पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा – कैपिटल मार्केट एंड फाइनेंशियल सर्विसेज

if you are 12th, then you can become a broker in the stock market, you will earn a lot

Stock Broker कैसे बने और स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है |Stock Broker Kaise Bane

Stock Broker Kaise Bane in India : Share Market Broker शेयर मार्केट, शेयर, स्टॉक एक्सचेंज,Stock Broker, सेंसेक्स, निफ़्टी BSE,NSE यह सभी टर्म्स आपको कभी ना कभी सुनने को जरूर मिला होगा हो वैसे यह सभी टॉम स्टॉक मार्केट में निवेश करते वक्त या कम टाइम में शेयर बाजार से पैसे कमाने वक्त बताता है

बहुत से लोगों की इच्छा होती है कि हम कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाए हम एक बार पैसा लगा दे और हमें समय-समय पर अच्छे रिटर्न मिलते रहे तो ऐसे व्यक्ति के लिए शेयर मार्केट सबसे अच्छा रास्ता है तो आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे कि Stock broker Kaise Bane (How to Become a Stock Broker in india), स्टॉक ब्रोकर का क्या काम होता है, शेयर मार्केट ब्रोकर कैसे बने, ब्रोकर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए

शेयर मार्केट क्या है? (What ब्रोकर कैसे बनते हैं is Share Market in Hindi)

Share Market दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शेयर और दूसरा मार्केट जिस में शेयर का मतलब एक दूसरे के साथ किसी प्रोडक्ट को इधर से उधर करना तथा मार्केट का मतलब जहां पर खरीदने ब्रोकर कैसे बनते हैं के लिए तथा बेचने के लिए वह प्रोडक्ट AVILABLE हो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं अगर सामान्य शब्दों में कहूं तो जहां हम किसी किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते है और उस शेयर को सही समय आने पर बेच देते है शेयर मार्केट (Share Market) कहलाता हैं.

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में हम किसी कंपनी के शेयर डायरेक्ट नहीं खरीद सकते हैं उसके लिए हमें किसी कंपनी या Individual Person की जरूरत होती है तो वह कंपनी Individual Person जो हमारे आर्डर को मार्केट में पहुंचाता है उसे हम स्टॉक ब्रोकर कहते हैं तो स्टॉक ब्रोकर कैसे बनते हैं ब्रोकर को Individual Person भी हो सकता जो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो अर्थात भारत के दो सबसे बडे़ स्टाॅक एक्सचेंज NSE, BSE में

स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है

शेयर मार्केट में जब हम अपना पहला कदम रखते हैं तो हमें Demat Account और Trading Account की जरूरत पड़ती है जो कि एक स्टॉक ब्रोकर का ही काम होता है और जब हम किसी कंपनी के Stock को buy करते हैं या Sell करते हैं तो स्टॉक एक्सचेंज NSE, BSE तक पहुंचाने का काम स्टॉक ब्रोकर का ही होता है. (अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो नीचे के लिए से पहले अपना फ्री में डीमैट खाता खोले

शेयर मार्केट में दो तरह के स्टॉक ब्रोकर काम करते हैं।

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Sock Broker) : जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा है फुल सर्विस यानी कि वह सारी सर्विस जो स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए जरूरत है जैसे कि Stock Academy यानी कौन सा शेयर खरीदना और कौन सा शेयर बेचना Merging, मोबाइल फोन से ट्रेडिंग की सुविधा, आईपीओ की सुविधा इसके अलावा 24 * 7 कस्टमर सपोर्ट और कई ब्रोकर के तो बहुत से ब्रांच तो शहरों में होते है. भारत में कुछ पोपुलर स्टॉक ब्रोकर है जिसमे आप अपना डीमैट खाता खोल सकते है.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता

Stock broker बनने के लिए सबसे पहले आपके पास धैर्य होना चाहिए और Risk का सामना करना आना चाहिए स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए Academic Qualification के साथ-साथ अच्छी Analysis, बुद्धि और रिसर्च Skill मजबूत होना चाहिए और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग rules जरूर और process की जानकरीअच्छा तरीके से पता होना चाहिए

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको मार्केट में क्या कुछ नया चल रहा है मार्केट कैसा परफॉर्म कर रहा है इन सभी बातों से Update रखना होगा स्टॉक ब्रोकर के फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए आपको कंप्यूटर स्किल के साथ-साथ Decision Making टीम वर्क रिसर्च ,एनर्लिटिक्स की जानकारी भी होनी चाहिए

