर सीख भी मिलती है और जीवन में मुश्किलों का सामना करने का साहस भी आता है। फिर हम पाते हैं कि हमारी क्षमता भी बढ़ गई है और जीवन में हम और भी सफलता हासिल कर रहे हैं। तो मुश्किलों से घबराएं, नहीं बल्कि उनका सामना करें। आप पाएंगे कि आपको उन मुश्किलों ने और भी निखार दिया है।
स्टॉक एनालिसिस करने के तीन तरीके-
- फंडामेंटल एनालिसिस
- टेक्निकल एनालिसिस
- क्वालिटेटिव एनालिसिस
Stock Trading या Investment के लिए आप को उपर्युक्त तीनो तरीकों से स्टॉक एनालिसिस करना आना चाहिए। आप चाहें तो तीनों तरीके से Stock A nalysis कर सकते है।
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर चुनने तथा स्टॉक एनालिसिस का कोई स्टैंडर्ड फार्मूला नहीं है क्योंकि जब स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है, तब कोई आदमी शेयर बेच रहा होता है तथा कोई उसी कीमत पर खरीद रहा होता है, तभी ट्रेड होता है। इसका मतलब दोनों की इन्वेस्टमेंट पर राय तथा इन्वेस्टमेंट एनालिसिस करने का तरीका अलग-अलग है। इसलिए Stock Analysis करने का कोई फिक्स-फॉर्मूला नहीं है। आगे स्टॉक एनालिसिस के तरीको के बारे में विस्तार से समझिये।
फंडामेंटल एनालिसिस:
Stock Analysis करते समय फंडामेंटल एनालिसिस के द्वारा शेयर की सही कीमत पता करने की कोशिश की जाती है शेयर की कीमत पता करने के लिए, कम्पनी वर्तमान में जो कारोबार रही है। वह अगले दो, पांच या दस सालों में कितना बढ़ सकता है।
मान लीजिये, आज कम्पनी को 500 करोड़ का प्रॉफिट हो रहा है, तो अगले साल कितना प्रॉफिट हो सकता है। इस तरह हम जितने साल के लिए कम्पनी में इन्वेस्ट करना चाहते है, उतने साल तक का अनुमान Fundamental Analysis में लगाया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में ये भी देखा है कि अगले दो , पांच या दस साल में कंपनी के कैशफ्लो कैसे रह सकते है। कैशफ्लो की आज की तरीख में नेट प्रजेंट वैल्यू निकलने की कोशिश की जाती है। ऐसी आधार पर कम्पनी के प्रत्येक शेयर की प्रजेंट वैल्यु निकली जाती है।
दूसरा तरीका है कि कम्पनी की इंट्रिनसिक वैल्यू क्या है ? यानि की कम्पनी की सभी सम्पत्तियो तथा देनदारियों को निकालकर कम्पनी की नेट वैल्यू निकली जाती है।
कई बार लोग stock Analysis करते समय ये भी देखते है कि कम्पनी की डिविडेंट पॉलिसी क्या है ? यदि कम्पनी साल दर साल अच्छा डिविडेंड दे रही है। इसका मतलब कम्पनी कैश जेनरेशन भी कर रही है तथा Investor friendly भी है। ये सब मुददे स्टॉक एनालिसिस में देखे जाते है। उपर्यक्त सभी तरीको के द्वारा आप यह पता लगा सकते है कि कोई शेयर फंडामेंटली अच्छा है या बेकार।
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टेक्नीकल एनालिसिस:
इसमें शेयर का चार्ट देखकर भविष्य बताने की कोशिश की जाती है। पुराने डेटा के आधार पर अब तक शेयर ने कितना वॉल्यूम किया तथा किस तरह का प्राइस एक्शन शेयर ने किया। शेयर कब कितना ऊपर - नीचे हुआ तथा कितन कितने वॉल्यूम पर हुआ , कितने समय में हुआ।
इस तरह Technical Analysis चार्ट पर पुराने डेटा को देखकर Stock Analysis करके किसी शेयर के भविष्य में होने वाले उतर -चढ़ाव को जानने की कोशिश को कहते है।
बहुत से लोग टेक्निकल एनालिसिस को शेयर का पोस्टमार्टम कहते है, डायग्नोसिस नहीं क्योंकि इसमें पुराने डेटा से भविष्य का अनुमान लगते है। ये भी एक stock analysis का तरीका है इसलिए लोग ऐसा करते है अतः ये गलत नहीं है।
इसमें इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि कम्पनी फंडामेंटल कैसे है, कम्पनी अच्छी है या बुरी क्योंकि इसमें सिर्फ price और volume एक्शन देखा जाता है technical analysis उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रेडर हैं, intraday या short term trade करते है।
टेक्निकल एनालिसिस उन लोगो के लिए भी अच्छा है ,जो किसी शेयर में लम्बे समय तक निवेशित रहना चाहते है ,वो चार्ट के आधार पर उस लेवल का पता लगा सकते है जिस पर शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है इन्वेस्टर के लिए टेक्निकल एनालिसिस के द्वारा किसी शेयर में एंट्री तथा एग्जिट के थोड़े संकेत मिलते है।ट्रेडर के लिए technical analysis सीखना आवश्यक है क्योंकि ट्रेडर को ट्रेड करने से पहले ही तय करना होता है, कि शेयर किस कीमत पर खरीदना तथा बेचना है। इसके लिए ट्रेडर को चार्ट पढ़ना आना चाहिए ,ये बात भी सही है कि जिन लोगों को चार्ट पढ़ना आता है वो शेयर बाजार में काफी पैसे कमाते है।
टेक्निकल एनालिसिस में stop loss लगाना बहुत जरूरी होता है। कई बार यह ट्रिगर भी हो जाता है ,स्टॉप लॉस ट्रेडर को बड़े नुकसान से बचता है।इसमें एक बात साफ होती है कि आपको शेयर एक निश्चित कीमत पर खरीदना होता है तथा निश्चित टार्गेट के लिए खरीदना होता है, आप टार्गेट को revise कर सकते है टार्गेट के साथ-साथ स्टॉप लॉस को भी रीवाइज करना चाहिए।
क़्वालीटेटिव एनालिसिस:
Stock analysis करने का तीसरा तरीका qualitative analysis है इसमें ये देखा जाता है कि जो लोग चला रहे हैं ( कम्पनी के प्रमोटर) उनका बैकग्राउंड कैसा है ? मान लेते हैं कि टाटा, अंबानी, वाडिया ये लोग बिज़नेस चला रहे है इन लोगों ने बड़ा एम्पायर खड़ा किया है।
आपको ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इनका कम्पनी खड़ी करने का पुराना रिकॉर्ड कैसा है ? गवर्नेंस तथा लेन -देन को लेकर कम्पनी के मेनेजमेंट का रिकॉर्ड कैसा है ? कोई गलत काम तो नहीं किये। मेनेजमैंट के खिलाफ रेगुलेटर के कोई एक्शन तो नहीं हुए।
यह भी जरूर जानना चाहिए कि कम्पनी का बिज़नेस मॉडल कैसा है ? क्या उसमें कुछ बेरियर ? कॉम्पिटिशन कितना आ सकता है ? उस बिज़नेस में रेवेन्यू विसिबिल्टी कैसी रह सकती है ? ये भी देखना चाहिए कि इसकी इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर रही है क्योंकि यदि इसकी इंडस्ट्री में ही ग्रोथ नहीं होगी, तो ये कम्पनी भी कहाँ ग्रोथ कर पायेगी ? ये कुछ फैक्टर है जिनसे qualitative analysis किया जाता है।
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