विभेदीकरण रणनीति का क्या अर्थ है?

विभेदीकरण रणनीति का क्या अर्थ है?: एक विभेदीकरण रणनीति एक व्यापक बाजार तक पहुंचने के लिए प्रतिस्पर्धा की तुलना में विशिष्ट विशेषताओं वाले उत्पाद या सेवा प्रदान करने पर केंद्रित है। दूसरे शब्दों में, इसका अर्थ उत्पाद या सेवा को समान से अलग करना है।

विभेदीकरण रणनीति का क्या अर्थ है?

कम लागत वाली प्रदाता रणनीति और फोकस रणनीति के साथ, भेदभाव रणनीति तीन मुख्य विपणन रणनीतियों में से एक है। यह विशेष रणनीति ग्राहक को समझने के लिए बाजार अनुसंधान डेटा पर केंद्रित है और यह भी पहचानने के लिए कि बाजार की अपेक्षा को पूरा करने के लिए मौजूदा प्रतियोगी क्या कर रहे हैं।

इन दो दृष्टिकोणों का विश्लेषण करके कंपनी एक विभेदित उत्पाद या सेवा विकसित कर सकती है जिसमें ग्राहक की अपेक्षाएं और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ दोनों शामिल हैं जो वर्तमान में अपने प्रतिस्पर्धियों की पेशकश से अधिक है। इस भेदभाव का उद्देश्य पूरे बाजार को पूरा करना है न कि किसी विशेष खंड को। इसका मतलब यह है कि भेदभाव आम तौर पर एक उच्च लागत वाली रणनीति है क्योंकि एक अलग गुणवत्ता प्रदान करने से कंपनी को उच्च अनुसंधान और विकास लागतों का सामना करना पड़ सकता है और उत्पाद या सेवा में शामिल नए तत्व उत्पादन की अंतिम लागत में वृद्धि कर सकते हैं।

दूसरी ओर, अलग-अलग फोकस के लिए एक रणनीति भी है, इस रणनीति में विशिष्ट विशेषताओं के साथ उत्पाद या सेवा प्रदान करने का एक ही लक्ष्य है लेकिन यह एक विशेष बाजार खंड पर केंद्रित है।

उदाहरण

अनब्रेकेबल सॉल्यूशंस कंपनी एक कंपनी है जो स्मार्ट फोन के लिए स्क्रीन प्रोटेक्टर बनाती है। व्यवसाय शुरू होने के बाद से संस्थापक बाजार को एक अटूट स्क्रीन रक्षक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे। वर्तमान में, प्रतियोगी केवल पारदर्शी और छाया स्क्रीन रक्षक प्रदान करते हैं।

लेकिन ग्राहक हमेशा शिकायत करते हैं कि उनके स्मार्ट फोन की स्क्रीन नीचे गिरने पर टूट जाती है और अनब्रेकेबल सॉल्यूशंस इस विशेष मुद्दे का एक अनूठा समाधान प्रदान करके अपने प्रतिस्पर्धियों से खुद को अलग करने की कोशिश कर रहा है। वे स्क्रीन प्रोटेक्टर के बाजार को लक्षित कर रहे हैं लेकिन एक अलग दृष्टिकोण का उपयोग करके वे मौजूदा जरूरतों के लिए एक उन्नत समाधान पेश करके खुद को अलग कर रहे हैं।

संचालन रणनीति भाग २ (Operational Strategy-2)

संचालन रणनीति

जैसे की हमने हमारे पहले आर्टिकल मे जाना की संचालन रणनीति आखिर होता क्या है? संचालन रणनीति (Operational Strategy) संगठन (Organizations) के सभी घटकों या फिर कहे विभागों के (Functions) कार्यों को पूरा करने के लिए रचना (Framework) प्रदान करता है | आसान भाषा मे समझे तो संचालन रणनीति (Operational Strategy) उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की क्षमता प्रदान करती है| मजबूत संचालन रणनीति का इस्तेमाल नहीं करने से बहुत सी छोटी बड़ी कंपनियां आज मार्केट में रहने के लिए संघर्ष कर रहे है| इस आर्टिकल में हम जानेंगे की संचालन रणनीति कैसे बनाते हैं और रणनीति तैयार करते समय किन बातों पर विचार करने की जरूरत है|

