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सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग 15 जुलाई से गुजरात में शुरू होगी, जानिए इसकी खास बातें

SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट सिटी में हर कारोबारी दिन लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी. SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देती है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं

शुक्रवार से गुजरात के गांधी नगर स्थित इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC)में सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग शुरू होने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी डॉलर आधारित निफ्टी फ्यूचर्स लॉन्च करने वाले हैं। पीएम मोदी गांधीनगर के गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (Gujarat International Finance Tech (GIFT) में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन करने वाले हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि शुरुआती कुछ महीनों में SGX Nifty फ्यूचर्स की ट्रेडिंग GIFT-IFSC और SGX पर साथ-साथ होगी। उसके बाद इस प्रोडक्ट की ट्रेडिंग सिंगापुर से बंद कर दी जाएगी।

गिफ्ट सिटी में अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और SGX ने NSE इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) SGX कनेक्ट नाम का एक स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) बनाया है। SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है सिटी में हर कारोबारी दिन लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी।

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क्या है SGX Nifty

SGX Nifty को सिंगापुर निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसके जरिए सिंगापुर एक्सचेंज में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के सौदे लिए जा सकते हैं। इसमें होने वाले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का सेटलमेंट भारतीय स्टॉक एक्सचेंज NSE पर होने वाले सेटलमेंट प्राइस पर ही होता है। इसके जरिए विदेशी निवेशकों को भारत में रजिस्ट्रेशन कराए बिना या भारत आए बिना भारतीय बाजार में निवेश की सुविधा मिलती है।

चूंकि SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देता है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं। इसके अलावा SGX Nifty भारतीय बाजारों की ओपनिंग कैसी होगी इसका संकेत देने वाला एक अच्छा इंडिकेटर भी माना जाता है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रेडर SGX Nifty की चाल पर नजर रखते हैं।

गिफ्ट सिटी भारत के गुजरात राज्य के गांधीनगर में प्लान किया हुआ एक डिस्ट्रिक्ट है। इसमें तमाम तरह के फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी से संबंधित कारोबारी केंद्र हैं। सरकार ने गिफ्ट सिटी को सिंगापुर, दुबई और हांगकांग जैसे क्षेत्रीय फाइनेंशियल हब के मुकाबले खड़ा करने के लिए तमाम तरह के टैक्स छूट का भी ऐलान किया है।

बता दें कि पीएम मोदी यहां एक इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का भी उद्घाटन करेंगे। जिसमें NSE, MCX, NSDL, CDSL की संयुक्त हिस्सेदारी है। इसके अलावा इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के बोर्ड में करीब 60 ज्वेलरों को भी शामिल किया गया है।

MoneyControl News

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Tags: # share markets

First Published: Jul 12, 2022 1:47 PM

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F एंड O बैन पीरियड – F एंड O बैन की गणना के लिए कारणों को जानें

अब यह प्रश्न आता है कि, MWPL क्या है और इसकी गणना कैसे की जा सकती है?

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F एंड O बैन की गणना कैसे करें?

बाज़ार की वाइड पोजीशन लिमिट निम्नलिखित क्राइटेरिया का निचला स्तर है:-

  • एवरेज शेयर के 30 गुना जो कि पिछले महीने के दौरान एक्सचेंज के कैश सेगमेंट में दैनिक रूप से ट्रेड किये जाते हैं׀
  • नॉन-प्रोमोटर्स के द्वारा होल्ड किये गए शेयरों की 20% संख्या अर्थात् किसी विशेष स्टॉक का फ्री फ्लोट׀

तो, आपको आपकी बाज़ार की वाइड-पोजीशन लिमिट मिल गयी है, अब आपको किसी एक विशेष स्टॉक में बाज़ार की वाइड-पोजीशन लिमिट संख्या की ओपन इंटरेस्ट की कुल संख्या के साथ तुलना करनी चाहिए׀

यदि ओपन इंटरेस्ट की कुल संख्या बाज़ार की वाइड पोजीशन फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है लिमिट के 95% से अधिक या उसके बराबर है तो वह स्टॉक बैन पीरियड में प्रवेश करेगा׀

