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framework of E commerce in hindi(ई - कॉमर्स फ्रेमवर्क):-
framework of e commerce एक ऐसा फ्रेमवर्क है जिसमें ई - कॉमर्स के द्वारा किए जाने वाले कार्यों का समावेश है । framework of e commerce को इलैक्ट्रॉनिक कॉमर्स फ्रेमवर्क ( Electronic Commerce Framework ) भी कहा जाता है । फ्रेमवर्क मतलब किए जाने वाले कार्यों का एक ढांचा ।
E- commerce framework in hindi:-
Benefits of e-commerce in framework in hindi:-
ई - कॉमर्स के उपयोग से समय तथा धन की बचत होती है क्योंकि इसमें मध्यस्थों ( जो विक्रेता व क्रेता के मध्य होते हैं ) के द्वारा लिए जाने वाले लाभ से मुक्ति मिलती है । ई - कॉमर्स से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बहुत प्रोत्साहन व लाभ मिला है । इसके निम्नलिखित लाभ हैं
1. बड़े नेटवर्क से जुड़ना :-
ई - कॉमर्स के लिए buyer अथवा seller को सर्वप्रथम इन्टरनेट है , जिससे उसे एक स्थान पर बैठे ही कई तरह की जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं । इस नेटवर्क के माध्यम से व्यक्ति सामाजिक नेटवर्क वेबसाईटों ( Social network websites ) के द्वारा समाज के व्यक्तियों , मित्रों , रिश्तेदारों व कई प्रकार के सलाहकारों से भी जुड़ सकता है तथा उसे कई प्रकार के direct अथवा indirect लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
2. कोई मध्यस्थ नहीं:-
परम्परागत ( Traditional ) बाजार में consumer के मध्य कई प्रकार के मध्यस्थ होते हैं , जैसे कि Wholesaler , seller आदि । उत्पादक को इन्हें भी मुनाफे का कुछ हिस्सा देना होता है , जिससे उत्पादन का मूल्य बढ़ जाता है । ई कॉमर्स के द्वारा buyer ( consumer ) सीधे मुख्य seller अथवा उत्पादक से जुड़ सकता है , इसमें कोई मध्यस्थ नहीं होते हैं , तथा मूल्य कम होता है ।
3. अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रवेश आसान :-
इन्टरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जिसके द्वारा व्यक्ति एक स्थान पर बैठे ही विश्व से जुड़ सकता है । ई - कॉमर्स में इन्टरनेट के द्वारा व्यापार होता है । अतः ई कॉमर्स के अन्तर्गत buyer - seller सीधे ही ईकामर्स क्या है एक - दूसरे से सम्पर्क कर व्यापार कर सकते हैं । buyer - seller दोनों ही एक ही देश के या अलग - अलग देश के भी हो सकते हैं । अतः ई - कॉमर्स के द्वारा आसानी से अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश किया जा सकता है ।
4. समय की बचत :-
ई - कॉमर्स के द्वारा वस्तुओं का Buy - sell करने के लिए buyer को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती वस्तुत : समय की बचत होती है । buyer व seller इन्टरनेट के माध्यम से व्यापार करते हैं तथा buyer घर बैठे ही वस्तुएं खरीद सकता है , जिससे समय व धन दोनों की बचत होती है।
5. एक स्थान पर बैठे ही वस्तु की जानकारी व उपलब्धता:-
ई - कॉमर्स के द्वारा buyer एक स्थान पर बैठे ही कई प्रकार की अलग - अलग वस्तु , कीमत आदि की जानकारी एक स्थान पर बैठे ही प्राप्त कर सकता है । इसके माध्यम से किसी वस्तु का क्रय करने पर seller द्वारा उस वस्तु को buyer के पास पहुंचाया जाता है , जिससे buyer को उसके स्थान पर बैठे ही वस्तु उपलब्ध हो जाती है ।
Disadvantages of e-commerce in framework:-
ई - कॉमर्स से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को बहुत प्रोत्साहन व लाभ मिला है । परन्तु फिर भी इससे कई प्रकार की हानियां सामने आती हैं । ई - कॉमर्स से ईकामर्स क्या है होने वाली हानियों में से कुछ हानियां इस प्रकार हैं
1. इन्टरनेट पर निर्भरता :-
ई - कॉमर्स के द्वारा वस्तुओं का क्रय - विक्रय , मनी ट्रांस्फर , वस्तुओं की जानकारी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में प्रवेश की सुविधा आदि समस्त सेवाएं पूर्ण रूप से इन्टरनेट के माध्यम से से ही प्रदान की जाती हैं । consumer को इनका लाभ उठाने के लिए इन्टरनेट की जानकारी होना व इन्टरनेट के साथ कार्य करने का ज्ञान भी होना आवश्यक है । यदि कोई व्यक्ति कम्प्यूटर तथा इन्टरनेट के ज्ञान से Unaware है वह इस तकनीक का उपयोग नहीं कर सकता । अतः यह पूर्ण रूप से इन्टरनेट पर निर्भर है ।
2. साइबर क्राइम को बढ़ावा :-