कोई भी संचालन रणनीति बनाने से पहले मार्केट रिसर्च कर मार्केट की दिशा और इसकी गतिशीलता को समझना जरूरी है और यह भी जरूरी है की हम कहा पर है ? क्या कर रहे ? मार्केट रिसर्च के वजह से हमे मार्केट और प्रतियोगी के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है जैसे की प्रतियोगिता की तीव्रता, प्रतियोगितायों के अनोखे स्टाईल के बारे मे जो ग्राहक को उनके साथ बांधे रखता हैं, और वे कैसे बेहतर सामान और सेवाएं प्रदान कर रहा है| तो आप उनसे कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और इनसे अलग हम क्या नया कर सकते है| और ग्राहकों की अपेक्षाएं, अपेक्षा और हमारी अभी के अॉफर के बीच छुटनेवाली (Missing) लिंक के बारे मे जानकारी मिलती है | साथ ही अपनी कंपनी की ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों का विश्लेषण करें। आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) में सुधार करें ताकि लोगों का आप पर विश्वास बना रहे| अपने संचालन प्रयासों को मापने और अनुकूलित करने के लिए मजबूत एनालिटिक्स टीम विकसित करें| संचालन रणनीति बाजार की गतिशीलता और कई मुद्दों की ओर संगठनों (Organizations) को निर्देशित करती रहती है तो इस पर विचार करना चाहिए| समग्र व्यावसायिक रणनीति योजना का अध्ययन करें, ये बिजनेस प्लान के साथ मेल खाना चाहिए। कभी जरूरत पढने पर समग्र व्यापार योजना के रूप में शामिल हो सकती है।

ये वो तत्व है जो एक साथ संचालन रणनीति के लिए एक रूपरेखा (Framework) प्रदान करते हैं, जैसा कि परिवर्तन सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम द्वारा कहा गया है|

हम पहले तो व्यापार / कॉर्पोरेट रणनीति के साथ शुरू करते हैं, उद्देश्यों को पूरा करना के लिए जैसे की निवेश पर वापसी (Return on investment ), लाभ (Profit) और बढ़ोतरी (Growth)|

इसके बाद हम मार्केटिंग रणनीति की ओर बढ़ते हैं, जहां हम ग्राहक खंडों (Customer Segment), मानकीकरण (Standardization) बनाम अनुकूलन (Customization), नवाचार स्तर (Innovation Level) और लीडर -बनाम- फॉलोवर विकल्पों जैसे तत्वों पर विचार करते हैं।

इसके बाद गुणवत्ता (quality), मूल्य (price), वितरण की गति (delivery speed), डिजाइन और बिक्री के बाद समर्थन जैसे ऑर्डर-विजेता मानदंड (order-winning criteria) आते हैं।

और अंतिम में संचालन / विनिर्माण (manufacturing) रणनीति शामिल है, जिसमें संरचना के विकल्प (जैसे सुविधाएं और प्रक्रिया) और बुनियादी ढाँचे (जैसे योजना / नियंत्रण प्रणाली और कार्य संगठन) शामिल हैं। उस रणनीति में उत्पाद / प्रक्रिया डिजाइन, इन्वेंट्री, गुणवत्ता प्रबंधन, मानव संसाधन और नौकरी डिजाइन और रखरखाव के तत्व भरे हुए हैं।

यह वह प्राथमिकताओं का मुकाबला है जिसके ध्यान मे रखना चाहिए|

लागत (Cost) : यह ऑपरेशन रणनीति है जो कम कीमत पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखती हैं| यानी अगर आप शुरूआत में उत्पादन की किंमत कम रखे तो आपको फायदा (Profit) ही होगा|

गुणवत्ता (Quality) : उच्च गुणवत्ता व सुसंगत गुणवत्ता पर प्रतिस्पर्धा करने सेकंड की रणनीतियों के लाभ की क्षमता होती है|

समय (Time) : तेजी से वितरण, डिलिवरी की गति, समय पर डिलिवरी और डिलिवरी मे विकास प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता प्रदान करता है|

निर्भरता (Dependability) : विश्वसनीय वितरण पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखती है|

लचीलापन (Flexibility) : नए उत्पादों या सेवाओं, विस्तृत चयन और समय के साथ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता| साथ ही अनुकूलन, विविधता, मात्रा लचीलापन होना जरूरी है|