वह स्टॉक तब तक बैन पीरियड में रहेगा जब तक कि स्टॉक का कुल ओपन इंटरेस्ट बाज़ार की वाइड पोजीशन लिमिट से 80% या उससे कम नहीं हो जाता׀

केवल इसके बाद ही सामान्य ट्रेडिंग फिर से शुरू होगी׀

आप स्टॉकएज एप्प का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को फ़िल्टर करने के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग स्कैन का भी उपयोग कर सकते हैं׀

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कॉल ऑप्शन- अर्थ, प्रकार और प्राइस इन्फ्लुएंसर्स

Forward Contract Meaning – उदाहरण, बेसिक्स, और रिस्क

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F&O: फ्यूचर्स-ऑप्शंस देते हैं कम लागत में ज्यादा पैसा कमाने का मौका

Futures & Options: आप केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी फ्यूचर्स-ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - July 27, 2021 / 02:38 PM IST

F&O: फ्यूचर्स-ऑप्शंस देते हैं कम लागत में ज्यादा पैसा कमाने का मौका

Future & Option: कम इन्वेस्टमेंट करके ज्यादा मुनाफा कमाना कौन नहीं चाहेगा? सभी लोग ऐसा चाहते हैं और उसके लिए मार्केट में कई तरह फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है के विकल्प उपलब्ध हैं. आज हम ऐसे ही एक विकल्प, यानी फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) डेरिवेटिव्स के बारे में जानेंगे. यह फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है आपको केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी ट्रेडिंग करके पैसा कमाने का मौका देता है. इससे आपको कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचने में मदद मिलती है.

फ्यूचर्स (Futures) क्या होता है?

कई प्रकार के डेरिवेटिव (derivative) में से एक प्रकार है फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट. इस प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट में खरीदार (या विक्रेता) किसी विशेष संपत्ति की एक निश्चित मात्रा को भविष्य की तारीख में एक विशिष्ट कीमत पर खरीदने (या बेचने) के लिए सहमत होता है.

उदाहरण से समझते हैंः आपने एक फिक्स्ड तारीख पर XYZ कंपनी के फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है 50 शेयरों को 100 रुपये में खरीदने के लिए एक फ्युचर कोन्ट्राक्ट खरीदा है. जब ये कॉन्ट्रैक्ट की एक्स्पायरी होगी तब आप उसकी मौजूदा कीमत के बावजूद, 100 रुपये पर ही शेयर प्राप्त करेंगे. यहां तक कि अगर कीमत 120 रुपये तक जाती है, तो भी आपको प्रत्येक शेयर 100 रुपये पर मिलेगा, जिसका मतलब है कि आप 1,000 रुपये का शुद्ध लाभ कमाते हैं. यदि शेयर की कीमत 80 रुपये तक गिरती है, तो भी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है आपको उन्हें 100 रुपये पर खरीदना होगा, ऐसे में आपको 1,000 रुपये का नुकसान होगा.

ऑप्शंस (Options) क्या होते फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है हैं?

डेरिवेटिव्स के अन्य एक प्रकार को ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट कहते हैं. यह फ्युचर कोन्ट्राक्ट से थोड़ा अलग है जिसमें एक खरीदार (या विक्रेता) को एक विशिष्ट पूर्व-निर्धारित तिथि पर एक निश्चित कीमत पर एक विशेष संपत्ति खरीदने (या बेचने) का अधिकार देता है, लेकिन ऐसा करना उसका दायित्व नहीं होता. ऑप्शंस दो तरह के होते हैं, कॉल ऑप्शंस और पुट ऑप्शंस.

कॉल ऑप्शन – मान लें कि आपने एक निश्चित तिथि पर XYZ कंपनी के 50 शेयर 100 रुपये पर खरीदने के लिए कॉल ऑप्शन खरीदा है, लेकिन शेयर की कीमत एक्स्पायरी के वक्त 80 रुपये तक गिर जाती है, और आप 1,000 रुपये के नुकसान में चले जाते हैं. तब आपके पास 100 रुपये में शेयर नहीं खरीदने का अधिकार है, इसलिए सौदे पर 1,000 रुपये खोने के बजाय, आपको केवल कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुकाए गए प्रीमियम का नुकसान होगा, जो बहुत कम होता है.