क्या क्या दस्तावेज चाहिए

जब आप और आपके ब्रोकर की योग्यता मिल जाती हैं तो आपको कुछ दस्तावेज जुटाना होगा। इनमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रूफ (जैसे कुछ ब्रोकर 10 + ब्रोकर कैसे बनते हैं 2 की शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करते हैं) जैसे कुछ आईडी और दस्तावेज देने होंगे। इसके अलावा, आपके निवास और आपके कार्यालय के पते का प्रमाण तस्वीरों के साथ और सीए के रेफरेंस लेटर की आवश्यकता होगी। जांच लें कि क्या इसके अलावा भी कुछ आवश्यक है।

बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें

आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फी स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।

आवश्यकताओं को जांच लें

सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक ब्रोकर कैसे बनते हैं सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है

बुनियादी जानकारी दें

शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म से कॉलबैक (Call back) का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Job or Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर (Broker) दोनों एक-सा सोच रहे हैं।

Education Qualification for Stock Broker

भारत में स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स ने प्रेफरेबली कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, बिजनेस मैनेजमेंट या मैथ्स विषय में अपनी 12वीं क्लास किसी किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड पास की है। वहीं सब-ब्रोकर का काम शुरू करने के लिए कैंडिडेट्स की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए। स्टूडेंट्स 12वीं क्लास पास करने के बाद नीचे दिए गए बैचलर डिग्री कोर्सेज/ सर्टिफिकेट कोर्सेज कर सकते हैं।

बीए/ बीकॉम – फाइनेंस/ एकाउंटिंग/ इकोनॉमिक्स/ बिजनेस मैनेजमेंट/ मैथ्स

बीएससी – मैथ्स/ इकोनॉमिक्स

NSE सर्टिफिकेट – फाइनेंशिल मार्केट्स

NSE सर्टिफिकेट – मार्केट प्रोफेशनल

वहीं अगर आप ग्रेजुएट हैं तो आप नीचे दिए गए मास्टर डिग्री कोर्सेज या पीजी डिप्लोमा कोर्सेज कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर शुरू कर सकते ब्रोकर कैसे बनते हैं हैं।

Top Institute in India to Become Stock Broker

इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली

इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट डेवलपमेंट, नई दिल्ली

दी ओरियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, नई दिल्ली

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई

इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, मुंबई

दी यूटीआई इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैपिटल मार्केट, मुंबई

इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ़ इंडिया, हैदराबाद

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद/ कलकत्ता, बैंगलोर/ लखनऊ

Salary and perks of Stock Broker

अन्य पेशे की तरह स्टॉक ब्रोकर में सैलरी पैकेज उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, परफॉरमेंस और वर्क एक्सपीरियंस पर निर्भर करती है। शुरू में ये पेशेवर एवरेज 2 -3 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं लेकिन कुछ सालों के अनुभव के बाद स्टॉक ब्रोकर एवरेज 5 -7 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं।

स्टॉक ब्रोकर को उसकी परफॉरमेंस के मुताबिक अक्सर इंसेंटिव भी दिया जाता है। बता दें कि किसी इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर स्टॉक ब्रोकर शुरू में एवरेज 12 लाख रुपये सालाना तक कमा लेते हैं। वहीं कुछ साल के अनुभव के बाद ये इन्वेस्टमेंट बैंकर्स एवरेज 30 लाख रुपये सालाना कमा लेते हैं।

शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर! अब फिक्स्ड रेट से ज्यादा ब्रोकरेज नहीं लेंगे ब्रोकर, एक्सचेंज ने जारी ब्रोकर कैसे बनते हैं किया नया नियम

ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.

31 दिसंबर तक ब्रोकर्स को सर्कुलर पर अमल करना होगा. (File Photo)

Transparency in Brokerage Plan: ऑनलाइन शेयरों के सौदे करते समय अब और ज्यादा ट्रांसपैरेंसी आएगी. ब्रोकर्स (Brokers) को सौदा डालने के पहले ही साफ बताना होगा कि सौदे की रकम के अलावा उस पर कितना ब्रोकरेज है. कितना टैक्स और कितना रेगुलेटरी चार्ज है. ये नियम ब्रोकर्स को 31 दिसंबर तक लागू करना होगा.