इन्टरनेट के अधिक उपयोग करना तथा ई - कॉमर्स का प्रयोग करके मनी ट्रांस्फर , क्रडिट कार्ड के द्वारा ऑनलाईन खरीदारी आदि होने से कुछ लोग इसका अनुचित लाभ उठाते हैं जो कि अपराध है , इस अपराध को साइबर क्राइम का नाम दिया जाता है । हालांकि ई - कॉमर्स के द्वारा साइबर क्राइम को रोकने की जानकारी व इससे बचने के लिए विशिष्ट प्रकार की सुरक्षा सुविधाएं दी जाती हैं परन्तु फिर भी साइबर क्राइम हो रहा है । जैसे ही ई - कॉमर्स अत्यधिक प्रचलिन हुआ है वैसे ही इसके abuses में भी बढ़ात्तरी होने लगी है जिससे साइबर क्राइम को बढ़ावा मिल रहा है ।
3. सुरक्षा व गोपनीयता का अभाव:-
इस तकनीकी व्यवसाय में सुरक्षा व गोपनीयता खोने का भय बना रहता है । प्रतिदिन क्रेडिट ईकामर्स क्या है कार्ड के abuses एवं कम्प्यूटर के हैक होने के तथा पासवर्ड चोरी होने के समाचार अखबार की सुर्खियाँ बनते हैं ।
4. माल delivery में देरी:-
कई बार हमें अति आवश्यक रूप से किसी वस्तु की आवश्यकता होती है , उस समय ई - कॉमर्स हमारी सहायक नहीं हो सकती । मान लीजिए किसी व्यक्ति को बॉल पैन की आवश्यकता है तो वह सीधे बाज़ार से जाकर खरीदेगा ना किसी किसी वेबसाईट पर जाकर । यदि वह इन्टरनेट के माध्यम से पैन खरीदेगा तो उसकी delivery उसे कम से कम 3 से 4 दिन के बाद ही हो पाएगी । ऐसी वस्तुएं जिनकी आवश्यकता हमें तुरन्त है उन्हें ई - कॉमर्स की सहायता से तुरन्त खरीदकर तुरन्त प्राप्त नहीं किया जा सकता ।
5. वस्तु को देखने व परखने की सुविधा का अभाव:-
हम कोई वस्तु खरीदने बाज़ार जाते हैं तो वस्तु को देखकर खरीदते हैं । वस्तु को देखने से meaning उसके आकार , वज़न व गुणवत्ता आदि को जानकारी प्राप्त करने से है । यदि हम किसी वस्तु को ऑन लाईन खरीदते हैं तो वास्तव में हम उस वस्तु को छू कर देख नहीं सकते हैं अर्थात् उसकी गुणवत्ता की पूरी जानकारी हमें प्राप्त होना सम्भव नहीं है । मान लीजिए आप किसी पार्टी वेयर खरीदना चाहते हैं , उसकी कीमत के अनुसार आप उसे छू कर उसकी गुणवत्ता को परखते हैं यह सुविध ऑन लाईन शॉपिंग में नहीं होती है ।
What is E-commerce – Benefits and Disadvantages
You must have heard the word e-commerce from somewhere or the other, nowadays it is very popular, but do you know What is E-commerce and what comes under it, in this post today In this we will tell you what is e-commerce. What are its advantages and disadvantages.
What is E-commerce
E-commerce or electronic commerce is the means of buying or selling any goods or services through the Internet, if we say in simple language, whatever we buy online, all the types of e-commerce are Amazon, Flipkart, Myntra etc. e-commerce. prime example of
In today’s time, the use of e-commerce is increasing very fast, nowadays every small item to the biggest items are also available on e-commerce store.
Benefits of e-commerce
E-commerce is beneficial for both the merchant and the consumer. Following are some of its advantages.
- The consumer often gets the goods at the e-commerce store at a cheaper price than the market.
- E-commerce store can be started by the merchant at a low cost.
- Whatever item we want to buy through e-commerce, we can easily find it, we do not need to roam from shop to shop.
- Time is saved through e-commerce, through this, shopping is done in a lot of time, we can shop from anywhere only with the help of our mobile.
- You can ईकामर्स क्या है easily find your favorite item with e-commerce.
Disadvantages of E-commerce
There are many advantages of e-commerce but it also has some disadvantages.
- In e-commerce, we buy any item by looking at its image, we cannot check it in front of our eyes, sometimes the actual item may be slightly different from the item shown in the image.
- E commerce cannot be used if there is no internet facility
- There is also a possibility of fraud on e-commerce, so we should buy only from the operated e-commerce store, avoid buying from any unknown place.