बाजार में मौजूद रहने के लिए, आपके पास व्यापार में स्वीकार्य गुणवत्ता, मूल्य, प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता होनी चाहिए। वास्तव में बाजार में अधिक ऑर्डर के लिए, थोड़े बदलाव की जरूरत पढ़े तो बदलाव जरूर करे क्योंकि आपको गुणवत्ता, मूल्य, वितरण की गति, वितरण की स्थिरता और विश्वसनीयता जीतने की आवश्यकता है।

इन उत्पादन प्राथमिकताओं को ध्यान मे रखते हुए योजना लिखे इसके साथ ही वर्तमान और भविष्य मैं ग्राहकों की प्राथमिकताओं के बारे में भी सोचना चाहिए| अब टेक्नोलॉजी इस्तेमाल ज्यादा बढ गया है तो जो कुछ भी आपका प्लान होगा इसमे टेक्नोलॉजी को लेकर ही होना चाहिए| यह दीर्घकालिक संचालन (long-term operations) के सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।

Smart sheet के आर्टिकल मे क्रिस्टियन रेनेला का हवाला दिया गया है की, “जब एक रणनीतिक ऑपरेशन योजना लिखी जाती है, तो मेरा सुझाव है कि इसे पूरी तरह से न लिखें। केवल प्रारंभिक बिंदुओं (points) को लिखना उचित है। फिर, बाजार की जरूरतों के अनुसार इसे पूरा करने के लिए योगदान करें | एक और दिलचस्प बात लचीलापन के बारे में है। हमेशा नए संशोधनों के लिए खुले रहें, न केवल लेखन के क्षण में, बल्कि एक बार जब आप योजना को लागू कर लेते हैं।”

ज्ञान की नींव मजबूत करें और खुद को विकसित करें।”

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पठन कौशल, पढ़ने की आदत, रीडिंग स्किल, रीडिंग हैबिट, रीडिंग रिसर्च,

एक सरकारी स्कूल में एनसीईआरटी की रीडिंग सेल द्वारा छापी गयी किताबें पढ़ते बच्चे।

रीडिंग रिसर्च की दुनिया में स्वतंत्र पठन शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। स्वतंत्र पठन का अर्थ है, “बच्चे जब खुद से अपने पसंद की किताबों (कहानियां, पत्रिकाएं इत्यादि) का चुनाव करते हैं। किसी की मदद के बग़ैर आनंद के साथ पढ़ते हैं। अपने पठन कौशलों का सफलता के साथ इस्तेमाल करते हैं, तो उसे स्वतंत्र सेकंड की रणनीतियों के लाभ पठन कहते हैं।”

स्वतंत्र पठन में सबसे ख़ास बात है चुनाव की स्वतंत्रता। बच्चे अपने स्तर के अनुरूप किताब का चुनाव खुद करते हैं। अपनी पसंद की किताब को पढ़ने के दौरान हम अपने पठन कौशल के दायरों को कब तोड़ने लगते हैं, हमें खुद अंदाजा नहीं होता। उदाहरण के लिए हममें से कई लोगों ने अपने दौर में कॉमिक्स पढ़ी होगी।

इसे लोगों से छुपाकर पढ़ना पड़ता था। कभी किताबों के बीच रखकर पढ़नी पड़ती थी। इस तरह से होने वाली पढ़ाई का फायदा यह हुआ कि हिंदी अच्छी हो गई। हिंदी की किताबों को समझ के साथ पढ़ना संभव हो सकता। इसीलिए यह बात बार-बार कही जाती है कि बच्चों को अपनी पसंद की किताबें चुनने और पढ़ने का मौका मिलना चाहिए।

रणनीतियों का उपयोग

दूसरी ग़ौर करने वाली बात है पढ़ने की रणनीतियों का उपयोग। जो बच्चा पढ़ना जानता है वह अपनी डिकोडिंग स्किल का इस्तेमाल करता है ताकि यह जान सके कि किसी लिखित सामग्री में कौन सी चीज़ पढ़नी है। इससे उसे किसी शब्द का अर्थ न आने वाली स्थिति में भी पैराग्राफ को पढ़कर समझने में मदद मिलती है। क्योंकि बच्चा अनुमान लगा पाता है कि उस शब्द के मायने पैराग्राफ के संदर्भ में क्या हो सकते हैं। पढ़ने के दौरान बच्चे डिकोडिंग के साथ-साथ समझने की रणनीतियों का इस्तेमाल भी करते हैं। इसमें बच्चे जिस सामग्री को पढ़ रहे होते हैं, उसके बारे में सोचते हैं। उससे मिलने वाली जानकारी को अपने पूर्व-अनुभवों से जोड़ते हैं। उस पर सवाल खड़ा करते हैं और अपनी राय बनाते हैं।