तय रेट से ज्यादा न लें ब्रोकर कैसे बनते हैं ब्रोकरेज

निवेशकों ने शिकायत की थी कि कई बार ब्रोकर उनसे पहले से तय रकम से ज्यादा ब्रोकरेज वसूलते हैं. एक्सचेंजेज ने इस मामले पर सर्कुलर जारी कर कहा है कि ब्रोकरेज तय रेट से अधिक रेट न लें. अभी ऑनलाइन सौदा डालते समय शेयर खरीद की ही रकम दिखती है. ब्रेक अप नहीं दिखता. हालांकि बाद में कॉन्ट्रैक्ट नोट में शेयर खरीद की रकम के साथ बाकी सारे चार्जेज का ब्यौरा मिलता है, लेकिन सौदा डालते समय एकमुश्त रकम ही दिखती है.

इस मामले पर एक्सचेंजेज ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) से सलाह के बाद ये निर्देश जारी किया है कि ब्रोकरेज और अन्य खर्चों को सौदा डालने से पहले ही प्रमुखता से निवेशकों को बताया जाए.

ब्रोकरेज निवेशकों की जरूरत के मुताबिक ब्रोकरेज ब्रोकर कैसे बनते हैं के अलग-अलग प्लान लेकर आते हैं. ये प्लान दोनों पक्षों की सहमति से होते हैं. कई बार निवेशकों को शेयर खरीद का औसत भाव काफी महंगा लगने लगता है. क्योंकि सौदा डालते समय जो भाव होता है वो केवल शेयरों का ही दिखता है. बाद में ब्रोकरेज और बाकी खर्चे जुड़ते हैं. फिर निवेशकों की शिकायत होती है कि उनसे ज्यादा रकम वसूली गई.

आसानी से स्टॉक मार्केट सीखे

Niftyfriend.com भारतीय शेयर बाजार के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भारतीय व्यापारियों / एनआरआई के लिए एक “नि: शुल्क सीखने वाला निवेश पोर्टल है। हम पहले “स्टॉक ब्रोकर” के लिए निवेश यात्रा और चयन शुरू करने में मददगार हैं। हमारी समीक्षाओं से स्टॉक ब्रोकर, सेवाओं और शुल्क जैसे ब्रोकरेज शुल्क और डीमैट शुल्क के बारे में ज्ञान बढ़ता है। तुलना करें और अपने लिए सही स्टॉक ब्रोकर चुनें। ब्रोकरेज शुल्क, लेनदेन शुल्क, और अन्य शुल्क जैसे और अन्य छिपे हुए शुल्क (जैसे डीपी शुल्क, कॉल और व्यापार शुल्क, फंड ट्रांसफर शुल्क) के बारे में अधिक जानकारी पढ़ें।

निवेशकों को ब्रोकर के बारे में पारदर्शी जानकारी प्रदान करने और व्यापारियों को व्यापार शुरू करने से पहले बेहतर मार्गदर्शन करने का हमारा मूल आदर्श वाक्य या मौजूदा व्यापारी अपना सर्वश्रेष्ठ उपयुक्त ब्रोकर चुन सकते हैं जो उनके ट्रेडिंग उपयुक्त ब्रोकर को पूरा करता है ताकि उनके सफल ट्रेडिंग कैरियर के साथ नई ऊंचाई हासिल हो सके।

एक सही स्टॉक ब्रोकर कैसे चुनें? महत्वपूर्ण पैरामीटर की जाँच करें।

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भारत में चॉइस stock ब्रोकरेज फर्म के लिए
पैरामीटर यहाँ हैं:

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1.ब्रोकरेज शुल्क:

ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क चुनते समय ब्रोकर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि ब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लगाने में लाभदायक हो जाता है। ब्रोकरों द्वारा फिक्स्ड / फ्लेक्सिबल (प्रतिशत प्रतिशत और फ्लैट / फिक्स्ड चार्जेज) ब्रोकरेज चार्ज पॉलिसीज हैं। इस पैरामीटर के आधार पर विपरीत साइट के रूप में दिए गए सर्वश्रेष्ठ चार अनुशंसित हैं।

2. आदेश सुविधाएं:

ऑर्डर के प्रकार जो व्यापारियों को उनकी ट्रेडिंग शैली दिन/डिलीवरी के अनुसार ऑनलाइन/ऑफ़लाइन ऑर्डर की सुविधा के अनुसार लचीलापन प्रदान करते हैं। आजकल कुछ ब्रोकर सबसे उन्नत ऑर्डर सुविधा प्रदान करते हैं जैसे ट्रेलिंग स्टॉप लॉस और लक्ष्य ऑर्डर समान मार्जिन जो सुरक्षित दिन व्यापारी और स्वतंत्रता

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