- After shopping, we do not get the goods immediately like in the market, we have to wait for a few days.
So by reading this post, you must have come to know that what is e-commerce, what are its advantages and disadvantages, if you have any other question about e-commerce, then you can ask by commenting.
ईकामर्स क्या है
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E-Commerce क्या है ? – What is E-Commerce
लेकिन क्या आप जानते है कि E-Commerce क्या है ?, E-Commerce कितने प्रकार का होता है ?
E-Commerce ने दुनिया भर के बाजार में खरीद और बिक्री में क्रांति ला दी है। जहाँ लोगो को अपनी आवश्यकता की चीजे लेने के लिए कई जगह जाना पड़ता था।
वही आज हम अपने आवयश्कता की चीज खुद पसंद करके एक क्लिक में अपने घर पर मंगवा सकते है। और ये सब ई-कॉमर्स के बिना असंभव था।
E-Commerce ने खरीददार के साथ-साथ एक व्यापारी के व्यापार को भी बहुत आसान बना दिया है। कुछ व्यापारी अपने शॉप से ऑफलाइन नहीं कमा सकते। उससे कई ज्यादा ई-कॉमर्स की सहायता से ऑनलाइन बिक्री से कमा लेते है।
वही हमारे बीच कुछ लोग ऐसे है। जिनको E-Commerce के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तो आज की इस पोस्ट में मैं आपको E-Commerce क्या है बताऊंगा.
E-Commerce क्या है ?
E-Commerce को Electronic Commerce या Internet Commerce के नाम से भी जाना जाता है। इंटरनेट के माध्यम से किसी उत्पाद या सेवा को खरीदना या बेचना तथा ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर या शेयर करने की प्रक्रिया को ही E-Commerce कहते है।
यहाँ E का मतलब Electronic और Commerce का मतलब वणिज्य अर्थात व्यापर से है।एक आसान भाषा में कहा जाये तो Online Shopping, Payment Transfer, Online Ticket Booking आदि सुविधाएं ई-कॉमर्स के अंदर ही आती है।
यह एक ऐसा माध्यम है जो व्यापारी और ग्राहक के बिच बिना किसी सम्बन्ध और समय की बर्बादी के वस्तु को उपलब्ध करवाता है।इस माध्यम की सहायता से लोगो को शॉपिंग करने के लिए घर से बाहर नहीं जाना पड़ता है। सिर्फ E-Commerce वेबसाइट पर जो वस्तु लेनी है। उसे पसंद करके आर्डर करने पर आर्डर हमारे घर तक पहुँच जाता है।
यह व्यापर ज्यादातर E-Commerce वेबसाइट और Mobile App के जरिये किया जाता है। उदहारण- Flipkart, Amazone, Paytm, Snapdeal आदि।
नई ई-कॉमर्स नीति: सभी महत्वपूर्ण जानकारी
भारत की नई ई-कॉमर्स नीति 1 फरवरी, 2019 से लागू हो गयी है. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नीति नियमों का एक नया सेट बनाया गया है. उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (पहले DIPP) ने उन्हें सरकार के संशोधित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों में खुद को संरेखित करने के लिए 60 दिनों की अवधि दी थी.
नई नीति की महत्वपूर्ण विशेषताएं:
1. विक्रेताओं के माध्यम से उत्पादों की बिक्री से बार्स ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं जिसमें उनका इक्विटी हित है
2. साथ ही उन्हें केवल अपने प्लेटफॉर्म पर उत्पाद बेचने के लिए ब्रांडों के साथ विशेष सौदों में प्रवेश करने से रोकती है
3. सभी ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को प्लेटफ़ॉर्म पर अपने उत्पादों को बेचने वाले सभी विक्रेताओं के लिए एक स्तर का स्तर बनाए रखने की आवश्यकता होगी, और यह किसी भी तरह से माल की बिक्री की कीमतों को प्रभावित नहीं करेगा.
4. विक्रेताओं की सूची को नियंत्रित करने के लिए ई-कॉमर्स खिलाड़ियों को अनुमति नहीं देता है. इन्वेंट्री पर ऐसा कोई भी स्वामित्व इसे मार्केटप्लेस आधारित मॉडल से इन्वेंट्री आधारित मॉडल में बदल देगा, जो एफडीआई का हकदार नहीं है.
5. ई-कॉमर्स रिटेलर को वेंडर की इनवेंटरी का मालिक माना जाएगा, अगर ऐसे वेंडर की 25% से अधिक खरीद उसके माध्यम से हो.
6. बड़ी छूट को रोकने के लिए बोली में कीमतों को प्रभावित करने से बाज़ार को प्रतिबंधित करता है. इसके साथ, कैशबैक, विस्तारित वारंटी, कुछ ब्रांडों के लिए तेजी से वितरण जैसे विशेष ऑफ़र निषिद्ध होंगे, एक स्तर की सेवा प्रदान करने के लिए.
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