इन पंक्तियों को पढ़ते समय हमारे मन में यह सवाल आ रहा होगा कि बच्चे इन कौशलों को कब सीखते हैं? शिक्षक जब बच्चों के सामने पढ़ते हैं। दो बच्चों को एक साथ बैठकर किसी किताब को पढ़ने का अवसर देते हैं। या फिर बच्चों के साथ-साथ किसी किताब को पढ़ते हैं। इस दौरान बच्चों में उपरोक्त कौशलों (डिकोडिंग व समझने) का विकास हो रहा है। इसीलिए पुस्तकालय के कालांश में पठन की रोचक गतिविधियां (मुखर वाचन, सह-पठन, जोड़ों में पठन) करवाने की बात होती है।

शिक्षक की भूमिका

आखिर में सबसे महत्वपूर्ण सवाल पर लौटते हैं कि स्वतंत्र पठन की गतिविधि के दौरान शिक्षक की क्या भूमिका होगी? बच्चे तो पसंद की किताबें ले रहे हैं। पढ़ रहे हैं। तो फिर पुस्तकालय कालांश में शिक्षक की क्या जरूरत है? इसका जवाब है कि पुस्तकालय कालांश में शिक्षक की मौजूदगी जरूरी है ताकि वे बच्चों को पढ़ते हुए सुनें। यह देख सकें कि बच्चे डिकोडिंग और समझने की रणनीतियों का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं। बच्चों को सपोर्ट करने के लिए उनसे कुछ सवाल पूछे जा सकते हैं। उस किताब के बारे में बताने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है जो उन्होंने पढ़ी है।

स्वतंत्र पठन से बच्चे में धारा-प्रवाह ढंग से पढ़ने और समझने का कौशल विकसित होता है। इसके साथ ही बच्चे का शब्द भण्डार व्यापक होता है। वह लिखित सामग्री को पढ़ने में एक सहजता हासिल करता है। स्वतंत्र रूप से पढ़ने की आदत के साथ उन्नत होने वाला पठन कौशल बच्चे को स्वतंत्र पाठक बनने की दिशा ले जाता है, जो अर्ली लिट्रेसी के विभिन्न कार्यक्रमों का अंतिम लक्ष्य भी है।

इवेंट प्ले: यूएस मुद्रास्फीति डेटा से लाभ के लिए 3 निफ्टी रणनीतियां!

भारत द्वारा अगस्त 2022 में मुद्रास्फीति में 7% से सितंबर 2022 में 7.41% तक उछाल की सूचना के बाद, अमेरिका अब अपना सीपीआई डेटा आज जारी करेगा। यूएस फेड पहले ही लगातार तीन बैठकों के लिए 75 बीपीएस रेट हाइक के साथ जा चुका है, जिसका परिणाम यूएस सीपीआई नंबरों में दिखना शुरू हो गया है क्योंकि यह 9.1% से गिरकर 8.5% हो गया है। 8.3% (क्रमशः जून 2022 से जुलाई 2022 से अगस्त 2022 तक)।

अगला सीपीआई डेटा भी निचले स्तर पर होने की उम्मीद है, जो यूएस फेड के रेट हाइक प्रक्षेपवक्र में टोन सेट करेगा। अगर बाजार को आगामी सीपीआई डेटा पसंद आता है, तो यह अमेरिकी बाजारों में एक अच्छी रिकवरी को बढ़ावा दे सकता है, जिसका असर निफ्टी 50 पर भी देखने को मिलेगा। हालांकि, यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह महत्वपूर्ण सेकंड की रणनीतियों के लाभ डेटा है और अगर यह निवेशकों को प्रभावित करने में विफल रहता है, तो तेजी की स्थिति भी पीछे हट सकती है।