पुट ऑप्शंस – इस प्रकार के ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में आप भविष्य में एक सहमत मूल्य पर संपत्ति बेच सकते हैं, लेकिन ऐसा करना आपका दायित्व नहीं. यदि आपके पास XYZ कंपनी के शेयरों को भविष्य की तारीख में 100 रुपये पर बेचने का विकल्प है, और समाप्ति तिथि से पहले शेयर की कीमतें 120 रुपये तक बढ़ जाती हैं, तो आपके पास शेयर को 100 रुपये में नहीं बेचने का विकल्प है, ऐसे में आप 1,000 रुपये के नुकसान से बच सकते हैं.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंगः

फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) का एक फायदा यह है कि आप इन्हें विभिन्न एक्सचेंजों पर स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकते हैं. आप स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक F&O का व्यापार कर सकते हैं, कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है एक्सचेंजों पर कमोडिटी आदि. F&O ट्रेडिंग में आपको 1 लाख रुपये के शेयर या कमोडिटी में ट्रेडिंग करने के लिए केवल 10,000 रुपये की जरूरत पड़ती है, क्योंकि आपको उसका पूरा दाम चुकाने के बजाय 10-30% मार्जिन पर सौदा करने का मौका मिलता है. आप किसी वस्तुओं को खरीदे बिना उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं.

F&O ट्रेडिंग में जोखिमः

फ्यूचर्स बाजार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉप लॉस लगाते हैं. स्टॉप लॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है, जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं.

Future Trading क्या होता है?

Future Trading क्या होता है?

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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिर से आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आप आगर स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करते है तोह future trading के बारे में भी सुने ही होंगे.लेकिन फिर भी आज में आपको future trading के बारे में थोडा जानकारी देना चाहूँगा जिससे नए ट्रेडर्स के लिए भी थोडा मदत मिल सके.

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  • क्या आप भी सोचते है की लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे ?

future trading क्या होता है?what’s future trading?

future trading या फिर future contract का मतलब होता है की आप किसी भी स्टॉक को एक्स्पिआरी तारीख से पहले उससे खरीदने या बेचने का बचन देते है कोई भी तै किया हुआ दाम पार .आगर आप ऐसे स्टॉक बेचे तोह उससे आपको किसी तै किया हुआ कीमत पार खरीदने वाला को ट्रान्सफर करना पड़ता है.

future trading कैसे होता है?

तैय किया हुआ तारीख पार यानि की एक्सपायरी के तारीख पार वोह कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होता है.जैसे हर गुरुबार को बैंक निफ्टी के weekly कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होता है.हर कॉन्ट्रैक्ट एसेट या cash भुगतान की बाकाया राशि देने के से या मुनाफा लेने से उसी तारीख को समाप्त हो जाता है.और जोह बेकती future कॉन्ट्रैक्ट लेने वाले बेकती को लागे की आगे भी मुनाफ़ा कामाया जा सकता है तोह कॉन्ट्रैक्ट को रोलओवर कर सकते है यानि की नेक्स्ट माहीने के लिए उससे continiue करके भी जादा से जादा मुनाफा कामाते है.और आगर future कॉन्ट्रैक्ट्स लेने वाला आदमी उसके लेने वाले positions से खुस नहीं है या फिर नुक्सान हो राहा है तोह वोह उससे expiary के पहले ही उसको बेच सकते है और लोस बुक भी कर सकते है.

दोस्तों यह था future tarding की पूरी जानकारी और मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट से समझ में आजाएगा की future trading कैसे होता है और future ट्रेडिंग का क्या मतलब है.स्टॉक मार्किट से जुड़े हुए हर एक टॉपिक के बारे में जानने के लिए market basics catogory को चेक करे उसमे आपको स्टॉक मार्किट से जुड़े हुए बहुत पोस्ट मिल जायेगा.और ऐसे ही हर दिन एक नया पोस्ट आपके मेल बॉक्स में पाने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.

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