यहां निफ्टी 50 विकल्पों में कुछ रणनीतियां दी गई हैं, जो आज के सीपीआई आंकड़ों के बीच अमेरिकी बाजारों में तेजी से कारोबार कर रहे हैं। नीचे उल्लिखित सभी प्रीमियम, स्ट्राइक मूल्य और ओआई 20 अक्टूबर 2022 की समाप्ति के हैं।

लेखन रखो

नेकेड पुट राइटिंग सबसे जोखिम भरा विकल्प रणनीतियों में से एक है इसलिए यह हर ट्रेडर के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। 16,800 ज़ोन पिछले कई सत्रों से एक आकर्षण की तरह काम कर रहा है और इसलिए, 16,800 या उससे कम तक की स्ट्राइक कीमतों में OI बिल्डअप देखने को मिला है। जाहिर है, ओआई बहुत अधिक नहीं है क्योंकि वर्तमान साप्ताहिक समाप्ति अभी समाप्त हुई है, और 16,800 से ऊपर के स्ट्राइक का ओआई अधिक है, लेकिन एक बात स्पष्ट है, 16,800 स्ट्राइक के ऊपर राइटिंग ऑप्शन केवल स्थिति को जोखिम भरा बना देगा, अगर हेज नहीं किया गया। वर्तमान में, 16,800 पीई लगभग 100 रुपये पर कारोबार कर रहा है, 13.8K शेयरों के ओआई के साथ, सुबह 9:46 बजे तक।

पुट क्रेडिट स्प्रेड

पुट क्रेडिट स्प्रेड नग्न पुट ऑप्शन राइटिंग का एक रूप है, लेकिन हेज के साथ, इसलिए इसे अधिकांश व्यापारियों के लिए अधिक उपयुक्त बनाता है। तो अभ्यास यह है कि, व्यापारी INR 100 पर 16,800 PE पर कम और लगभग INR 75 के लिए 16,700 PE पर लंबे समय तक जाना चाहते हैं, INR 25 का क्रेडिट देते हुए। यह रणनीति INR के कैप्ड जोखिम के साथ INR 25 प्रति लॉट का अधिकतम लाभ देती है। 75 प्रति लॉट। चूंकि यह एक बचाव की रणनीति है, व्यापारियों को एक बड़ा मार्जिन लाभ मिलता है, इसलिए कई लॉट को तैनात करना आसान होता है।

बुल रेशियो स्प्रेड

कल से निफ्टी पर बेहद बुलिश ट्रेडर्स की नजर बुल रेशियो स्प्रेड पर भी है। 17,050 सीई 180 रुपये पर कारोबार कर रहा है, जिसे वे लंबे समय तक चलने और लागत को कम करने के लिए देखेंगे, 17,450 सीई (2x) पर INR 90 (45 * 2) के प्रीमियम के लिए कम व्यापार है। यह 17,050 सीई के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को घटाकर केवल INR 90 कर देता है। डाउनसाइड जोखिम INR 90 तक सीमित है, जबकि उल्टा जोखिम 17,450 के बाद शुरू होता है और असीमित होगा।

कब बाहर निकलना है? एक सामान्य नियम के रूप में, ट्रेडर्स आमतौर पर इवेंट के बाद अपनी पोजीशन को बंद कर देते हैं, भले ही P&L कुछ भी हो। हालाँकि, यह एक कठिन और तेज़ नियम नहीं है और जब तक व्यापारियों के पास योजना है, तब तक स्थिति पर बने रहना भी ठीक है।

अस्वीकरण: यह लेख किसी भी सुरक्षा को खरीदने / बेचने / रखने की सिफारिश नहीं है। मेरे पोर्टफोलियो में निफ्टी ऑप्शंस हैं।

ग्राहकों से अपेक्षित लाभ किसका अनुमान लगाने का एक उपाय है?

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The Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited (सेकंड की रणनीतियों के लाभ DFCCIL) has rescheduled the dates of Document Verification for the Advt. No. 04/2021. The candidates whose names were on the waiting list will have their DV on the 7th of November 2022. Candidates who will get a successful selection under the DFCCIL Executive Recruitment process will get a salary range between Rs. 30,000 to Rs. 120000. With Diploma or BE/B.Tech as a basic DFCCIL Executive Eligibility Criteria, this is a golden opportunity for job seekers.

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